कल्याण सेवा आश्रम के गौशाला का वास्तु पूजन सम्पन्न, 5 सौ गायों की रहने की व्यवस्था

कल्याण सेवा आश्रम के गौशाला का वास्तु पूजन सम्पन्न, 5 सौ गायों की रहने की व्यवस्था


अनूपपुर/अमरकंटक

 पवित्र नगरी माँ नर्मदा जी की उद्गम स्थली अमरकंटक में वीतराग तपस्वी बाबा कल्याण दास जी महाराज द्वारा संचालित कल्याण सेवा आश्रम के श्री नर्मदा नदी के दक्षिण पर नव निर्मित गौशाला बन कर तैयार हो चुका है , जिसमे लगभग 500 गायों की ब्यवस्था जिसमे छोटे बछड़े , गांये व बैलों की रहने हेतु डबल स्टोरी गौशाला का निर्माण हो चुका है । इनके चारा भूसा की ब्यवस्था हेतु गौशाला के पीछे एक बड़े गोडाउन का भी निर्माण हो चुका है । इनकी सेवा में लगने वाले गौ सेवादारों की भी ब्यवस्था हेतु सुंदर कमरों का निर्माण भी लगभग हो चुका है । इस गौशाला के निर्माण में लगभग पांच करोड़ रुपये के आस पास खर्च होने की बात बताई जा रही है । 

तपस्वी बाबा कल्याण दास जी महाराज ने गायों की चर्चा के दौरान बताया कि सनातन धर्म , संस्कृति व परंपरा आदि को हमेशा प्रमुखता देनी चाहिए । गाय व मवेशी सबसे उपयोगी घरेलू जानवर है । वे मनुष्यो और पर्यावरण कई तरह से लाभान्वित करते है । धार्मिक ग्रंथों में लिखा है " गावो विश्वस्य मातरः " अर्थात गाय विश्व की माता है । शास्त्रों के अनुसार ब्रम्हा जी ने जब सृष्टि की रचना की थी तो सबसे पहले गाय को ही पृथ्वी पर भेजा था , गाय ही ऐसा जानवर है जो माँ शब्द का उच्चारण करता है इसलिए माना जाता है कि माँ शब्द की उत्पत्ति भी गौवंश से हुई है । गाय हम सबको माँ की तरह अपने दूध से पालती पोषती है । आयुर्वेद के अनुसार भी मां के दूध के बाद बच्चे के लिए सबसे फायदेमंद गाय का ही दूध होता है । धार्मिक आस्था है कि गौ पूजन से मनोवांछित फल प्राप्त होती है ।  यह भी कहा जाता है कि विद्यार्थियों को अध्यन के साथ ही गाय की सेवा भी करनी चाहिए इससे उनका मानसिक विकास तेजी से होता है , संतान व धन की प्राप्ति के लिए गाय को चारा खिलाना व सेवा करना भी अच्छे परिणाम दायक है । गाय अपनी सेवा करने वाले ब्यक्ति के सारे पाप अपनी सांस के जरिये खींच लेती है । गौ माता का जंगल से घर वापस लौटने का संध्या का समय (गोधूली वेला) अत्यंत शुभ एवं पवित्र है । गाय का गोबर पवित्र कार्यो के अलावा गोबर से कंडे (उपले) , उसमें हवन करने से वातावरण और घर के आस पास मौजूद कीड़े भाग जाते है और वायु शुद्ध होती है । वंही गौ मूत्र से कई बीमारियों में लाभ होता है । हमे दुख होता है जब लोग गाय को आवारा भटकने के लिए बाजारों में छोड़ देते है , अगर गाय पालने का शौक है तो देख भाल भी जरूरी है । गाय हमारी माता है एवं गौ रक्षा करना हमारा परम कर्तब्य भी है । 

इस विशाल गौशाला निर्माण के संबंध में स्वामी हिमान्द्री मुनि जी ने बताया कि इसमें लगभग पांच करोड़ के आस पास खर्च का अनुमान है इसमें पांच सौ गायों की ब्यवस्था को ध्यान में रख कर निर्माण कराया गया है , इसमें सभी प्रकार की ब्यवस्था पर ध्यान दिया गया है और कुछ कार्य चल भी रहे है । हमारे यंहा गौ सेवा शुरू से ही गौशाला में चल रहा है , उसके अलावा एक नया विशाल गौशाला बन कर तैयार हो गया है इसमें अब गुजरात से ट्रेन रुट के  माध्यम से गांय भी जल्द आने वाली है । हमारे बाबा जी के भक्त देवांग भाई पटेल नडियाद (गुजरात) इपको (IPCO ) कंपनी के डायरेक्टर ने अपनी पूरी सेवा देकर यह गौशाला निर्माण करवाकर पुण्य के भागीदार बने ।  

नव निर्मित गौशाला का वास्तु पूजन ग्यारह पंडितो की उपस्थिति में तीन दिवसीय हवन , पाठ व पूजन के बाद आज बुधवार 20/10/21 को तपस्वी बाबा कल्याण दास जी की उपस्थिति में  देवांग भाई पटेल के कर कमलों से उनके परिवार की उपस्थिति में तथा इपको कंपनी के सदस्य गण की मौजूदगी में व कल्याण सेवा आश्रम के संतगण , भक्तगण  की उपस्थिति में सुबह 11 बजे हवन के साथ वास्तु पूजन का कार्य सम्पन्न हुआ । बाबा जी द्वारा अरदास कर हवन , पूजन व पाठ की पूर्णा हुति हुई । इसी बीच लगातार रामायण अखंड कीर्तन भी नगर के रामायण मंडली द्वारा भी किया गया । 

पूजन उपरांत बाबा जी द्वारा गौ ग्रास खिलाकर गौ माता का आशीर्वाद लिए । 

स्वामी हिमान्द्री मुनि जी ने बताया कि गौ शाला का उद्घाटन जल्द ही कुछ दिनों पश्चात होगा निर्माण कार्य देवांग भाई व अन्य भक्त मंडलों के सौजन्य से गौशाला का निर्माण कार्य हुआ है श्री कल्याण सेवा आश्रम के द्वारा निर्मित यह गौशाला एक रमणीय स्थान के रूप में उभरेगा यह एक बहुत ही सुंदर और रमणीय गौशाला है।

Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget