राम भरोसे यातायात व्यवस्था, पुलिस हुई बेलगाम, जांच के नाम चल रहा है गोरखधंधा

राम भरोसे यातायात व्यवस्था, पुलिस हुई बेलगाम, जांच के नाम चल रहा है गोरखधंधा

*सड़को पर चलती है प्रभारी की बादशाहत, दिन दहाड़े पुलिस से लुट रहे हैं यात्री, 100 रुपये में बिक रहा हैं ईमान*


अनूपपुर 

त्रिस्तरीय पंचायत का चुनाव एवं धान के अवैध खरीदी बिक्री में लगाम लगाये जाने के बहाने इन दिनों यातायात पुलिस के लिए वाहन चेकिंग के नाम पर जबरजस्त कमाई का जरिया बना हुआ है । लगभग 3 माह पूर्व अनूपपुर जिले के नए पुलिस कप्तान अखिल पटेल के पदस्थापना के बाद उनकी कार्यशैली से, आमजन को कई वर्षों बाद बहुत बड़ी राहत सी महसूस होने लगी थी ।आमजन में चर्चा का विषय बना हुआ था कि हमारे जिले में इतने अच्छे पुलिस अधीक्षक के रूप में अखिल पटेल की पदस्थापना हुई है निश्चित ही अवैध कारोबार में लगाम लगेगा हुआ भी यही  उनकी कार्यशैली से ऐसा प्रतीत होता रहा कि अभी तक पुलिस कर्मचारियों में जो वर्दी का एक धोंस बना हुआ था। और पुलिस के कर्मचारी उक्त वर्दी की दादागिरी पर कई वर्षों से लोगों को सड़क में निकलना मुश्किल कर दिए थे। अखिल पटेल के आगमन के बाद लगभग 3 माह तक सड़क में चल रहे दो पहिया , चार पहिया व बड़े वाहन के चालक व मालिक अपने आप को आत्म बल से ताकतवर मानने लगे थे । उन्हें यह पूर्ण विश्वास था कि अब सड़क में ट्रैफिक पुलिस के द्वारा की जा रही ज्यादती के शिकार नही होंगें। लेकिन अचानक वाहन चेकिंग के बहाने इन दिनों जिले की यातायात पुलिस पुन: अपने पुराने ढर्रे में चलती हुए देखने को मिल रही है। कारण  यह है कि अनूपपुर की ट्रैफिक पुलिस  को जिले की यातायात व्यवस्था से कोई लेना देना है नही इनके द्वारा सुबह 10 बजे शाम 5 बजे तक स्टेट हाइवे में सड़क के किनारे गाड़ी लगाकर वाहन चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली का खेल घूम घूम कर चालू कर दिया जाता है। क्योंकि यातायात विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को जिले में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के निर्देश को लेकर धान खरीदी बिक्री के नाम पर वाहन चेकिंग एक बहाना बना हुआ है। इन दिनों जिले की ट्रैफिक पुलिस को भूखे शेर की तरह सड़कों में टूट पड़ी है इन्हें बिल्कुल ही अपने विभाग के उच्चाधिकारियों का भय नहीं है, कारण की जिला प्रशासन के द्वारा इन्हें ट्रैफिक व्यवस्था के मद्देनजर कुछ पॉइंट निश्चित करके दे दिए गए हैं जबकि इनके द्वारा उक्त पॉइंट के बजाय एन एच -43 में घूम कर कभी सांधा से शहडोल रोड में बकही तक तो कभी साधा से बिजुरी तक घूम घूम कर केवल भूख मिटाने का काम किया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि ट्रैफिक के कर्मचारियों द्वारा सुबह 9 बजे से नगर के मुख्य मार्ग स्टेट हाइवे मैं पहुंच कर सत्तू के ढाबा में चाय पीना तो फुनगा में नाश्ता करना, वहीं दोपहर शुक्ला ढाबा में भोजन करते हुए अपना पूरा दिन बिता दिया जाता है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक इनके द्वारा 5 वाहनों का रसीद काटकर दिखावा करते हुए 15 वाहनों का नियम विरुद्ध पैसे लेकर भेज दिया जाता है । इतना ही नही ऐसे वाहन मालिक जो महीने में बंधा पैसा देते हैं। उन वाहनों को इशारा देकर निकाल दिया जाता है इस पूरे मामले को कर्मचारियों द्वारा अंजाम दिया जाता है तो अधिकारी कमरे में बैठकर उच्चाधिकारियों का लोकेशन लेते रहते है और खबर लगते ही तत्काल उन्हें उस जगह से किनारे होने की तार जोड़ने का काम प्रभारी द्वारा किया जाता है। जबकि जैतहरी मुख्य मार्ग की ओर से पूरी रात अवैध रेत से भरे वाहन के साथ ओवर लोड वाहन नजरों के सामने से निकलते है। उन पर रोक लगा पाने में पुलिस नाकामयाब साबित हो रही है। मीडिया के कैमरे के सामने जब हाइवे में इनके कुछ कर्मचारियों के द्वारा ओवरलोड वाहन को इशारा करके निकाल दिया जाता है। तो वहीं कुछ कर्मियों के द्वारा रोककर उनसे पूंछतांछ तक नही किया जाता और नियम विरुद्ध चल रहे वाहनों के मालिक से रिश्तेदारी निभा ली जाती है । कार्यवाही ऐसे लोगों की इनके द्वारा की जाती है जो गरीब तबके का व्यक्ति होता है उपचार के लिए अस्पताल जा रहा होता है,बच्चे स्कूल कालेज जाते हैं, किसान खेत जाता है,व्यापारी किसी कदर अपना पेट पालता है ऐसे लोगो को बर्दी का खौफ दिखाकर कार्यवाही के नाम पर डांका डाला जा रहा है।

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