सुप्रीम कोर्ट के गाईड लाइन का पालन कराने के प्राचार्यों एवं प्रबंधकों को निर्देश
अनूपपुर
जिला परिवहन अधिकारी अनूपपुर ने सर्वोच्च न्यायालय के गाईड लाईन के अनुसार समस्त स्कूल, महाविद्यालयों के प्रबंधकों एवं प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि स्कूल, कॉलेज में छात्र-छात्राओं को लाने एवं ले जाने के लिए जिन बसों व अन्य वाहनों का उपयोग किया जाता है, वे सभी सर्वोच्च न्यायालय की गाईड लाइन के निर्देशों का पालन करते हुए वाहनों का बीमा, परमिट, पीयूसी, रजिस्ट्रेशन वैध होना अनिवार्य है। बसों के आगे-पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए। उन्होंने प्रबंधकों एवं प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि स्कूली बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। प्रत्येक बसों में आग बुझाने के उपकरण होने चाहिए। अगर किसी एजेंसी से बस अनुबंध पर ली गई है तो उस पर ‘ऑन स्कूल ड्यूटी’ लिखी होनी चाहिए। प्रत्येक स्कूल बस में हॉरिजेंटल ग्रिल लगे हों। स्कूल बस पीले रंग का हो, जिसके बीच में नीले रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम और फोन नंबर होना चाहिए। बसों के दरवाजे अंदर से बंद होने की व्यवस्था होनी चाहिए। बसों के सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। चालक का लाइसेंस वैध एवं बैच होने के साथ-साथ कम से कम 05 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव हो। चालक द्वारा यूनिफार्म में वाहन का संचालन किया जाए। किसी भी ड्राइवर को रखने से पहले उसका सत्यापन जरूरी हो एवं बस में कम से कम दो चालक होने चाहिए। चालक का कोई चालान नहीं होना चाहिए और न ही उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज हो। चालक के वाहन यात्रा के समय छात्र-छात्राओं के साथ एक महिला शिक्षक या शिक्षक का होना अनिवार्य है। छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए बैठक क्षमता से अधिक छात्र-छात्राओं का परिवहन कतई नहीं किया जाए। जिन शैक्षणिक वाहनों द्वारा बैठक क्षमता से अधिक छात्र-छात्राओं का परिवहन किया जाएगा, उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से अनुरोध किया है कि इस संबंध में समस्त स्कूलों को सूचित करें।