जनकल्याण के लिए चौमासा काट रहे बाबा बाबूराम ने पहाड़ी में कराया भंडारा
अनूपपुर
जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत औढेरा के डोकरी आमा जंगल के बीच देवलोन व्यैाहारी के रहने वाले बाबा बाबूराम जो विगत 20 वर्षों से बाबा का रूप धारण कर जन कल्याण हेतु चौमासा चतुरमसा काटकर जंगलों में अपना समय व्यतीत कर कर रहे हैं शहडोल जिले के खोह पंचायत के कपिलधार में आश्रम बनाकर रहते हैं विगत 3 माह पूर्व औढेरा के डोकरी आमा के जंगल में अकेले रुक कर भक्ती कर रहे हैं इस दौरान भक्तों गणों ने उनके निर्देश पर भंडारा का आयोजन किया भंडारा में औढेरा सहित अनेको आसपास के ग्रामीणों के नन्हे मुन्ने बालक बालिका एवं ग्रामीण जन सम्मिलित रहे हैं यह उनका तीसरा भंडारा का आयोजन इस स्थल पर किया गया है इस दौरान जिला मुख्यालय अनूपपुर के वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल अपने साथियों के साथ डोकरी आमा जंगल जहां बाबा बाबूराम विगत 3 माह से जंगल में रुके हुए हैं कि स्थल पर आयोजित भंडारा में सम्मिलित होकर बाबा से बातचीत की बातचीत के दौरान बाबा बाबूराम ने बताया कि उनकी पैतृक निवास बड़ौधा तहसील ब्यौहारी के पास है जहां की भूमि विगत 25 वर्षों पूर्व बाणसागर बांध के डूब में आ जाने के बाद पूरी गृहस्ती छोड़ जनकल्याण के लिए बाबा का रूप धारण कर चार चार माह के लिए अनेकों वीरान जंगलों में रहकर समय व्यतीत कर रहे हैं बाबा स्वयं पत्तों में रोटी बनाकर तथा नमक के साथ आहार लेते हैं तथा भक्तों द्वारा दी गई सामग्री का दो-तीन माह के मध्य बीच-बीच में विशाल भंडारा का आयोजन कर नन्हे नन्हे बालक कन्या पूजन कर भंडारा आयोजित करते हैं उनका उद्देश्य जन कल्याण का है।