जातिगत आरक्षण को समाप्त कर आर्थिक व्यवस्था लागू करने की मांग लेकर ब्राह्मण समाज ने सौंपा ज्ञापन

जातिगत आरक्षण को समाप्त कर आर्थिक व्यवस्था लागू करने की मांग लेकर ब्राह्मण समाज ने सौंपा ज्ञापन


अनूपपुर

जातिगत आरक्षण को समाप्त कर जन कल्याण का दृष्टिकोण स्थापित करते हुये आर्थिक आरक्षण की व्यवस्था को लागू किये जाने की मांग को लेकर अखंड ब्राम्हण सभा न्यास के बैनर तले ब्रम्ह समाज बुधवार को एक दिवसीय उपवास रख कर अपनी पांच सूत्रीय मांगो का ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर प्रतिनिधी नायब तहसीलदार प्रदीप तिवारी को सौंपा। ब्रम्ह समाज द्वारा दिये गये ज्ञापन में कहा हैं कि आज हमारे देश और प्रदेश में सामान्य वर्ग को शासन द्वारा मतदान के अलावा किसी योजनाओं में बराबर का अधिकार नहीं दिया जा रहा हैं। देश,प्रदेश में सामान्य वर्ग के नागरिक माने जाते है लेकिन शासन की योजनाओं में हम लोग चौथे पायदान में हैं। देश में लगभग 40-50 वर्षों से सामान्य वर्ग के लोगों को शासन के द्वारा पूर्ण रूप से अपमानित करते हुये योजनाओं से वंचित किया जाता है। आने वाले समय में वर्ग व्यवस्था और अधिक घातक होने वाली हैं। इसलिये अब शासन व्यवस्था को सुधारना अति आवश्यक हो गया है। आजादी को पश्चात आरक्षण व्यवस्था को कुछ वर्षों के लिए लागू किया गया था लेकिन सत्ताधारी दलों द्वारा अपनी राजनीतिक के लिए इसे निरंतर बढ़ावा देकर सत्ता पाते रहें हैं। वर्तमान स्थिति में वर्ग आरक्षण के स्वरूप में परिवर्तन होना चाहिये इसे जातिगत न रखकर आर्थिक स्वरूप प्रदान करना चाहिए। शिक्षा क्षेत्र में आर्थिक दृष्टिकोण बनाते हुये,जातिगत आरक्षण समाप्त कर योग्यता के आधार पर दिये जाने की मांग की गई हैं। ब्रम्ह समाज ने पांच सूत्रीय ज्ञापन के माध्यम मांग की हैं कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एक्ट खत्म करनें, पवित्र नगरी अमरकंटक में आवासीय सर्वसुविधायुक्त संस्कृत विद्यालय खोला जाये। मप्र के सभी महाविद्यालयों में सामान्य वर्ग के छात्र/छात्रओं को भी आवासीय सुविधा एवं छात्रवृत्ति की सुविधा सामान रूप से देने, कर्मचारी / अधिकारियों को योग्यता के अनुसार चयन व पदोन्नति करने मांग की हैं।

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