एमबी पावर और एसीसी ने मध्य प्रदेश में फ्लाई ऐश के परिवहन के लिए हाथ मिलाए

एमबी पावर और एसीसी ने मध्य प्रदेश में फ्लाई ऐश के परिवहन के लिए हाथ मिलाए

*कमिश्नर राजीव शर्मा, कलेक्टर सोनिया मीणा, एमबी पॉवर के संयंत्र प्रमुख बी के मिश्रा ने फ्लाई ऐश रैक को दिखाई हरी झंडी*


अनूपपुर/जैतहरी

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता बढ़ाते हुए अग्रणी विविधीकृत विद्युत उत्पादन कंपनी एमबी पावर ने कटनी के कैमोर स्थित एसीसी सीमेंट फैक्ट्री को रेलवे के जरिए कंडीशन्ड फ्लाई ऐश की आपूर्ति शुरू कर दी है। एमबी पावर जैतहरी, अनूपपुर, मप्र, स्थित अपने प्रमुख ताप विद्युत संयंत्र से एसीसी सीमेंट को  कंडीशन्ड फ्लाई ऐश की आपूर्ति करेगी, जिससे फ्लाई ऐश का उपयुक्त इस्तेमाल सुनिश्चित होगा। एमबी पावर का अनूपपुर संयंत्र ऎसी पहल करने वाले चुनिंदा संयंत्रों में से एक है। 

फ्लाई ऐश की पहली ऐसी रेक शहडोल संभाग, मप्र से रवाना की गयी। इस क्षेत्र में अपनी तरह की ऐसी पहली पहल कॆ तहत शहडोल संभाग के आयुक्त श्री राजीव शर्मा और अनूपुपुर जिला कलेक्टर सुश्री सोनिया मीणा ने एमबी पावर के संयंत्र प्रमुख एवं मुख्य परिचालन अधिकारी श्री बीके मिश्रा की उपस्थिति में फ्लाई ऐश से युक्त रेक को झंडी दिखाकर रवाना किया।


इस मौके पर संभाग के आयुक्त श्री राजीव शर्मा ने कहा, " यह पहल फ्लाई ऐश के प्रबंधन और इसके उपयुक्त इस्तेमाल की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है। यह इस क्षेत्र में सड़क यातायात से लेकर पर्यावरण तक से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान है। इससे दूसरे उद्योगों को भी प्रेरणा मिलेगी। "

कलेक्टर सुश्री सोनिया मीणा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, " भारी वाहनों के जरिए फ्लाई ऐश की ढुलाई इस क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती है। इस शुभारंभ से कई समस्याओं का समाधान निकालने में मदद मिलेगी।"

एमबी पावर के संयंत्र प्रमुख एवं सीओओ श्री बीके मिश्रा ने कहा, "यह हमारे लिए गौरव का क्षण है। यह पहल निश्चित तौर पर एक जिम्मेवार कारपोरेट की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह स्थानीय समुदाय सहित सभी सहभागियों के हित में है।"

रेल नेटवर्क के जरिए एक निश्चित अवधि में बड़ी मात्रा में फ्लाई ऐश की ढुलाई की जा सकेगी, जो न सिर्फ किफायती होगी, बल्कि इससे समय और संसाधन की बचत भी सुनिश्चित होगी। ऐसी पहल पर्यावरण की सेहत के बेहद अनुकूल है। एक ओर जहां ऐश बल्कर के माध्यम से एक बार में 20 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश भेजा जा सकता है, वहीं रेल के जरिए 3500 से 4000 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश की ढुलाई की जा सकती है। इससे न सिर्फ सड़क हादसों और यातायात समस्याओं में कमी होगी, बल्कि यह पर्यावरणानुकूल भी साबित होगी।

श्री मिश्रा ने आगे कहा, " हम यह कदम उठाकर बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और विद्युत उत्पादन में उत्सर्जित फ्लाई ऐश के अधिक से अधिक पर्यावरणानुकूल इस्तेमाल के लिए इस पहल के विस्तार पर मंथन कर रहे हैं।" 

एसीसी के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, " अगले दशक के लिए एसीसी की सततता रणनीति है " सततता विकास(एसीडी) 2020 योजना, जो कि समूह की समग्र सततता विकास योजना से जुड़ी है। यह योजना तापमान, वर्तुल अर्थव्यवस्था, जल और प्रकृति,जन और समुदाय जैसे चार प्रमुख क्षेत्रों पर आधारित है।रेल के जरिए फ्लाई ऐश की ढुलाई इनमें से एक है। एसीसी और एमबी पावर का संबंध काफी सशक्त रहा है और रेल के माध्यम से कंडीशन्ड फ्लाई ऐश का परिवहन एक-दूसरे को और अधिक फ्लाई ऐश की पर्यावरणानुकूल तरीके से ढुलाई में मददगार साबित होगा।

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