जिला, संभाग एवं भोपाल की टीम की जांच का जिन्न अभी तक फ़ाइल में दफन
*जनता के सामने आना चाहिए सच, क्या बड़े नामो के कारण गड़बड़ी के खुलासे पर लग गयी रोक*
*माहभर पूर्व टीम ने किया था जांच, सीएमओ ने तीन के संविलियन और शेष दैनिकवेतन भोगी कर्मचारियों की नियुक्ति कही बात*
अनूपपुर
लम्बे समय से बनगवां, डोला और डूमकछार के प्रस्तावित नगर परिषद में गठित किए जाने की प्रक्रिया के बाद यहां कर्मचारियों के संविलियन और दैनिकवेतन भोगी कर्मचारियों की भर्ती की मची अफरा-तफरी में हुई गड़बड़ी की धुंआ ११ माह बाद भी नहीं छंटा है। तीनों नवीन नगरपरिषदों बनगवां, डोला, डूमरकछार में कर्मचारियों के संविलियन को लेकर लगाए गए आरोप प्रत्यारोप में जिला प्रशासन, कमिश्नर सहित जेडी कार्यालय रीवा और नगरी प्रशासन संचालनालय भोपाल द्वारा गठित टीम द्वारा की गई जांच पड़ताल के बाद भी तीनों स्थानों पर कर्मचारियों की नियुक्ति में अब तक कोई वास्तविक जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं हाल के महीने में भोपाल संचालनालय के निर्देश पर रीवा की दो सदस्यीय टीम ने बनगवां सहित डोला और डूमरकछार नगर परिषदों का निरीक्षण करते हुए यहां के दस्तावेजों को जब्त कर जांच प्रतिवेदन भोपाल को भेजा है। लेकिन माहभर बाद भी जिला सहित भोपाल स्तर के अधिकारी भी यह नहीं बता पाए हैं कि आखिर यहां किस प्रावधानों, अनुमति, और प्रक्रियाओं के तहत किसकी नियुक्ति की गई है। संविलियन भर्ती प्रक्रिया सही है या गलत है। जिसे लेकर पिछले ११ माह के दौरान स्थानीय नागरिकों के साथ राजनीति दल, श्रमिक संगठन, और युवाओं द्वारा आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए जिला प्रशासन, पुलिस अधीक्षक, जेडी शहडोल, कमिश्नर, और भोपाल संचालनालय तक शिकायत दर्ज कराई गई। लेकिन अब तक जांच की आंच तीनों नगरीय परिषद तक नहीं पहुंची है। जबकि इसी प्रकार से बकहो नगरीय परिषद के लिए अपनाई गई संविलियन प्रक्रिया में संचालनालय ने इसे निरस्त कर दिया है।
*मंत्री के विशेष सहायक ने जांच के लिए लिखा था पत्र*
नगरीय विकास एवं आवास, मंत्री मध्यप्रदेश शासन भोपाल के विशेष सहायक राजेन्द्र सिंह सेंगर ने पत्र क्रमांक 2133 /मंत्री न.वि./जी/ भोपाल, दिनांक 23/06/2021 को आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश भोपाल को एक पत्र लिखकर कहा गया था कि अनूपपूर जिले कि नवगठित नगर परिषद बनगवां, डोला एवं डूमरकछार तथा शहडोल जिले की नगर परिषद बकहो मे हुए भर्ती घोटाले की समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों की जाँच करवाये जाने की बात कही गयी थी उन्होंने पत्र में कहा गया कि विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित, अनूपपूर जिले की नवगठित नगर परिषद बनगवां, डोला एवं डूमरकछार तथा शहडोल जिले की नगर परिषद बकहो मे हुए भर्ती घोटाले से संबंधित विभिन्न समाचार पत्रो एंव अन्य शिकायती पत्र संलग्न है। उक्त परिषद के सीएमओ एवं संभाग के अधिकारियों द्वारा मिलीभगत कर अवैधानिक रूप से अपात्र लोगो की भर्ती किये जाने की शिकायतों का उल्लेख किया गया है, अतः "निर्देशानुसार" समाचार पत्र में प्रकाशित तथ्यों की सूक्ष्मता से जाँच कराने तथा जाँच प्रतिवेदन में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अविलम्ब कार्यवाही प्रस्तावित करने को कहा गया था मगर पांच माह बाद भी अभी तक जांच रिपोर्ट का क्या हुआ अभी तक कोई खुलासा नही हो पा रहा हैं जांच रिपोर्ट की आस में जनता बैठी है यहां पर 9 दिन चले अढ़ाई कोस वाली कहावत यहां पर चरितार्थ हो रही हैं।
