अनूपपुर 

अनूपपुर जिले के कोयलांचल क्षेत्र बिजुरी, राजनगर, आमाड़ाड़, जमुना कोतमा क्षेत्र में कुछ कोल माफिया ट्रांसपोर्ट की आड़ में बड़ी हेर फेर करके अरबो का साम्राज्य खड़ा कर लिए है इनके काले कारोबार की जड़ इतनी गहरी है कि इनकी जड़ कोई भी इतनी आसानी से नही खोद सकता। कोयले के काले कारोबार में काफी मुनाफा कमा रहे हैं और शासन को टैक्स के रूप में लाखों का चूना लगा रहे हैं। दो नंबर के रुपयों को एक नंबर में करके 2 ट्रकों के मालिक से आज सैकड़ो ट्रक के मालिक बन गए हैं। इन कोल माफियाओं के साम्राज्य एक जिले तक सीमित नही है इनका साम्राज्य अन्य राज्यो तक फैला हुआ है। 

*एक ही नंबर का गोल माल*

बिजुरी राजनगर आमाडांड व आस-पास की तमाम कोयला खदानों में अपनी पैठ व  रसूख के दम पर का काला खेल जारी है ट्रांसपोर्टरो के पास कई गाड़ियां होती है और ज्यादातर गाड़ियों के आखिरी का 2 अंक एक ही रखा जाता हैं जिसके दम पर एक ही कागज पर प्रबंधन और प्रशासन के लोगों से सांठ गांठ करके गाड़ियों की अदला बदली करके काला खेल खेलते रहते हैं एक  ही नंबर की गाड़ियों का पूरा पूरा फायदा उठाते हुए अपनी उपयोगिता के हिसाब से कभी रोड सेल में चलाते हैं तो कभी कोल यार्ड से साइटिंग के बीच कॉलरी प्रबंधन से सांठगांठ कर अपने काले कारनामों को अंजाम देते हैं जबकि नियमानुसार रोड सेल की गाड़ियों में रोड सेल व यार्ड से साइडिंग के बीच चलने वाली गाड़ियों में टिपर फॉर साइडिंग अंकित कराना अनिवार्य होता है लेकिन इनकी गाड़ी में कुछ भी  अंकित नहीं है जिससे इन्हें कोयले के गोलमाल करने में आसानी होती है। इन वाहनों से कोई दुर्घटना हो भी जाए तो यह अपनी नई गाड़ी घटनास्थल से हटवा कर अपना कोई पुराना कबाड़ वाहन थाने में खड़ा करवा कर उस पर मामला बनवा लेते हैं।

*परिवहन विभाग से मिलीभगत*

जिले के में कोल माफियाओं के जितने भी ट्रक चल रहे हैं उनमें से आधे ट्रकों के दस्तावेज ही वैध नही होते किसी का बीमा नही है किसी का फिटनेस नही है इसी प्रकार परिवहन विभाग की मिलीभगत से गाड़ियों के पेपर की अदला बदली करके प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते रहते हैं जिससे शासन को लाखों रुपये की नुकसान भी उठाना पड़ता हैं इसी तरह कई फर्जी ट्रांसपोर्टर समाजसेवक का चोला ओढ़कर काले कारनामो का खेल खेलते रहते है ट्रांसपोर्टरो की कुछ गाड़ियां इतनी पुरानी होती हैं कि वह सड़क पर चलने लायक नही होती फिर भी अपनी पहुच के दम पर इन गाड़ियों से कोयला परिवहन करते रहते है ये ट्रक सड़क पर चलने वाले आम लोगो के लिए यमदूत सबित होते है।

*नियमों का उल्लंघन*

कोयलांचल क्षेत्र में ये ट्रांसपोर्टर लोग नियम और कानून अपनी जेब पर रखकर चलते इनके रसूख के आगे पुलिस प्रशासन सब बौना नजर आता हैं खुले आम नियम कानून की धज्जियां उड़ाने में कोई कोर कसर नही छोड़ते इनकी गाड़ियों की कार्यवाही करने की हिम्मत कोई नही दिखा पाते कार्यवाही न होने के 2 कारण है या तो इनकी पहुच ऊपर तक है या सभी को मैनेज ह्यो जाते है। लिए यह नजारा आम हो चला है की सड़क में ओवर लोड कोयला लिए अधिक से अधिक ट्रिप मारने के चक्कर में दौड़ रही सरपट गाड़ियां त्रिपाल से ढकी ना होकर बिल्कुल खुली होती है जोकि सड़क में थोड़े से जर्क लगने से ही कोयले का चूरा गिरते जाता है जिस वजह से चलने वाले राहगीरों की दुर्घटना की संभावना बनी रहती जाती है।

*मजदूरों का हो रहा शोषण*

जमुना कोतमा क्षेत्र के आमडांड ओसीएम में लोडिंग पॉइंट पर ट्रांसपोर्टरों व कॉलरी प्रबंधन की मिलीभगत से ट्रांसपोर्टर अपने सैकड़ों कर्मचारियों की जान जोखिम में डालकर नियम विरुद्ध काम करवा रहे हैं जबकि श्रम कानून के तहत लोडिंग पॉइंट में एक पाली में 15 से 20 मजदूरी काम कर सकते है। एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र की खुली खदान परियोजना आमाडांड में काम करने वाले तमाम ट्रांसपोर्ट कंपनी के डायरेक्टर द्वारा वाहन चालकों का शोषण विगत कई वर्षों से लगातार किया जा रहा है जिसके खिलाफ में अपनी आवाज को बुलंद करते हुए 4 सितंबर 2021 को वाहन चालकों ने आमाडांड खुली खदान परियोजना में जमकर विरोध प्रदर्शन किया मजदूरों ने शिकायत में बताया कि कोयला खदान में काम करने वाले ट्रांसपोर्ट कंपनी  सिंह ट्रांसपोर्ट तथा ए आर पी कोल ट्रांसपोर्ट कंपनी के द्वारा पेटी में किसी को काम दे दिया गया हैं वो और अन्य कंपनियों के डायरेक्टर द्वारा वाहन चालको से 8 घंटे के बजाय 12 घंटे काम कराया जा रहा है और एसईसीएल द्वारा निर्धारित की गई मजदूरी का पूरा भुगतान भी उन्हें नहीं किया जा रहा है इतना ही नहीं  वाहनों में कोई टूट-फूट और नुकसान होता है तो वाहन चालको के  वेतन से वह भी पैसा काट लिया जाता है ऐसी स्थिति में वाहन चालकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है और उनका तथा उनके परिवार का जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है शोषण के विरोध में अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए एसईसीएल के उच्च अधिकारियों से सिंह ट्रांसपोर्ट कंपनियों एआरपी कोल ट्रांसपोर्ट के डायरेक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है जिससे कि श्रमिकों का शोषण बंद हो सके।

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