पुलिस अधीक्षक की मेहनत पर फेर रहे पानी पशु तस्करों के विरुद्ध दिखावे की कार्यवाही
इंट्रो- जिले के पुलिस अधीक्षक ने माफियाओं के विरुद्ध अभियान छेड़ रखा है लोगों में खुशी है कि ऐसे पुलिस अधीक्षक कभी कभार ही जिले में आते हैं आज हर अपराधी अपराध करने से कतरा रहा है अपराधी यह कहते फिर रहे हैं कि इस बार के पुलिस अधीक्षक काफी कड़क है लेकिन उनके सपनों में उनकी ही पुलिस पानी फेर रही है !
अनूपपुर
जिले में पशु तस्करों का बोलबाला है पूर्व में भी कई बार यह बातें सामने आई थी कि पशु तस्करों व पुलिस की मिलीभगत होती है साथ ही इन्हें सफेदपोश नेताओं का भी संरक्षण होता है, हाल ही के दिनों पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में पुष्पराजगढ़ थाने में तैनात एक एएसआई पर पशु तस्करों से बातचीत के दौरान हुए ऑडियो रिकॉर्डिंग पर पुलिस अधीक्षक ने लाइन अटैच की कार्रवाई की थी साथ ही पशु तस्करों के विरुद्ध भी कार्यवाही की गई थी जिससे जिले में यह संदेश गया कि अब पशु तस्करों की खैर नहीं इसी कड़ी में भालूमाडा थाना अंतर्गत 6 से 7 अक्टूबर की दरमियानी रात ग्रामीणों ने पशु तस्करों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया था लेकिन पुलिस मुख्य आरोपी के विरुद्ध कार्यवाही करने से कतरा रही है मजदूरी में काम करने वाले पशु तस्कर के ऊपर कार्यवाही कर भालूमाडा पुलिस अपनी पीठ थपथपा ने में लगी है लेकिन उसे यह नहीं मालूम कि अभी भी मुख्य आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं !
मौके से पकड़े गए आरोपी ने बताया था अपने आकाओं का नाम- पकड़े गए पशु तस्कर से जब ग्रामीणों ने पूछा कि यह मवेशी कहां से लेकर आ रहे हो तब तस्कर ने बताया था छत्तीसगढ़ के उमरिया से लेकर आए थे हमें मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे शिकारपुर से जिम्मेदारी ग्राम पंचायत ऊरा के पशु तस्कर भोला केवट तक पहुंचाने की जवाबदारी मिली थी, इसके बाद वहां से भोला केवट मुख्य सरगना लखन साहू कोतमा थाना गढ़ी निवासी को मवेशी को पहुंचाता, फिर ट्रक में लोड होकर कटिंग के लिए इन मवेशियों को बाहर भेज दिया जाता है सवाल यह उठता है जब मौके मे पकड़े गए आरोपी अपने आकाओं का नाम बता रहा है तो पुलिस ने उन आकाओं के विरुद्ध क्यों नहीं कार्यवाही की जबकि मौके में मवेशियों के संबंध में किसी प्रकार से कोई भी दस्तावेज नहीं थे, पुलिस ने पशु तस्करों को संरक्षण देते हुए मवेशियों के रसीद लाने का मौका दिया अब पशु तस्कर रसीद लेकर आएंगे और अपने मवेशियों को लेकर चलता बनेंगे फिर चाहे इन मवेशियों को कटिंग के लिए भेजा जाए या फिर अन्य जगह ऐसे में कैसे पशु तस्करों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही होगी या फिर जिले में पशु तस्करी कैसे रुकेगी कई सवाल अपने आप में खड़े करते हैं !
कई बार आ चुके हैं इन तस्करों के नाम सामने- मौके से पकड़े गए तस्कर ने नाम लिया कि भोला केवट और लखन साहू इसके मुख्य सरगना है यह बात सही है कि कई बार इन सरगना के नाम सामने आ चुके हैं साथ ही इनके विरुद्ध थाने में मामले भी दर्ज है पूर्व में कोतमा एसडीओपी ने 1 सैकड़ा से ऊपर मवेशियों को बंधक बनाकर रखने की कार्यवाही भोला केवट के ऊपर की थी वही लखन साहू के नाम भी सामने आए थे पर पता नहीं पुलिस इन सरगना के विरुद्ध कार्यवाही करने से क्यों कतरा रही है !
*इनका कहना है*
मुझे किसी प्रकार से जानकारी नहीं है कि पशु तस्करों के मामले में क्या हुआ इस संबंध में विवेचक ही बता पाएंगे !
जोधन सिंह ,थाना प्रभारी भालूमाडा
मौके से एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया है मवेशी संबंधित रसीद उपलब्ध कराने की बात कहीं गई है भोला केवट व लखन साहू के नाम सामने आए थे रसीद प्रस्तुत होने पर मवेशी वैध है !
*अमेरिका चौधरी विवेचक भालूमाडा*
ग्रामीणों की सूचना पर मैं गया था पशु तस्कर ने अपने आकाओं के नाम बताए थे मवेशियों के संबंध में कोई भी दस्तावेज पशु तस्करों के पास नहीं थे पुलिस ने अभी तस्करों के विरुद्ध क्यों नहीं कार्यवाही की इस संबंध में जानकारी लेकर एसपी साहब से बात करेंगे !
*अमृतलाल केवट भाजपा जिला महामंत्री अनूपपुर*