मजबूरी की पाठशाला में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर छात्र-छात्राएं मर्यादा अभियान पर लगा ग्रहण..?

मजबूरी की पाठशाला में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर छात्र-छात्राएं मर्यादा अभियान पर लगा ग्रहण..?

*मामा के राज में जर्जर विद्यालय, स्वच्छ भारत के नाम पर लग रहा पलीता*


अनूपपुर/पुष्पराजगढ़

यूं तो सरकार विकास के लाख दावे कर लें पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयाँ करती है विकास का राग अलापने वाली मौजूदा शिवराज सरकार के राज में भी शिक्षा का मंदिर का कहे जाने वाले स्कूलों की हालत दयनीय है हम बात कर रहे है अनुपपुर जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बम्हनी के ग्राम तिवारी टोला की जहाँ एक ही कैम्पस के अंदर माध्यमिक, प्राथमिक और आंगनबाड़ी भवन संचालित है माध्यमिक और प्राथमिक और आंगनबाड़ी को मिला लगभग 100 बच्चे स्कूल में अध्यनरत है इन स्कूलों में पढ़ने वाले बालक बालिका आज भी जजर्र भवन में बैठने को मजबूर है स्कूल आंगनबाड़ी में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र छात्राओं को शौचालय की सुविधा भी नसीब नही है जबकि हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी मर्यादा और स्वच्छता अभियान के लिए अनेको योजनाए चला रहे है और उनकी पृरी कोशिष है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न जाए। फिर भी जिम्मदारों की जिम्मेदारी पर सवाल उठ रहा है कि आखिर ये बच्चे स्कूल परिषर में बने शौचालय के बावजूद क्यू खुले में शौच जाने को मजबूर हैं ऐसी मजबूरी को "मजबूरी की पाठशाला" कहा जा सकता है।

*कभी भी धरासायी हो सकता हैं विद्यालय*

 कोरोना की दूसरी लहर के जब कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी हुई है और धीरे धीरे दैनिक दिनचर्या से जुड़े हर कार्यो को छूट देंना शुरू किया गया तो वही मध्यप्रदेश में स्कूल खोलने को लेकर शिवराज सरकार के फैसले के बाद प्रदेेेश भर में स्कूल खोले जा चुके है पहली से कक्षाओं का संचालन किया जा चुका है लेकिन स्कूल खुलने के बाद मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले पुष्पराजगढ़ में शिक्षा विभाग की कड़वी सच्चाई सामने आई है हालात ऐसे जो शर्मिंदगी से सर झुकाने को मजबर कर दें पुष्पराजगढ़ तहसील अंतर्गत जितनी भी शासकीय स्कूल आंगनबाड़ी संचालित की जा रही है 2 वर्ष के कोरोनाकाल के बाद इन भवनों की हालत भी जर्जर हो गई है ऐसे कई विविद्यालय है जहां शौचालय होने के बावजूद साफ सफाई के आभाव में बच्चे खुले में शौच जाने को मजबूर है मध्य प्रदेश सरकार सर्व शिक्षा अभियान के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है शिवराज सरकार के भांजे और भाजियों की स्थित काफी दयनीय और चिंता जनक है मामा शिवराज सिंह चौहान के भांजे भंजिया शौचालय होने के बावजूद खुले में शौच जाने को मजबूर है बरसात के दिनों मेंं कक्षा संचालित करना दूभर हो जाता है छतों सेे पानी रिसता रहता है स्कूल भवन की दीवारें जर्जर हालत में है यह हल्की बारिश मेंं ही धराशाई हो सकते हैं और बड़ा हादसा हो सकता है अब ऐसे जर्जर स्कूलों में बच्चे तो बच्चे शिक्षक भी खौफ खाने लगे हैं बच्चे जान जोखिम में डाल बैठने को मजबूर हैं।

*खुले में शौच जाने को मजबूर*

गौरतलब हो कि ग्राम पंचायत बम्हनी के तिवारी टोला स्कूल पुष्पराजगढ़ से महज 12 से 14 किमी दूर मेन रोड पर पड़ती है जहाँ से रोजाना अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है फिर भी स्कूल की बदहाल स्थित आज तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों को दिखाई नही पड़ी जब हमारे संवाददाता ने इस स्कूल का जायजा लिया तो स्कूल में मौजूद बच्चो ने बताया कि हम लोग खुले में शौच जाते है और विद्यालय की शिक्षिका जमुना से जब इस मामले में बात किया गया तो यह कह दिया गया कि इस गाँव के ग्रामीण ही स्कूल में गंदगी करते है पर मैंने आज तक शिकायत नही की है और बजट के आभाव मे शौचालय की साफ सफाई नही हो पा रही है एक शौचालय साफ है जब जरूरत पड़ती है तब ताला खोल दिया जाता है हमारी टीम ने ग्रामीणों से स्कूल का हाल जाना तो ग्रामीणों ने सीधा विद्यालय प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है बहरहाल आरोप और प्रत्यारोप लगते ही रहते है देखना होगा कि शिक्षा विभाग के संज्ञान में मामला आने के बाद क्या कार्यवाही करता है या यूं ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भांजे और भाजियों को खुले में शौच जाने को मजबूर होना पड़ेगा वही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से जब इस संबंध में बात किया गया तो कार्यकर्ता द्वारा बताया गया कि हमारे आंगनवाड़ी में शौचालय की सुविधा उपलब्ध नही है स्कूल के शौचालय से काम चला लेते थे पर वर्तमान में स्कूल के शौचालय की स्थिति सही नही होने से हमारे आंगनबाड़ी के बच्चे के बच्चे भी खुले में शौच जाने के मजबूर है।

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