तुलसी महाविद्यालय के दायित्वों को नहीं संभाल पा रहे हैं प्राचार्य विक्रम सिंह
अनूपपुर
शासकीय तुलसी महाविद्यालय में शिक्षा बना मजाक 12 अगस्त 2021 से प्रभारी प्राचार्य विक्रम सिंह की नियुक्ति की गई किंतु 5 माह बीत जाने के बाद भी शासकीय तुलसी महाविद्यालय की व्यवस्था चरमराई हुई नजर आ रही है बच्चे बाहर घूम रहे हैं शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति लगाकर महाविद्यालय में उपस्थित के बजाय घरों में होती है जब इस बारे में प्रभारी प्राचार्य विक्रम सिंह से कुछ पत्रकारों द्वारा बात की गई तब उन्होंने बात को कैमरे के सामने टालमटोल करते हुए वाइट देने से इनकार कर दिया। इनको जिस उद्देश्य से जिला मुख्यालय के शासकीय तुलसी महाविद्यालय में लाया गया वो पूरा होते नजर नही आ रहा हैं इनके पहले भी महाविद्यालय का यही हाल था। प्राचार्य विक्रम सिंह महाविद्यालय में पूरा समय नही दे पा रहे हैं जिसके कारण व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो पा रहा हैं दूसरी तरफ शासकीय कन्या महाविद्यालय को खुले 5 माह बीत चुके हैं किंतु अब भी कोई सही व्यवस्था नहीं है अब तक 100 बालिकाओं ने एडमिशन ली है प्रभारी प्राचार्य के ढीले रवैए के कारण महाविद्यालय परिसर में हॉस्टल के गंदे एवं बदबूदार कमरे में जिसमें लगभग 30 बालिकाओं की बैठने की व्यवस्था की गई है क्या प्रभारी प्राचार्य विक्रम सिंह को अनूपपुर शहर में बालिकाओं के शासकीय कन्या विद्यालय खोलने के लिए कोई अच्छी जगह नहीं मिल पा रही हैं जो ऐसे कबाड़ खाने एवं गंदे माहौल में कन्याओं को शिक्षा देने का प्रबंध किया है यह शिक्षा का अपमान है ऐसे प्रभारी प्राचार्य विक्रम सिंह को जिले की कमान नहीं सौंपनी चाहिए जो कि अपने दायित्वों को ही पूर्ण नहीं कर पा रहे वह जिले के 8 महाविद्यालयों के दायित्व कैसे निभाएंगे यह बड़ा सवाल हमारे आने वाले भविष्य के बच्चो के सामने है।