भाईचारे के साथ जिले में धूमधाम से मनाया गया ईद-उल-मिलादुन्नबी का पर्व

भाईचारे के साथ जिले में धूमधाम से मनाया गया ईद-उल-मिलादुन्नबी का पर्व


अनुपपुर 

ईद-उल-मिलादुन्नबी का पर्व जिले भर में मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर  जिले भर में जगह-जगह जुलूस निकालकर भाईचारे का पैगाम दिया। पर्व के मौके पर चारो ओर रौनक नजर आई। 

ईद-उल-मिलादुन्नबी (बारावफात) पर्व को लेकर  पखवारे भर से तैयारी चल रही थी। इस दिन  हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं। मंगलवार को पर्व के मौके पर  जिला मुख्यालय अनुपपुर में  जुलूस मुहम्मदिया निकाला  निकाला गया। जुलूस के माध्यम से लोगों को आपसी भाईचारे व सौहार्द का संदेश दिया गया जिसमे मुस्लिम नवजवानों ने खूब बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।  इस बीच पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा को लेकर तमाम पुलिसकर्मी जुलूस में साथ साथ चल रहे थे। वहीं, जुलूस में शामिल लोगों ने शासन-प्रशासन की गाइडलाइंस का भी ध्यान रखा गया। ईद मिलादुन्नबी कमेटी के अध्यक्ष  मो लियाकत अली ने बताया कि इस्लाम के संस्थापक पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्मदिन हिजरी रबीउल अव्वल महीने की 12 तारीख को मनाया जाता है। 571 ईस्वीं को शहर मक्का में पैगंबर साहब हज़रत मुहम्मद सल्ल. का जन्म हुआ था। मक्का सऊदी अरब में स्थित है।

 आप सल्ल. के वालिद साहब (पिता) का नाम अब्दुल्ला बिन अब्दुल्ल मुतलिब था और वालिदा (माता) का नाम आमना था। मुहम्मद सल्ल. के पिता का इंतकाल उनके जन्म के 2 माह बाद ही हो गया था। ऐसे में उनका लालन-पालन उनके चाचा अबू तालिब ने किया। आपके चाचा अबू तालिब ने आपका खयाल उनकी जान से भी ज्यादा रखा।

आप सल्ल. अलै. बचपन से ही अल्लाह की इबादत में लगे रहते थे। आपने कई दिनों तक मक्का की एक पहाड़ी 'अबुलुन नूर' पर इबादत की। 40 वर्ष की अवस्था में आपको अल्लाह की ओर से संदेश (इलहाम) प्राप्त हुआ।

 अल्लाह ने फरमाया, ये सब संसार सूर्य, चांद, सितारे मैंने पैदा किए हैं। मुझे हमेशा याद करो। मैं केवल एक हूं। मेरा कोई मानी-सानी नहीं। लोगों को समझाओ। हज़रत मोहम्मद सल्ल. अलै. ने ऐसा करने का अल्लाह को वचन दिया, तभी से उन्हें नबूवत प्राप्त हुई।

*बस स्टैंड में भी इन्तिजाम*

 ईद मिलादुन नवी के अवसर पर बस स्टैंड कमेटी द्वारा एक दिन पूर्व मिलाद सरीफ का प्रोग्राम रखा गया था पूर्व क्षेत्र को विभिन्न रंगीन लाइटों से सजाया गया था और  विभिन्न प्रकार से ईद मिलादुन्नबी की तैयारी की गई मंगलवार को सबसे पहले उनके द्वारा जुलूस में आए लोगों का एक दूसरे से गले मिलकर इस्तकबाल किया गया इस के बाद तरह तरह की सिंनिया तफसील की गई 

*जुलूस के बाद आम लंगर*

जुलूस मुहम्मदिया जमा मस्जिद के सामने से होते हुए स्टेशन रोड बस स्टैंड आदर्श मार्ग होते हुए वापस जामा मस्जिद के पास पहुंचा जहां जुलूस की समाप्ति के बाद जोहर की नमाज के बाद फातेहा व  सलाम के बाद आम लंगर का कार्यक्रम कमेटी के सदस्यों द्वारा रखा गया था, जहाँ सभी ने बैठ कर आम लंगर में शामिल हुए कमेटी के सदस्य मो जावेद,  मो रियाज, मो अनीश तिगाला,मो रिजवान, मो इजहार, मो इस्राइल, मो आँसू मो कैस, मो आरसूल , मो इनायत,मो हनी, मो आसिफ, मो सालू, मो अमन, मो रसीद, मो अनवारुल,मो शाहिद, मो दानिश , मो रफीक आदि की भूमिका सराहनीय रही।

प्रशासन मुस्तैद जिला मुख्यालय में ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर पुलिस प्रशासन सुबह से ही मुस्तैद दिखा कार्यक्रम स्थलों पर प्रशासन और पुलिस ने नजरें बनाए रखें जुलूस के शुरुआत से लेकर जुलूस समाप्ति तक अनुविभागीय दंडाधिकारी कमलेश पुरी अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कृति बघेल अनूपपुर थाना प्रभारी अमर वर्मा उप निरीक्षक प्रवीण साहू आदि कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहे।

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