श्रमिकों की जान जोखिम में डालकर करवा रहे सफर, बस संचालको का दबदबा

श्रमिकों की जान जोखिम में डालकर करवा रहे सफर, बस संचालको का दबदबा

रूपा और दीपू के साम्राज्य के सामने परिवहन विभाग, पुलिस विभाग नतमस्तक


अनूपपुर/शहड़ोल

करोना के नए वर्जन ओमीक्रोन से जहां पूरा विश्व परेशान हो चला है उस पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार भी रोजाना नए नए निर्देश देकर राज्यों को सचेत रहने के लिए कह रही है और भीड़भाड़ वाले सभी गतिविधियों को नियंत्रित करने के निर्देश दे रही है वही उन आदेशों के विपरीत शहडोल मध्य प्रदेश के बस संचालक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक निर्देशों की अवहेलना करते हुए अपनी बसों में रायपुर बिलासपुर से 140 से 150 सवारियों को भरकर कोनी रतनपुर केंदा पेंड्रा होते हुए अनूपपुर शहडोल होकर इलाहाबाद की ओर जा रही हैं इस बीच पड़ने वाले सभी थानों में प्रति चक्कर 2 से 3 हजार इंट्री सड़को पर तैनात सिपाही लेकर बकायदा इन गाड़ियों को हरी झंडी दे रहे है सीमावर्ती छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के नाके भी 2000.प्रति गाड़ी ले कर बसों को छोड़ रहे है ये सिलसिला पिछले 3 माह से लगातार संचालित हो रहा है !

उल्लेखनीय रहे कि इन दिनों छत्तीसगढ़ से उत्तर प्रदेश की ओर ईट  भट्ठों में काम करने वाले श्रमिकों का जाने का दौर दीपावली के बाद से चालू हो जाता है जिसमें मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के प्रयागराज बस सर्विस का मालिक विजेंद्र सिंह बिलासपुर और रायपुर के दलालों से मिलकर वही से करीब 5 6 बसों का प्रतिदिन संचालन कर रहा है,इसमें लगभग 140 से 150 मजदूरों को भरकर प्रत्येक बसों में उत्तर प्रदेश की ओर रवाना किया जा रहा है वही पक्षी राज बस संचालक रूपा भी किसी से कमजोर नही है, वह भी दीपू के पीछे-पीछे अपने पांच छह गाड़ियां लगाकर रात दिन बिलासपुर इलाहाबाद गाड़ी का ओवर लोड संचालन कर रहा है !

 बताया जाता है कि लगभग दो लाख लेबर प्रति साल अपने जीविकोपार्जन के लिए उत्तर प्रदेश आना-जाना करते हैं जिनको लेकर हर साल छत्तीसगढ़ के बस मालिकों और शहडोल के बस मालिकों में अधिक से अधिक सवारी ढोने की लालसा के कारण  तनाव की स्थति निर्मित होती है हर कोई बस मालिक चाहता है कि इस बड़े जनसैलाब में अधिक से अधिक लाभ अर्जित करे,लगभग दो दर्जन बसें इस मार्ग में संचालित होती हैं जिसमें एक दर्जन बसें छत्तीसगढ़ रॉयल,पायल,नवीन,नरेश, राजधानी, सिंह, कैपिटल, तिवारी, बाबू की प्रयागराज,और अन्य कई मालिकों की होती हैं जो आल इंडिया परमिट पर चलती है और लगभग वही एक दर्जन बसें शहडोल मध्य प्रदेश की मात्र दो कंपनी प्रयागराज दीपू की एवं पक्षीराज रूपा की होती हैं,मध्य प्रदेश के बस मालिक एक बस का परमिट रायपुर से शहडोल तक लेकर उसके आड़ में शहडोल से लेकर इलाहाबाद तक बारात परमिट लेकर अपना पूरा धंधा चलाते हैं अन्य बसे भी बारात परमिट लेकर चलाते हैं वही उनका यह प्रयास होता है कि छत्तीसगढ़ की बसें मध्यप्रदेश में न घुसे,ताकि यह बड़े पैमाने पर अपना लाभ अर्जित कर सकें ,, इसके लिए यह सारे अपने हथकंडे अपनाते हैं कभी वह शहडोल में शिकायत करते हैं तो कभी मंत्रालय में तो कभी वह राजनीतिक दलों को अपना मातहत बता कर समय-समय पर छत्तीसगढ़ बस मालिकों पर प्रशासनिक कार्यवाही करवाते रहते हैं तो कभी इनके द्वारा कई बार छत्तीसगढ़ के बसों के स्टॉप से भी रास्तों में मारपीट की जाती है।

 जिसकी शिकायत स्थानीय थानों में भी की गई है लेकिन इन शहडोल के बस मालिकों का इन थानों में इतना दबदबा है कि इनके खिलाफ थाना प्रभारी कोई कार्यवाही नहीं कर पाते, शहडोल में पुलिस और परिवहन विभाग इनकी कठपुतली बनकर इनका कार्य करते है बताया जाता है कि बीते दिवस शहडोल जिले के अंतर्गत इन दोनों बस मालिकों ने लगभग पांच छ बसों को राजनीतिक दबाव डालकर परिवहन और पुलिस विभाग के एक अधिकारी को लेकर स्वयं मौके पर खड़े होकर उन्हें गोपाहरू थाने में जप्त करवाया था बस पर ओवरलोड सवारी होने की कार्रवाई की गई थी अब यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि वही जब्ती के बाद पंछी राज और प्रयाग राज बस की दो गाड़ियों में 5 बसों की सवारी भरकर प्रशासन ने उनके गंतव्य स्थान तक भेजा था सवाल ये उठता है कि जब पांच बसे ओवर लोड थी तो उनकी सवारियां दो बसों में कैसे आ गई,प्रशासन की इस कार्रवाई से आज भी छत्तीस गढ़ के बस मालिक आश्चर्य चकित है !

बाहर हाल परिस्थितियां बड़ी गंभीर हो चली है,प्रतिस्पर्धा की इस होड़ ने बस संचालकों के बीच बड़ी दरारें पैदा कर दी हैं,दीपू और रूपा केवल इस मार्ग में अपनी ही गाड़ी संचालित करना चाहते हैं और इसके लिए वे तरह-तरह के हथकंडे अपना ते रहते हैं कभी सड़कों पर दादागिरी करते हैं तो कभी पुलिस और परिवहन विभाग को अपना सहारा बनाकर कार्रवाई करवाते हैं जो कभी सत्ता पक्ष के ताकतवर नेताओं के पास गिड़गिड़ा कर अपना वज्र साम्राज्य इन मार्गो पर स्थापित करना चाहते हैं,समय रहते ही यदि दोनों प्रदेश की प्रशासनिक जिम्मेदार अधिकारियों ने इनकी लड़ाइयों में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो आगामी समय में बेहद घातक परिणाम देखने को मिलेंगे !

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