विकाश के नाम पर कर रहे हैं विनाश पैसा को बहा रहे हैं पानी में उपयंत्री की मनमानी
*बिना आवश्यकता के 100 मीटर की दूरी पर हो गए 2 चेक डैम का निर्माण*
इंट्रो- जिन्हें मिली जिम्मेदारी वही भ्रष्टाचार पर उतारू उपयंत्री ने की मनमानी लगभग 100 मीटर के अंदर ही बना दिए चार चेक डैम, निर्माण स्थल पर ना तो सूचना पटल का पता ना ही कराए गए निर्माण पर गुणवत्ता, उपयंत्री ने अपनी मनमानी करते हुए शासन के पैसे को बहाया पानी में ग्रामीणों ने की शिकायत !
अनूपपुर
बदरा जनपद के उपयंत्री अंशुल अग्रवाल ने अपनी मनमानी जारी करते हुए एक ही ग्राम पंचायत के नदियों में जगह जगह 14 से 15 लाख की लागत से चेक डैम बना दिए, असल में जहां जरूरत थी ही नहीं वहां पर निर्माण कर दिया गया, ग्रामीणों ने बताया कि कैरहा नाला एवं उस नाले के ऊपर से बह रही नाले में निर्माण कराया गया है जबकि केरहा नाला स्थित दो स्टॉप डेम पहले से बने हुए थे उसी के 100 मीटर की दूरी पर ही उपयंत्री ने चेक डैम बनाने का स्टीमेट तैयार कर दिया जबकि वहां पर चेक डैम की आवश्यकता ही नहीं थी ! अब इसे उपयंत्री की मनमानी कहे या फिर कमीशन के चक्कर में उपयंत्री ने यह सब कार्य किया बहरहाल मामला चाहे जो भी हो लेकिन सरकार के पैसे को पानी में बहा दिया गया !
निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी- बदरा जनपद के सोही बेल्हा ग्राम पंचायत में कराए गए चेक डैम निर्माण मे जमकर भ्रष्टाचार किया गया चेक डैम अभी से टूटने के कगार पर हैं, बताया गया कि निर्माण के दौरान उपयंत्री अंशुल अग्रवाल यहां कभी झांकने तक नहीं आते थे ठेकेदार ने अपनी मनमानी करते हुए चेक डैम निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी की जहां चेक डैम में 3 से 4 पिल्लर खड़े करके निर्माण करना था वहां एक या दो पिल्लर से ही काम पूरा कर दिया गया , जिसका नतीजा यह रहा कि अभी से ही चेक डैम में दरारें आने लगी है, जबकि निर्माण स्थल पर समय-समय पर उपयंत्री को इसका निरीक्षण कर निर्माण कार्य का जायजा लेना था लेकिन उपयंत्री ने ऐसा नहीं किया और ठेकेदार ने पैसे बचाने के चक्कर में निर्माण कार्य पर ही घोटाले कर डालें साथ ही ठेकेदार को बिल का भुगतान भी कर दिया गया!
नहीं लगे सूचना बोर्ड- ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले निर्माण कार्य की जानकारी ग्रामीणों को हो सके इसके लिए निर्माण स्थल पर सूचना बोर्ड लगाए जाते हैं जिसमें यह लिखा होता है कि कितने की लागत की थी ,कौन से मत का है कितने दिन में कार्य पूरा होगा संबंधित बातें लिखी होती है, लेकिन यहां पर जानकारी के लिए सूचना पटल पर कुछ लिखा ही नहीं गया व निर्माण कार्य को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाते हुए बिल निकाल लिए गए ! अब ग्रामीणों को यह जानकारी ही नहीं है कि आज चेक डैम किस मद का है कितने की लागत से बनाई गई क्या चौड़ाई क्या लंबाई थी इसकी जानकारी ग्रामीणों को नहीं मिल पाई ! हां यह जरूर है की उपयंत्री ने जो सोचा था वह जरूर हो गया !
*इनका कहना है*
किसी भी नदी में 100 मीटर के अंदर चेक डैम निर्माण नहीं किया जा सकता साथ ही सूचना पटल भी लगाया जाना था अगर ऐसा नहीं हुआ वह निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी हुई है तो जांच कराकर उपयंत्री के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी!
*वीरेंद्रमणि मिश्रा जनपद सीईओ बदरा*
चेक डैम के निर्माण तो हम 50 मीटर के अंदर भी कर सकते हैं उसमे किसी प्रकार से आप लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए
*अंशुल अग्रवाल उपयंत्री जनपद पंचायत बदरा*