काला पीला करने में माहिर उपयंत्री अंशुल अग्रवाल, जहां पदस्थ वही लगते हैं यह बिल ?
पंचायतों में निर्माण कार्य किसने कराए लापता फर्म के नाम करोड़ों के भुगतान ?
इंट्रो- अनूपपुर जिले में कई बर्षों से जमे उपयंत्री अंशुल अग्रवाल ने खुद की ठेकेदारी चालू कर दी है ग्राम पंचायतों में जुगाड़ की फर्म से करोड़ों के बिल निकाले जा रहे हैं, जैतहरी जनपद में रहे अंशुल अग्रवाल की शिकायतें भी हो चुकी हैं अब उपयंत्री अंशुल अग्रवाल अपना निशाना बदरा जनपद के कई ग्राम पंचायतों को बनाया है सोही बेल्हा ग्राम पंचायत मे चेक डैम निर्माण के नाम पर 72 लाख का बिल श्री विनोद ट्रेडर्स के नाम से लगाया गया ,लेकिन यह दुकान जिले में कहीं है ही नहीं लोगों का कहना है कि उपयंत्री खुद की ठेकेदारी ग्राम पंचायतों में चला रहे हैं !
अनूपपुर
अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत जैतहरी अनूपपुर अंतर्गत यह पहली बार नहीं है कि भ्रष्टाचार का जिन्न न निकला हो हमेशा ही इन जनपद क्षेत्रों के ग्राम पंचायतों में होने वाले भ्रष्टाचार की कहानी आए दिन अखबारों की सुर्खियां बनती नजर आती है ग्राम पंचायतों में मनरेगा अंतर्गत नदी पुनर्जीवन योजना से बनने वाले चेक डैम निर्माण में तथाकथित जनपद पंचायतों के तत्कालीन एवं वर्तमान सहायक यंत्री एवं उपयंत्री के द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों को रखकर भारी भ्रष्टाचार कर लापता फर्मों के नाम पर करोड़ों रुपए की राशि का भुगतान कराया गया है जिस के संबंध में लिखित पत्र आयुक्त राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल,कलेक्टर अनूपपुर सहित प्रतिलिपि कमिश्नर संभाग शहडोल एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनूपपुर को सौंप कर जांच की मांग की है।
*यह है मामला*
जिले के जनपद पंचायत जैतहरी एवं अनूपपुर अंतर्गत मनरेगा के तहत नदी पुनर्जीवन योजना अंतर्गत विगत वर्षों से चेक डैम अथवा स्टॉप डैम का निर्माण कार्य ग्राम पंचायतों के छोटे नदी नालों में कराया गया है जिसमें निर्माण एजेंसी सरपंच के नाम पर तथाकथित उपयंत्री अंशुल अग्रवाल द्वारा अपने गुर्गों से ठेकेदारी करा कर घटिया निर्माण कार्य करा कर के लापता फर्म के नाम पर करोड़ों रुपए की राशि का भुगतान कर हड़प कर ली गई है।
*चेक डैम की यह रही स्थित*
सोही बेल्हा ग्राम पंचायत में मनरेगा से बनने वाले चेक डैम की लागत लगभग 15 लाख रुपए बताई जा रही है परंतु ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी के आड़ में उपयंत्री के द्वारा अपने क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में बनने वाली चेक डैम निर्माण में तकनीकी प्राक्कलन के विरुद्ध सरिया कम डाल, सीमेंट की मात्रा कम, रेत का प्रयोग स्थानीय नाले का एवं डस्ट युक्त बजरी से आधी रकम में ही लीपापोती कर पूर्ण करा दिया गया जो कुछ माह में ही बारिश होने से ढह गया और कई जगह के धारासाई हो गए तथा कुछ गांव में ऐसा लगता है कि यहां चेक डैम बना भी था या नहीं इस तरह किए गए हैं भ्रष्टाचार। फिर भी लापता नाम से दर्ज फर्म के नाम पर कई पंचायतों का करोड़ों रुपए भुगतान कर हड़प कर लिया गया।
*लापता हैं विनोद ट्रेडर्स*
मनरेगा से बने चेक डैम निर्माण में ग्राम पंचायतों में जब देखा जाता है की विनोद ट्रेडर्स नाम पर करोड़ों रुपए के भुगतान दिखाई पड़ रहा है इन के बिल में कोई अता पता नहीं सिर्फ अनूपपुर लिखा मिलता है इस लगी हुई बिल के फर्म का जब पड़ताल किया गया कि आखिर यह अनूपपुर के किस स्थान पर दुकान खुला हुआ है तो पता चला कि यह तो कहीं भी दिखाई नहीं पड़ रहा मिस्टर इंडिया के सामान है,कहीं भी दिखाई ना पड़ने वाला यह फर्म अनूपपुर के नाम से करोड़ों रुपए का गोलमाल कर मामला समेटे बैठा है।
*फर्जी फर्म से हो रहा भुगतान*
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विनोद ट्रेडर्स के नाम पर उपयंत्री अंशुल अग्रवाल द्वारा सरपंच सचिव को दरकिनार कर स्वयं अपने लोग रख कर ठेकेदारी कराते और आधी रकम में चेक डैम निर्माण कर पूरी राशि का मूल्यांकन करता स्वयं होने के कारण सारी राशि फर्जी बनाकर रखी हुई इन फर्मों के नाम पर अन्य कार्यों का मूल्यांकन ना करने की शर्तों पर सरपंच सचिव से दबाव बनाकर सारा भुगतान करा लेते फिर क्या करोड़ों रुपए इनके जेब में !
*उच्च स्तरीय जांच से होगा खुलासा*
तथाकथित मनरेगा भ्रष्टाचारियों की अकूत संपत्ति तथा धड़ाधड़ खुल रहे इनके नए व्यवसाय की जांच लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू के द्वारा तथा करोड़ों रुपए के फर्जी भुगतान के बिल फर्म का जांच विभागीय प्रशासन द्वारा किया जाना आवश्यक है, तबीजी पूरी स्थिति साफ हो जाएगी की गई शिकायत पर प्रशासन अवश्य ही अमल करते हुए कार्यवाही करेगी। शासन व जनता के हक की राशि का इस तरह कुछ स्वेच्छाचारी भ्रष्ट लोगों के द्वारा उपभोग कर छलावा करना जनहित विरुद्ध है।