छात्रों के साथ शिक्षा विभाग का सौतेला व्यवहार, दूसरे ब्लॉक में बना दिया परीक्षा केंद्र
*सरकारी स्कूल होने पर भी कोरोना काल में घर से 10 से 15 किलोमीटर दूर जाना होगा परीक्षा देने*
अनूपपुर/भालूमाडा
शासन द्वारा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों का चयन किया गया है जिसमें अनूपपुर जिले के अंतर्गत जमुना संकुल में भालूमाडॉ नगर में स्थित 4 हाई स्कूल हायर सेकेंडरी स्कूलों के छात्रों के लिए उनका परीक्षा केंद्र 10 से 15 किलोमीटर दूर तय किया गया है।
इतना ही नहीं अनूपपुर ब्लाक अंतर्गत आने वाले इन स्कूलों का परीक्षा केंद्र कोतमा ब्लॉक में कर दिया गया है और सूत्रों की माने यह सारा खेल अनूपपुर जिला शिक्षा विभाग के एसी एवं डीईओ कार्यालय में बैठे जिम्मेदारों के द्वारा शायद जानबूझकर किया गया है।
एक और प्रदेश सरकार एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री कोरोनाकाल मे छात्रों की सुविधा के लिए बीमारी से बचाव के लिए लगभग 136 नए परीक्षा केंद्र बनाए हैं ताकि छात्रों को कोई परेशानी ना हो और वे लोग सुरक्षित होकर परीक्षा दे सके लेकिन अनूपपुर जिले में बैठे शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों ने यहां के छात्रों को परीक्षा के लिए मनमाने तरीके से अलग-अलग जगह भेजा इतना ही नहीं जमुना संकुल अंतर्गत पूर्व में जेईएम हायर सेकेंडरी स्कूल जमुना परीक्षा केंद्र हुआ करता था उसे भी हटा दिया गया वही भालूमाडॉ नगर में एसईसीएल हाई स्कूल परीक्षा केंद्र हुआ करता था उसे भी हटा दिया गया लेकिन एक भी परीक्षा केंद्र नए नहीं बनाए गए जबकि भालूमाडॉ नगर में शासकीय हाई स्कूल भालूमाडा क्रमांक 1 सरकारी स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाया जा सकता था लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सरकारी स्कूल की भी उपेक्षा करते हुए वहां के बच्चों को भी 10 किलोमीटर दूर जमुना सरकारी स्कूल में परीक्षा के लिए भेज दिया।
नगर में बाल शिक्षा निकेतन हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों का परीक्षा केंद्र कोतमा बालक स्कूल, सौरभ हायर सेकेंडरी स्कूल का परीक्षा केंद्र लतार हाई सेकेंडरी स्कूल , श्रमिक आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का परीक्षा केंद्र पोंडी-चोडी, सरकारी स्कूल भालूमाडा क्रमांक 1 का परीक्षा केंद्र जमुना कॉलरी बनाया गया है इन चारों परीक्षा केंद्रों में लगभग 200 से अधिक बच्चे परीक्षाओं के लिए परेशान होंगे छात्रों को परीक्षा केंद्र तक जाने की ना कोई सुविधा है और ना कोई साधन अब उन्हें या तो किसी से मदद मांगनी होगी या फिर घरवालों को किसी के पास हाथ पसारने पढ़ेंगे उनके बच्चों को परीक्षा केंद्र तक ले जाया जाए और वहां से वापस भी लाया जाए।
वैसे यह कोई पहला मामला नहीं है जब भालूमाडॉ नगर के छात्रों को इस तरह की समस्याओं से सामना करना पड़ रहा हो जिले का शिक्षा विभाग तो ऐसा लग रहा जैसे माफियाओं के कहने पर सारा काम करता है खबर तो यहां तक है कि जिम्मेदारों तक सुविधा शुल्क नहीं पहुंचाया गया तो उन्होंने अपने हिसाब से परीक्षा केंद्र तय कर दिए लेकिन जिम्मेदारों ने यह नहीं सोचा कि इस कोरोना काल में शासन के निर्देशों का पालन होगा या नहीं मुख्यमंत्री के आदेश का पालन होगा या नहीं बच्चों को परीक्षा केंद्र आने जाने में कितनी समस्याएं होगी शायद विभाग के जिम्मेदारों को नहीं पता।
नगर के बोर्ड परीक्षाओं के छात्र छात्राओं एवं उनके अभिभावकों की अपील है कि इस विषय पर जिला कलेक्टर महोदया संज्ञान में लेते हुए बच्चों के हित में परीक्षा केंद्र का चयन स्थानीय स्तर पर कराया जाए जिससे छात्र-छात्राएं कोरोना बीमारी से सुरक्षित होकर बिना किसी मानसिक दबाव के परीक्षा दे सके।
*इनका कहना है*
इस मामले में आप सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग अनूपपुर से बात कर ले परीक्षा का पूरा संचालन उन्ही के द्वारा किया जाता हैं।
*टी आर आर्मो जिला शिक्षा अधिकारी अनूपपुर*
*इस मामले में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग अनूपपुर पी ए चतुर्वेदी से उनके मोबाइल नंबर में 2 बार लगाकर बात करना चाहे तो उनका मोबाइल रिसीव नही हुआ वैसे इसके पहले भी कई मामलों में बात करना चाहे है तो इनका मोबाइल कभी आज तक रिसीव नही हुआ। कारण क्या है मोबाइल न उठाने का ये तो वही बता सकते है। अनूपपुर जिले में सहायक आयुक्त बनने के लिए इनको बहुत पापड़ बेलने पड़े है कोर्ट से आफिस तक का सफर बहुत ही लंबा तय किये हैं शायद उसी बात का गुस्सा सभी लोगो पर निकलते रहते है।*