प्रबंधन एसटीपी कंपनी पर मेहरबान इसलिए कंपनी को नही कर पा रही ब्लैक लिस्टेड

प्रबंधन एसटीपी कंपनी पर मेहरबान इसलिए कंपनी को नही कर पा रही ब्लैक लिस्टेड

*प्रबंधन की लापरवाही से फिर से हो सकता है लाखो का कोयला चोरी*


अनूपपुर

28 नवंबर की दरमियानी रात अवैध रूप से कोयला ले जाए जा रहे ट्रेलर वाहन पर आमाडांड कॉलरी परिसर से पुलिस ने पकड़ा था, कोयला चोरी का मास्टरमाइंड एसटीपी कंपनी में कार्यरत कैलाश मिश्रा को बताया गया यह वही कैलाश मिश्रा है जिसे एसटीपी कंपनी ने पूरा जिम्मा सौंपा था चाहे परिवहन ,बिल,कालरी संबंधित किसी भी दस्तावेज में हस्ताक्षर करने रहे हो सब का जिम्मा कैलाश मिश्रा के ऊपर ही था, कैलाश मिश्रा ने अपने साथ 3 कर्मचारियों को मिलाकर कोयला चोरी की वारदात को पिछले कई महीनों से अंजाम दे रहा था, नाम आने पर प्रबंधन ने 4 लोगों को ब्लैक लिस्टेड (कॉलरी परिसर में प्रतिबंध) कर दिया है लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है इस कंपनी को प्रबंधन ने आज तक नाम नहीं आने दी इसलिए कहीं ना कहीं कई सवाल खड़े होते हैं कि प्रबंधन ने आखिरकार इस कंपनी को बचाने में क्यों जुटी हुई है !

नियम तो यह है कि अगर कंपनी का जिम्मेदार व्यक्ति चोरी जैसे वारदात को अंजाम देता है तो जिम्मेदार व्यक्ति सहित उस कंपनी को भी ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई होनी चाहिए जब की पूरे सबूत सामने हैं कंपनी के मैनेजर ने ही सेटिंग कर ट्रेलर वाहन को परिसर के अंदर घुसाया , कंपनी के ही टैरेक्स  वाहन से कोयला भी लोड किया गया जब प्रमाण सामने आ गए प्रबंधन ने आनन-फानन में चार कर्मचारियों को तो ब्लैक लिस्ट कर कंपनी पर अपनी दया दृष्टि बरकरार रखी जिससे कई सवाल खड़े होने लगे हैं प्रबंधन को चाहिए कि  एसटीपी कंपनी को भी ब्लैक लिस्टेड करते हुए यह मिसाल पेश करें कि चोर कर्मचारी रखने से कंपनी को भी ब्लैक लिस्टेड किया जा सकता है, जिससे भविष्य में कोई अन्य कंपनी अपने कर्मचारियों की जांच परख करने के बाद ही काम पर रखें ! हालांकि प्रबंधन का कहना है जांच चल रही है कैलाश मिश्रा के पकड़ में आने के बाद अगर सबूत मिलते हैं तो एसटीपी कंपनी को भी कॉलरी परिसर से ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा !

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