मोदी जी का जन्म सप्ताह महाभियान या कोरोना आमंत्रण की साजिश- सुनील सराफ
* उज्ज्वला द्वितीय चरण महाअभियान योजना गांवों में पुनः धुंआ वाले चूल्हे होंगे चालू*
अनूपपुर/कोतमा
विधायक सुनील सराफ ने बताया है कि विगत कई सप्ताह के ब्लॉक कोतमा के वेक्सीनेशन के आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो पता चलेगा प्रत्येक दिन लगभग 3000 से 3700 डोज प्रतिदिन उपलब्ध कराई जाती रही है। जिससे प्रत्येक केन्द्र में 200 से 250 व्यक्तियों का वेक्सीनेशन किया जा रहा था। किंतु विगत कई दिनों से वेक्सीन की आपूर्ति बिल्कुल कम कर दी गई है। वेक्सीन केन्द्रोें मे लगभग 100 या 50 डोज ही दिया जा रहा है। जिस दिन महाभियान होगा उस दिन धड़ल्ले से प्रत्येक केन्द्र मे 500 से 1000 वेक्सीन लगवाई जावेगी। अनूपपुर जिले में पहले ही कोरोना मरीज निकल चुके हैं एवं कोतमा मे भी कोरोना के मरीज आ चुके है, ऐसी स्थिति में मोदी जी के जन्म सप्ताह के नाम पर वेक्सीनेशन का सीक्वेंस खराब करने से कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा भी हो सकता है। समाचार पत्रों के माध्यम से सितम्बर के बाद वेक्सीनेशन हेतु पैसे वसूलने की खबरें भी आ रही है। दूसरा उज्जवला योजना का दूसरे चरण का महाभियान चलाने का प्रचार किया जा रहा है। मोदी जी ने बड़े ही जज्बाती डायलागबाजी के द्वारा ग्रामीण भोली भाली जनता को फांसा कि मैं एक मां को चूल्हे के धुंऐ से मुक्त करा कर निःशुल्क उज्जवला गैस चूल्हा व सिलेण्डर दूॅगा एवं इस प्रचार के लिये करोड़ो रूपये टीवी एवं अखबार के विज्ञापन में अपव्यय किये गये। सिलेण्डर के दाम विगत 02 वर्षों मे 500 रूपये से 940 रूपये तक पहुॅच चुका है, जबकि जनता की आय में कोई बढ़ोत्तरी नही हुई है। जिससे ग्रामीण उपभोक्ता दोबारा सिलेण्डर रिफिल करा पाने में असमर्थ हो कर गैस चूल्हा को किनारे रख दिया है। विगत 01 वर्ष से लगभग 25 रूपये प्रतिमाह की दर से घरेलू सिलेण्डर की दरें निर्बाध रूप से बढ़ाई जाती रही है, जिससे वर्ष के अंत तक में घरेलू सिलेण्डर लगभग 1200 रूपये एवं दिसम्बर 2022 तक लगभग 1800 रूपये तक पहुॅच जायेगा। गैस में दी जाने वाली सब्सिडी भी समाप्त कर दी गई है, अब वह दिन दूर नही है जब गॉव के साथ शहरी गरीबों के घरों में भी लकड़ी, कोयले वाले धुआं वाले चूल्हे पुनः स्थापित हो जायेंगे, और तब हमारे प्रधानमंत्री जी को घरेलू गैस के स्थान पर लकड़ी वाले चूल्हों से उठते हुये धुयें नही दिखाई देंगे। क्योंकि इस सरकार को केवल अपना प्रचार प्रसार ही करना है एवं इन्हे आम जनमानस के घरेलू बजट से कोई सरोकार नही है। आज जनता को चारों तरफ से लूटा जा रहा है, पेट्रोल 112 के ऊपर और डीजल 100 पार हो चुका है, खाद्य तेल 150 से 200 रूपये लीटर पहुॅच चुका है। खाद्यान्न के दामों भी बेतहासा वृद्धि हो चुकी है। भारत की जीवन रेखा कही जाने वाली पैंसजर ट्रेनों को बंद कर स्पेशल के नाम पर तीन गुना किराया वसूला जाता है। बिजली के बिलों में बढ़ोत्तरी की जा रही है। लाखों नौकरियां खत्म कर दी गई है। मध्यम वर्ग को कहीं से राहत नही है। एैसी स्थिति में हम इस महाभियान का पुरजोर विरोध करते है।