डिप्टी रेंजर धार्वे की लापरवाही से जारी है वन भूमि पर अवैध कटाई व कब्जे...?
अनूपपुर
जिले के कोतमा वन परिक्षेत्र में वन भूमि पर अतिक्रमण आए दिन बढ़ता जा रहा है और वन विभाग के अधिकारियों,डिप्टी रेंजर व बीट गार्ड की मेहरबानी से जंगलों की कटाई अंधाधुंध हो रही है।वन विभाग के आला अफसर तनख्वाह शासन से जरूर लेते हैं लेकिन वफादारी अपने कर्तव्यों की ना करके जंगलों में हो रही वृक्षों की कटाई व अवैध कब्जे को लेकर आंख बंद कर लेते हैं।एक ओर वन भूमि से वृक्षों को खत्म किया जा रहा है,तो दूसरी ओर वन भूमि पर अतिक्रमण तेजी से बढ़ रहा है,वन विभाग के आला अधिकारी जंगल की सुरक्षा करने में नाकाम साबित हो रहे हैं।जिसके फलस्वरूप आज जंगलों की भूमि पर जगह जगह अतिक्रमण कर के बहुमंजिला पक्की इमारत तन रही है और लाखो करोड़ों की वन भूमि को औने पौने दामों पर वन विभाग के कुछ अधिकारियों से सांठगांठ कर अतिक्रमण किया जा रहा हैं।जिन अवैध अतिक्रमणकारियों से डिप्टी रेंजर साहब की सांठगांठ नही बनती उन कब्जाधारियों के मकान वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा धराशाई कर दिए जाते हैं।
*अंगद की तरह पांव जमाए बैठा वन विभाग की कुर्सी पर डिप्टी रेंजर*
अनूपपुर जिले के कोतमा वन परिक्षेत्र में पदस्थ डिप्टी रेंजर जवाहर धार्वे जब से कोतमा वन परिक्षेत्र में पदस्थ हुए हैं विवादो की सुर्खियों में बने रहते हैं,अपनी ऊंची पहुंच पकड़ के कारण डिप्टी रेंजर जवाहर धार्वे वन विभाग के आला अधिकारियों पर भारी है।जानकारी के अनुसार डिप्टी रेंजर साहब अवैध कटाई,अवैध परिवहन एवम अवैध रेत भंडारण के कारण तीन बार कोतमा वन परिक्षेत्र से ही सस्पेंड हुए और तीनो बार विभाग ने अपनी मेहरबानी दिखाते हुए डिप्टी रेंजर जवाहर धार्वे को कोतमा में ही बहाल कर दिया।ऐसा लगता है कि डिप्टी रेंजर जवाहर धार्वे वन विभाग के उच्च अधिकारियों पर ही भरी है या फिर डिप्टी रेंजर साहब ने अपनी ऊंची पहुंच पकड़ के आगे जिले के उच्च अधिकारियों को भी अपने काबू में कर रखा है।
*डिप्टी रेंजर अवैध कटाई और अवैध कब्जे में लगाम लगाने में नाकाम*
कोतमा वन परिक्षेत्र में पदस्थ जवाहर धार्वे कल्याणपुर, देवरी,मंटोलिया एवम चपानी बीट के डिप्टी रेंजर है,इन बीटो में अवैध रूप से वनों की कटाई एवम वन भूमि में कब्जे के मामले जमकर प्रकाश में आए है,अवैध वनों की कटाई व वन भूमि में किए गए कब्जे का मौका निरीक्षण करना तो दूर की बात है डिप्टी रेंजर जवाहर धार्वे इसकी सुध तक नहीं लेते।वही सूत्र बताते हैं कि डिप्टी रेंजर जवाहर धार्वे के बीटों में अवैध रेत उत्खनन व परिवहन भी जमकर साहब से अभयदान लेकर किया जाता था जिसकी अनुमति साहब ने दे रखी थी।परंतु जबसे नवागत रेंजर प्रवेश सिंह की पदस्थापन कोतमा वन परिक्षेत्र में हुई है तबसे डिप्टी रेंजर जवाहर धार्वे की दाल नही गल रही है और अवैध कार्यों पर काफी हद तक विराम लग गया है।
*डिप्टी रेंजर की गस्ती में भी सुस्ती*
अनूपपुर जिले के कोतमा वन परीक्षेत्र में पदस्थ डिप्टी रेंजर जवाहर धार्वे वन विभाग से तनख्वाह जरूर लेते हैं पर साहब को तनख्वाह घर बैठे चाहिए।वही यह भी माना जा रहा है कि जबसे कोतमा वन परिक्षेत्र में नए रेंजर की पदस्थापन हुई है तबसे डिप्टी रेंजर की दाल नही गल रही है और इनका राज नही चल रहा है व इनके द्वारा करवाए जा रहे अवैध कार्यों पर लगाम सी लग गई है जिसकी वजह से डिप्टी रेंजर जवाहर धार्वे का मन अब गस्त में भी नही लगता।वही डिप्टी रेंजर जवाहर धार्वे के सुस्त रवैया के कारण जंगली जानवरों का शिकार करने वाले शिकारियों के द्वारा फैलाए गए जाल में फसने के कारण करंट लगने से वन्य प्राणी की मौत भी होने का मामला भी सामने आया था।लेकिन डिप्टी साहब को इन सब बातों की कोई चिंता फिक्र नहीं है और साहब अपना सुस्त रवैया अपनाए हुए है और गस्त पर भी अपनी इच्छा अनुसार जाते हैं।
*इनका कहना हैं*
अवैध रूप से वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण को मुक्त कराने की कार्यवाही पहले की जा चुकी है और अगर वन भूमि पर कही नया कब्जा किया जा रहा है तो उस पर भी कब्जे से मुक्त कराने की कार्यवाही जल्द ही की जाएगी।
*प्रवेश सिंह भदौरिया रेंजर,वन परिक्षेत्र कोतमा*