विघ्न विनाशक प्रथम पूज्य गणपति बप्पा रिमझिम फुहारों के साथ घर घर विराजे

विघ्न विनाशक प्रथम पूज्य गणपति बप्पा रिमझिम फुहारों के साथ घर घर विराजे

*ढोल नगाड़ों और गाजे बाजे जयकारा के साथ विराजे गजानन, 10 दिन तक चलेगा कार्यक्रम*


अनूपपुर

विघ्न विनाशक प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश की 10 दिवसीय पूजा अर्चना का महापर्व गणेश उत्सव 10 सितंबर से प्रारंभ हो गया है अब 10 दिनों तक लोग बप्पा की भक्ति में लीन रहेंगे इस दौरान नगर में सभी स्थानों में गणेशोत्सव की धूम रहेगी कोयलांचल समेत पूरे जिले में  पूरे भक्ति भाव से गणेश प्रतिमाओं की स्थापना करते हुए पूजा अर्चना किया गया l इस बार भाद्र शुक्ल पक्ष में गणेश चतुर्थी अर्थात भगवान गणेश का जन्मदिन 10 सितंबर शुक्रवार को हुआ कहां जाता है कि गणेश जी के नाम लेकर ही प्रत्येक शुभ कार्य का शुभारंभ किया जाता है जिला मुख्यालय में पुरानी बस्ती, मुख्य बाजार पटौरा टोला, जमुनिहा, शंकर मंदिर बस्ती रोड, सामतपुर के अलावा आस पास के सभी गांव में अनेक स्थानों पर एवं राजेन्द्रग्राम, अमरकंटक, चचाई, कोतमा, जैतहरी, जमुना, भालूमाड़ा, बिजुरी राजनगर सहित घर-घर में गणेश जी की स्थापना की गयी है। अद्भुत उत्साह के माहौल में गणपति बप्पा मोरया के जयघोष व ढोल-नगाड़ों के बीच शुक्रवार को भगवान गणेश पंडालों में विराजित हो गए। चित्रा नक्षत्र के योग में सिंदूर, दूर्वा आदि से विघ्नहर्ता का पूजन किया गया। शहर के मुख्य स्थानों के अलावा घरों में भी गणपति को विराजित किया गया है। गणेश चतुर्थी को शुभ मुहूर्त में गणपति बप्पा धूमधाम से लोगों के घरों पर विराजे। कुछ स्थानों पर पंडाल लगाकर झांकी सजाई गई। गणपति की मूर्ति स्थापना के बाद पूजन अर्चन कर आरती उतारी गई। मोदक व लड्डुओं का भोग लगाकर श्रद्धालुओं ने सुख समृद्धि की कामना की। स्थापना के साथ ही गणेश महोत्सव का शुभारंभ हो गया। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते सार्वजनिक स्थानों पर भले ही गणेश महोत्सव में बड़े आयोजन न हो लेकिन जिले भर में श्रद्धालुओं ने घर पर गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना की। श्रद्धालुओं ने शुभ मुहूर्त में गणेश जी की मूर्ति लाकर पूजन अर्चना कर उन्हें स्थापित किया। इसके बाद आरती उतार कर लड्डू व मोदक से उन का भोग लगाया। और उनसे घर में सुख समृद्धि की कामना की। शाम को गणपति बप्पा की आरती उतारी गई। और देर रात तक घरों में कीर्तन भजन हुए । लोगों में गणेश चतुर्थी को लेकर खासा उत्साह दिख रहा था। हालांकि कोरोना गाइड लाइन के कारण पंडालों में भीड़ कम दिखेगी जिससे पर्व कुछ फीका रहने की उम्मीद हैं।  बता दें कि हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय गणेश जी का वैसे तो हर महीने में चतुर्थी को पूजन का विधान है। लेकिन भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणपति का पूरे देश में पूजन अर्चन किया जाता है। चतुर्थी को विराजित गणपति का 10 दिन तक श्रद्धालु हर्षोल्लास के साथ पूजन अर्चन करते हैं। इसके बाद अंतिम दिन उनको नम आंखों से अगले वर्ष आने का न्योता देते हुए विदाई दी जाती है।

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