विद्यालय में शीतकालीन अवकाश मगर आंगनबाड़ी संचालित, क्या नन्हे मुन्ने बच्चो को नही लगती ठंड ?
*सरकार, जिला प्रशासन एवं महिला बाल विकास के दो तरफा नियम पर उठ रहे सवाल, सरकार, प्रशासन कुम्भकर्णी नींद में*
अनूपपुर
तापमान में गिरावट के कारण प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में अवकाश घोषित लेकिन पूरे जिले में आंगनवाड़ी केंद्र हो रहे है संचालित
पूरे प्रदेश में तापमान में गिरावट और शीत लहरचलने के कारण पूरे प्रदेश एवं जिले में ठंड का कहर जारी है , बच्चो को ठंड से नुकसान न हो इसलिए प्रदेश स्तर से कक्षा 1 से 8 तक के समस्त शासकीय और निजी विद्यालयों में 22 दिसम्बर 2021 से 01 जनवरी 2022 तक अवकाश घोषित कर दिया गया है। लेकिन राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक के जिम्मेदारों ने आंगनवाड़ी में अवकाश के लिए कोई आदेश जारी नही किया है। या यूं कहें कि सरकार और जिला प्रसाशन बच्चो को ठंड से बचाव करने में भी भेदभाव करता है तभी तो प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में छुट्टी के आदेश 5 दिन पूर्व ही जारी किए जा चुके है और आंगनवाड़ियो का संचालन कड़ाके की ठंड में अब तक जारी है। क्या इन नन्हे मुन्ने बच्चों का अवकाश का अधिकार नही है या इन बच्चों को ठंड ही नही लगती ऐसे दो तरफ़ा नियम पर लोग सवाल उठाने लगे हैं। और सरकार के इस फैसले के कारण नन्हें मुन्ने बच्चो को मजबूरी में आंगनबाड़ी केंद्र में कड़कड़ाती ठंड में जाना पड़ रहा हैं वही प्रशासन सरकार जिम्मेदार अपनी आंख बंद करके बैठे है।
*कुंभकर्णी नींद में सरकार, जिला प्रशासन एवं महिला बाल विकास*
महिला और बाल विकास विभाग गहरी नींद में है ? ऐसा लगता है विभाग छोटे बच्चो को ठंड से बचाने का इक्छुक नही है ? । अगर प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के बच्चो को ठंड से बचाने के लिए छुट्टी घोसित की जा सकती है तो 3 से 5 साल के बच्चो को ठण्ड से बचाने की पहल क्यों नही की जा रही है ?
*विद्यालय में अवकाश है घोषित*
वैसे प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में 25 दिसम्बर 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक शीत कालीन अवकाश घोषित है लेकिन बढ़ती ठंड के कारण सहायक आयुक्त आदिवाशी विकाश विभाग ने पत्र जारी कर 22 , 23, 24 दिसम्बर 2021 और 01 जनवरी 2022 को बढ़ते तापमान के कारण अवकाश घोसित किया है ।
*कलेक्टर ने की लोगो को ठंड से बचने की अपील*
जिला कलेक्टर ने चल रही शीत लहर से बचने के लिए जिले वासियो से अपील जारी की थी और कहा था कि जिले के सभी निवासी ठंड से बचे और बिना आवश्यक कार्य के घरों से बाहर निकले खासकर बच्चे और बुजुर्ग।