लोकतांत्रिक परंपरा का उल्लंघन, ग्राम प्रधान को पद प्रथक करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर

 लोकतांत्रिक परंपरा का उल्लंघन बिना आधिकारिक सूचना व आदेश की ग्राम प्रधान को पद प्रथक करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर

*मामला डोला डूमरकछार और बनगवा ग्राम पंचायत का* 


इंट्रो:- मध्यप्रदेश में 2016 के नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार अनूपपुर जिले में 3 ग्राम पंचायतों को नगर परिषद के रूप में नव गठित किया गया। जिसमें नगर परिषद की कार्यकारिणी चलाने हेतु नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा कई पद विभाग द्वारा जनरेट किए गए। जिनमें कई कर्मचारियों की भर्ती हुई। वही ग्राम पंचायत डोला में पूर्व में निर्वाचन के माध्यम से आए हुए सरपंच जोकि नवगठित परिषद के समय सरकार द्वारा ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान के रूप में कार्य कर रहे थे उन्हें बिना सूचना व आदेश के ग्राम पंचायत व परिषद से बाहर का रास्ता दिखाया गया बिना किसी सूचना से पद से पृथक कर दिया गया। जिसको लेकर अब जनप्रतिनिधियों व पूर्व सरपंचों ने प्रशासन द्वारा लोकतंत्र की चली आ रही परंपरा को समाप्त करने के विरोध में जबलपुर हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की है। 

अनूपपुर 

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 2016 में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा अनूपपुर जिले में 3 नगर परिषद का गठन किया गया जिसके बाद से उक्त नगर परिषद, डोला, डूमरकछार और बनगंवा सुर्खियों में बना हुआ है। मध्य प्रदेश के नवगठित नगर परिषदों में हाल ही में बागों में भर्ती प्रक्रिया को लेकर उच्च अधिकारियों पर निलंबन की गाज गिरी हुई है। वही बको के साथ उक्त तीनों परिषद का भी गठन हुआ था जिसमें अनैतिक तरह से भर्तियां भी की गई है जिसको लेकर जांच अभी लंबित चल रही है। नगर परिषद में हुए भर्ती को लेकर पूर्व में भी तात्कालिक सरपंचों एवं जनप्रतिनिधियों ने सरकार से जवाब तलब किया था। किंतु उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से किसी भी प्रकार की जानकारी स्थानीय नागरिकों व जनप्रतिनिधियों को नहीं दी गई। साथ ही में मिलीभगत कर बिना सूचना वाह किसी आधिकारिक आदेश के ग्राम प्रधानों को पद से पृथक कर दिया गया। चीन के द्वारा अब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की गई है जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से बिना सूचना आदेश के किए गए पद प्रथक को लेकर सुनवाई की जा रही है।

*हाईकोर्ट में याचिका दर्ज, माननीय न्यायालय से न्याय की गुहार कर रहे हैं ग्राम प्रधान*

उक्त तीनों ग्राम पंचायतों के परिषद गठन होने से पूर्व या बाद में कैसे भी प्रकार की सूचना या आदेश ग्राम प्रधानों को नहीं दिया गया और ना ही कोई जानकारी ग्राम प्रधानों से साझा की गई वही बिना जानकारी व आदेश के ग्राम प्रधानों को पद से पृथक कर दिया गया। जिसके बाद अब हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नगर पंचायत में कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की मांग के साथ 1 वर्ष के किए गए कार्यों की भी समीक्षा की मांग की जा रही है। पूर्व ग्राम प्रधानों द्वारा याचिका दायर कर माननीय न्यायालय से उक्त मामले को लेकर न्याय की मांग की जा रही है। 

*भ्रष्टाचार से लिप्त है भर्तियां*

अनूपपुर जिले के साथ शहडोल जिले में  बकहो नामक ग्राम पंचायत को नगर परिषद के रूप में गठित किया गया था जिसमें भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को लेकर हाल ही में शिकायत के बाद कार्यवाही की गई है जिसमें कुछ उच्च अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है साथ ही उनसे राशि वसूली के आदेश भी दिए गए हैं। शादी अभी डोला, डूमरकछार और बनगवां में हुए भर्तियों को लेकर प्रक्रिया दर प्रक्रिया जात चल रही हैं वहीं स्थानीय निवासी और जनप्रतिनिधियों की मांग है कि नवगठित परिषदों में हुए भर्तियों की जल्द से जल्द जांच कर उचित और वैधानिक कार्यवाही विभाग द्वारा की जावे जिससे कि क्षेत्र के युवा के साथ अन्याय हो सके और बेरोजगार युवकों को रोजगार प्राप्त करने का अवसर भी प्राप्त हो सके। 

*युवा कांग्रेस सहित नागरिकों ने किया था भर्ती प्रक्रिया का विरोध*

नवगठित नगर परिषदों की विस्तृत जानकारी ना देने और भर्ती प्रक्रिया के तहत अवैध रूप से भर्ती किए गए कर्मचारी अधिकारियों की जानकारी को लेकर पूर्व में युवा कांग्रेश और आम नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन किया था साथ ही कई शिकायतें भी की थी जिसमें अभी जांच बाकी है देखना यह है कि क्या शहडोल के बक्सों में हुई निलंबन की कार्यवाही के बाद उक्त नगर परिषदों में हुई फर्जी भर्तियों को लेकर भी प्रशासनिक किसी प्रकार की कार्यवाही की जाएगी या फिर लेनदेन से मामला समाप्त कर लिया जावेगा।

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