20 दिन के बाद 40 हाथियों का दल छत्तीसगढ़ की ओर हुआ रवाना
अनूपपुर/डोला
16 अक्टूबर 2021 छत्तीसगढ़ की सीमा से 20 दिन पूर्व 27 सितंबर की रात हाय 40 हाथियों का समूह अनूपपुर जिले के कोतमा वन क्षेत्र अंतर्गत टांकी मलगा फुलकोना,खोडरी,कोहका एवं नगर परिषद डूमरकछार के ग्रामीण अंचलों के टोलो-पारो में निवासरत ग्रामीणों एवं कृषको के खेतों में लगी धान एवं अन्य फसलों एवं घरों के दरवाजे बाउंड्री,दिवालो तोड़कर नुकसान कल विचरण करते हुए 16 अक्टूबर की सुबह टांकी बीट से छत्तीसगढ़ राज्य के मनेंद्रगढ़ वन मंडल एवं वन परिक्षेत्र के भाैता के ईमलीडांड जंगल की ओर रवाना हुए जो मध्य प्रदेश के वन सीमा से 2 किलोमीटर दूर की परिधि में विचरण कर रहे हैं।
*कई किसानों के फसल व घर को किया नष्ट*
विगत 20 दिनों के दौरान सैकड़ों ग्रामीणों के खेतों में लगी धान एवं अन्य तरह की फसलों ग्रामीणों के घरो,बाउंड्री वाल के साथ एक गाय एक बकरी को पर हमला कर मार दिया था 20 दिनों के मध्य हाथियों के समूह द्वारा एक भी जनहानि एवं जन घायल की स्थिति निर्मित ना होने से प्रशासन वन विभाग एवं पुलिस विभाग ने राहत की सांस ली है इस दौरान वन विभाग तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा नगर परिषद डूमर कछार के बैगानटोला,पावटोला,यादव मोहल्ला ग्राम पंचायत टांकी के बैगानटोला तथा अन्य ग्रामीणों को जो जंगल के आसपास बसे हैं या हाथियों के समूह के आने की संभावना व्यक्त की जाती रही है उन्हें शाम होते ही सुरक्षित स्थानों में रखकर उनके खाने एवं ठहरने की व्यवस्था की जाती रही है 20 दिनों के मध्य हाथियों के समूह द्वारा किए जा रहे नुकसान को लेकर जिला प्रशासन वन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा फसल नुकसान एवं संपत्ति नुकसान का आंकलन कर मुआवजा प्रकरण तैयार किया जा रहा है प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री एवं अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक बिसाहूलाल सिंह के हाथी प्रभावित क्षेत्रों के भ्रमण पर प्रशासन द्वारा नुकसानी का मुआवजा प्रकरण तैयार कर शीघ्र भुगतान कराए जाने का आश्वासन दिया गया है निरंतर हाथियों के समूह के विचरण करने व लोगों के घरों एवं खेतों में नुकसान पहुंचाने से जन आक्रोश बढ़ता जा रहा था जिसे प्रशासन तथा वन विभाग पुलिस विभाग के लोग आम जनों के मध्य समय-समय पर बैठकर चर्चा कर जन आक्रोश को रोकने का प्रयास भी किया गया।
*प्रशासन के साथ ग्राम पंचायतों के सरपंच व सहयोगी द्वारा लोगों को किया जा रहा था सतर्क*
ग्राम पंचायतों के सरपंच तथा पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा भी हाथियों के समूह से आम जनों को किसी भी तरह का नुकसान ना हो प्रशासन तथा वन विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है 20 दिनों बाद हाथियों के समूह के जिले के बाहर जाने से टांकी,मलगा,फुलकोना,आमाडाडं,खोडरी,कोहका,डूमरकछार एवं अन्य जगह के लोगों को राहत मिल सकती है।