ये सीएमओ भी निकले छुपे रुस्तम इन पर भी लगा रिश्तेदारों को भर्ती करने का आरोप
*महिलाओ ने भी बेरोजगार युवाओं के पक्ष किया हल्ला बोल, खोला मोर्चा*
इन्ट्रो- संचनालय नगरी विकास विभाग द्वारा जिले के डोला, बनगवां, डूमरकछार नगर परिषदों में नियम कानून को ताक पर रखकर कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी संविलियन के माध्यम से भर्ती करने को प्रथम दृष्टया स्वीकार कर दोषी अधिकारियों का निलंबन तो किया गया लेकिन आगे की कार्यवाही के कोई स्पष्ट दिशा निर्देश न देकर चर्चित भर्ती घोटाले प्रकरण में दोषियों को लीपापोती करने व अपनी गर्दन बचाने के लिये नेताओं मंत्रियों के यहां चक्कर लगाना का पर्याप्त समय दे दिया गया।
अनूपपुर/राजनगर
स्थानीय बेरोजगार युवाओं के समर्थन में आंदोलन की शुरुआत करते हुए महिलाओं ने मोर्चा खोलते हुए राजनगर के युवाओं के सम्मान में महिला है मैदान में का नारा देते हुए गुरूवार 13 जनवरी को नगर परिषद बनगवां के मुख्य नगर परिषद अधिकारी को श्रीमान आयुक्त महोदय नगरी प्रशासन विभाग भोपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमे उल्लेख किया गया कि पूर्व में हुए नगर परिषद की शिकायत की जांच में गड़बड़ी के बाद पत्र क्रमांक 2021/280 भोपाल से पत्र में राजनगर के पूर्व सचिव व सरपंच के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 98 लाख की रिकवरी का आदेश तो दिया गया लेकिन उस आदेष की तामीली कब तक हो पायेगी यह समझ के परे हैं। नगर परिषद बनगवां का घेराव करते हुए महिलाओं ने नगर परिषद में संविलियन भर्ती घोटाले की जांच व कार्यवाही की माँग को लेकर मुहिम छेड़ दी है भाजपा और कांग्रेस के मिलीभगत को देखते हुए महिलाएं इस आंदोलन को लेकर सड़क पर उतर पडी हैं। अब देखना यह होगा कि संविलियन के खिलाफ रिकवरी का आदेश जारी करने वाले जिम्मेदार अधिकारियो के द्वारा संविलियन के माध्यम से की गई फर्जी भर्ती को कब निरस्त किया जाता है। महिलाओं ने ज्ञापन देकर स्पष्ट कर दिया है कि अधिकारी अगर जल्द इस फर्जी संविलियन भर्ती पर कोई ठोस कदम नहीं उठाते तो महिलाओं द्वारा व्रहद आंदोलन किया जायेगा।
*95 वर्षीय महिला ने की विरोध की शुरूआत*
वही आंदोलनकारी महिलाओं से बात की गई तो उनके द्वारा कहा गया कि इस फर्जी भर्ती घोटाले की जांच की मांग सबसे पहले नगर की 95 वर्षीय दादी श्रीमती राम कुमारी सिंह ने सौंपे गये ज्ञापन में पहले हस्ताक्षर करके शुरुआत कर दी है। नगर परिषद में हुये फर्जी भर्ती घोटाले के विरोध में यहां लोग एक जुट हो गये है। गुरूवार को सौंपे गये ज्ञापन में स्पष्ट मांग की गई है कि संविलियन के माध्यम से की गई भर्ती को पूर्णतः निरस्त करने के साथ ही दोषियो के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करते हुये उन्हें सलाखो के पीछे ढकेला जाये।
जीरो है कार्यवाही की प्रगति
नगरीय संचालय विकास विभाग द्वारा डोला, डूमरकछार नगर परिषदों में फर्जी भर्ती प्रकरण में 2 सीएमओ, 3 सचिव, 3 सरपंच उपयंत्री राकेश तिवारी और ज्वांइट डायरेक्टर मकबूल खान को दोषी पाते हुये निलंबन का आदेष जारी किये एक हफ्ता हो चुका है। लेकिन हफ्ते भर बाद भी कार्यवाही की प्रगति जीरो है, जो तरह-तरह की आषंकाओं को हवा दे रही है। संचनालाय द्वारा सचिव, राजस्व निरीक्षक, सरपंच के खिलाफ जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है। परंतु उन्हें स्पष्ट दिशा-निर्देश न होने से जांच प्रक्रिया की कागजी कार्यवाही नही दौड पा रही है।
*शासन-प्रशासन में उलझी कार्यवाही*
इस विषय पर जब इस मामले में कुछ लोगो ने विभागी अधिकारियों एवं जांच, कार्यवाही के नियुक्त प्रषासकों से बात-चीत की तो पता चला कि सीएमओ एवं जूडा निदेशक के खिलाफ जो भी जांच या कार्यवाही होगी, उसके बाद ही जिला प्रशासन भी अपने स्तर से कार्यवाही की रूपरेखा बना लेगा। एक प्रशासक ने इस बात को कहा भी कि उनके स्तर से एक पत्र भेजकर कार्यवाही की दिशा -निर्देश और कुछ बिंदुओं पर मार्गदर्षन मांगा है।
*रिश्तेदारों को भर्ती करने का आरोप*
विदित हो कि बनगवां नगर परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी राजेन्द्र कुशवाहा के विषय मे जनचर्चा है कि उन्होंने जबलपुर और सतना से अपने रिष्तेदारो प्रीति काछी पति नितिन काछी पता वार्ड नंबर 12 पनागर, वर्तमान पता न्यू प्रेम नगर कालरी राजनगर, शैलेश वर्मा, मूल पता सतना, वर्तमान पता इन्दिरा नगर एवं शैलेन्द्र वर्मा पर वर्तमान सीएमओ राजेन्द्र कुशवाहा के खास रिष्तेदार होने की जनचर्चा है। वैसे राजेन्द्र कुशवाहा ने भर्ती के बाद यहां का कार्यभार ग्रहण किया था, जिससे सीधे तौर किसी कार्यवाही से बच निकले, पर उनकी यह भूमिका संदिग्ध और सवालो के कटघरे में खड़ा जरूर कर रही है। इस तरह के अफवाह अटकलों में चर्चा का विषय बना भर्ती घोटाला में निष्पक्ष जांच से ही उन कई सवालो का जवाब जनता को मिल सकता है।