*तिरंगा*
लहर लहर लहराए तिरंगा देखो कितनी शान से बेटी वन्दना भारत भूमि की कहती हूं अभिमान से
लहर लहर लहराए तिरंगा
देखो कितनी शान से ।
बेटी वन्दना भारत भूमि की
कहती हूं अभिमान से ।
गंगा, यमुना, कृष्णा,कावेरी
कलकल बहती जाएं ।
शिखर पर सजता इसके हिमालय
मस्तक ऊंचा दिखलाए।
सर्वधर्म समभाव यहां पर
प्रेम हर इंसान से ।
लहर लहर लहराए तिरंगा
देखो कितने शान से ।
बेटी वन्दना भारत भूमि को
कहती है अभिमान से ।
हो सम्मान सदा वीरों का
गणतंत्र यह महान ।
जल थल वायु सेनाओं की
ताकत परम विशाल ।
दुश्मन की छाती पर चढ़कर
जय हिंद करें हुंकार के ।
लहर लहर लहराए तिरंगा
देखो कितने शान से ।
बेटी वन्दना भारत भूमि की
कहती है अभिमान से ।
वन्दना खरे मुक्त
चचाई जिला अनूपपुर म.प्र.