*क्या है मामला*
जानकारी के अनुसार नवीन नगर परिषदों के गठन के साथ यहां नगरीय व्यवस्थाओं में कर्मचारियों की नियुक्ति और संविलियन की प्रक्रिया अपनाई जाना प्रस्तावित था। इसी दौरान बनगवां नगर परिषद के सीएमओ को दो अन्य नगर परिषद का प्रभार सौंपा गया। जिसके बाद तीनों ही नगरीय क्षेत्रों में कर्मचारियों की नियुक्ति हुई। लेकिन यहां हुई नियुक्ति के बाद स्थानीय स्तर पर लोगों ने विरोध करते हुए इसे बाहरी और परिचित व्यक्तियों को संविलियन के रूप में पदस्थापित करने का आरोप लगाते हुए जानकारी मांगी गई। यहीं नहीं इस खेल में राजनीति दलों के साथ श्रमिक संगठनों ने विरोध अपनाते हुए सीएमओ सहित अन्य के खिलाफ कमिश्नर, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप, धरना प्रदर्शन करते हुए कार्रवाई की मांग की गई। जिसमें यह भी बात सामने आई कि यहां संविलियन किए गए सैकड़ों कर्मचारियों में सभी राजनीतिक, स्थानीय रसूखदार, नगर परिषद के परिचित व्यक्ति और बाहरी लोग हैं।
*कलेक्टर और कमिश्नर ने भी बैठाया जांच, नहीं हुई कार्रवाई*
स्थानीय विरोध और लगातार ज्ञापन मिलने के बाद कमिश्नर शहडोल और कलेक्टर अनूपपुर द्वारा जांच टीम गठित कर जांच कराई गई। लेकिन इस मामले में अब तक कोई भी जानकारी सामने नहीं आ पाई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार अधिकारियों द्वारा जांच के बाद रिपोर्ट भोपाल भेजा गया। वहीं नगरीय प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल तक पहुंची शिकायत में पुन: मंत्री द्वारा संचालनालय को पत्र जारी करते हुए जांच कराने के निर्देश दिए गए। जिसमें संचालनालय भोपाल के निर्देश पर रीवा जेडी की टीम ने अनूपपुर पहुंचकर कार्यालय से दस्तावेजों के साथ सीएमओ सहित अन्य लोगों का बयान दर्ज किया था।
*जेडी शहडोल ने भर्ती से खींचे थे हाथ*
प्रावधानों के अनुसार नवगठित नगरीय निकायों में आवश्यकताओं के अनुरूप जेडी के निर्देश व अनुशंसा में स्थानीय सीएमओ द्वारा कर्मचारियों की नियुक्ति की जा सकती है। जिसमें कार्मिक संरचना में स्वीकृत पद में कुछ कम या ज्यादा हो सकते हैं। और इसकी सारी रिपोर्ट जेडी स्थापना कार्यालय में उपलब्ध होती है। बावजूद विवादों के दौरान जेडी शहडोल ने अपने हाथ खड़ा करते हुए सारी प्रक्रियाओं व जानकारी के लिए स्थानीय सीएमओ बनगवां के सिर थोप दिया। यहां तक यह भी बात कह दी कि मुझे इस सम्बंध में कोई जानकारी नहीं। वही सीएमओ बनगवां ने बताया कि संविलियन के रूप में यहां सचिव स्तर पर तीनों निकाय में तीन संविलयन भर्ती की गई है। शेष दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी है। जिसमें बनगवां में १२४ कर्मचारी, डोला में ९० और डूमकछार में ९० की नियुक्ति की गई है।