42 हाथियों का समूह 7 दिनों से मलगा टॉकी जंगल इलाके में जमाया डेरा
*घरो एवं फसलों को निरंतर कर रहे नुकसान, वन विभाग पूरी तरह मुस्तैद*
अनूपपुर
छत्तीसगढ़ सीमा से 27 सितंबर की देर साम अनूपपुर जिले के कोतमा वन परीक्षेत्र अंतर्गत टाकी, टाकीपूर्व,मलगा सेमरा पौराधार बीट में 42 हाथियों का समूह दिन में ठूठीआम, महानीम कुन्डा,तिलवारी,पनहीबूडा के जंगल में अपना आशियाना बना कर शाम होते ही आस-पास के गांव में घुसकर ग्रामीणों के कच्चे मकानों की दीवार,बाउंड्री एवं बाड़ी तथा खेतों में लगी गन्ना धान मक्का की फसल को चर कर अपना आहार बना रहे हैं इस बीच 7 दिनों से निरंतर वन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा जंगल के किनारे या जंगल में बसे ग्राम टांकी के बैगानटोला,नगर परिषद डूमरकछार के बैगानटोला,पाव टोला,यादव मोहल्ला के ग्रामीणों को जिनकी संख्या 300 से अधिक है को सुरक्षा की दृष्टि से ग्राम पंचायत भवन तथा नगर परिषद के भवनों में सुरक्षित रखा जा रहा है वही मोबाइल टीम के माध्यम से आम जनों को हाथियों के समूह के नजदीक या जंगल में नहीं जाने की सलाह दी जा रही है तथा चार अलग-अलग स्थानों पर मोबाइल टीम बनाकर गश्त की जा रही है हाथियों का समूह रहवासी क्षेत्रों में ना आए इसके लिए पड़ा पटाखा एवं मशाल का उपयोग किया जा रहा है 2 अक्टूबर की शाम 42 हाथियों का समूह दो भागों में बैठकर एक भाग नगर परिषद डूमर कछार के बैगानटोला,पावटोला में घुसकर मंगलू बैगा,रामसिंह बैगा, लखनलाल पाव,शिवकुमारी बैगा, राम सिंह के घरों की दीवारें बाउंड्री तोड़ी तथा घर के अंदर व बाड़ी में लगे तथा रखें खाद्य सामग्रियों का सेवन करते हुए खेतों में लगी धान की फसलों को पूरा रात अपना आहार बनाते रहे वही 4 हाथियों का समूह ग्राम पंचायत फुलकोना के भलमुडी में आकर खेतों में लगी धान की फसल को चट करते हुए सुबह होने पर है सैतिनतचूहा गांव से जंगल की ओर सभी हाथी चले गए हाथियों के समूह के द्वारा किए जा रहे नुकसान पर वन विभाग एवं राजस्व विभाग के मैदानी अमला द्वारा बारीकी से परीक्षण कर मुआवजा का प्रकरण तैयार किया जा रहा है।