लोक सेवा आयोग की परीक्षा में परमानंद तिवारी ने परीक्षार्थियों से वसूली अवैध राशि

लोक सेवा आयोग की परीक्षा में परमानंद तिवारी ने परीक्षार्थियों से वसूली अवैध राशि

*ओछी हरकतो से बाज नही आते तिवारी, कलेक्टर ने जारी किया कारण बताओ नोटिस*


अनुपपुर

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा गत जुलाई माह में  संपन्न हुई जो की पूरी उक्त परीक्षा अनूपपुर कलेक्टर सोनिया मीणा के निगरानी में संपन्न होनी थी  लेकिन कलेक्टर की निगरानी के बावजूद परीक्षार्थियों से अवैध वसूली संस्था प्रमुख द्वारा करवा ली गई, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार  तुलसी महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य के रूप में पदस्थ रहे प्रो. परमानंद तिवारी के विरुद्ध समय-समय पर छात्र संगठन भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे लेकिन उक्त आरोप की सत्यता उस वक्त देखने को मिली जब लोक सेवा आयोग की परीक्षा  देने तुलसी महा विद्यालय आए परीक्षार्थियों से तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य परमानंद तिवारी द्वारा अवैध पैसों की वसूली करवाई गई, जब इस पूरे मामले की शिकायत अनूपपुर कलेक्टर सोनिया मीणा के पास पहुंची तो उन्होंने मौके पर डिप्टी कलेक्टर विजय  डेहरिया को भेजकर  शिकायत की सत्यता जाननी चाही  जहाँ मौके पर पहुंचे डिप्टी कलेक्टर विजय डेहरिया ने पाया कि बैग रखने के नाम पर महाविद्यालय के प्राचार्य ने  परीक्षार्थियों से पैसे लिए है।  

*यह है मामला*

लोक सेवा आयोग की परीक्षा का केंद्र जिला मुख्यालय स्थित शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में बनाया गया था जहां पर परीक्षार्थी अपना बैग, हैंड पर्स व अन्य सामग्री लेकर दूर दराज से परीक्षा केंद्र पहुंचे थे जहां पर परीक्षा केंद्र पर उक्त हैंडबैग, पर्स आदि रखवाने के नाम पर केंद्राध्यक्ष प्रभारी प्राचार्य  परमानंद तिवारी द्वारा महाविद्यालय की सील लगी हुई  एक पर्ची वितरण कराई जा रही थी और उस पर्ची में नम्बर लिख कर प्रति छात्र 10 रुपये की अवैध वसूली भी कराई जा रही थी। जिसकी ना तो कोई रसीद दी जा रही थी और ना ही कहीं पर पैसे देने वाले परीक्षार्थियों के नाम किसी रजिस्टर में अंकित किए जा रहे थे। 

*रिश्तदार से करवाई अवैध वसूली*

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महाविद्यालय में परमानंद तिवारी ने लोक सेवा आयोग की परीक्षा के दौरान बैग, हैंड पर्स  इत्यादि समान रखने के नाम प्रति छात्र जो पैसे की वसूली कराई जा रही थी वह अपने किसी अपने रिश्तेदार बासु तिवारी नामक बाहरी युवक से पैसे की अवैध वसूली  कराई गई। और जब इस बात का विरोध परीक्षार्थियों ने  केंद्राध्यक्ष से किया तो केंद्राध्यक्ष श्री तिवारी द्वारा परीक्षार्थियों को डांट फटकार कर वहां से भगा दिया जिसके बाद परीक्षार्थी इस बात की शिकायत कलेक्टर अनूपपुर से करने कलेक्ट्रेट पहुंचे।

*कलेक्टर ने भेजा डिप्टी कलेक्टर को*

लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों की अवैध वसूली की  बात तत्कलीन प्रभारी प्राचार्य परमानंद तिवारी ने नही सुनी और जब डाट फटकार कर भगा दिया तब परीक्षार्थियों अपनी शिकायत कलेक्टर अनूपपुर से करने कलेक्ट्रेट पहुंचे । जहाँ पर परीक्षार्थियों की शिकायत सुन कर तत्काल अनुपपुर कलेक्टर ने  डिप्टी कलेक्टर को विजय डहेरिया को तुलसी कॉलेज भेजकर मामले की जांच करवाई जहाँ पर डिप्टी कलेक्टर विजय डहेरिया ने बताया कि प्राचार्य से पूछने पर उन्होंने बताया कि वह बैग रखने के नाम पर 05 रुपये परीक्षार्थियों से लिये है जिसका भुगतान मानदेय के रूप में किया जाएगा । 

*लोक सेवा आयोग के थे निर्देश*

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा परीक्षा संपन्न कराने के लिए जारी की गई गाइड लाइन में स्पष्ट उल्लेख था कि परीक्षार्थी  कोई भी सामग्री जैसे बैग हैंड पर्स वगैरह लेकर परीक्षा कक्ष के अंदर  लेकर नहीं जाएंगे अगर वह परीक्षा केंद्र के अंदर यह सामग्री लाते हैं तो उनके लिए एक अलग  कक्ष में रखने की व्यवस्था केंद्राध्यक्ष द्वारा कराई जाएं साथ मे उक्त कक्ष कर्मचारी की ड्यूटी भी लगाई जाए और उसके मानदेय का भुगतान लोक सेवा आयोग करेगी इस स्पष्ट कंडिका के बावजूद भी प्रभारी प्राचार्य परमानंद तिवारी द्वारा छात्रों से अवैध वसूली की गई और जब पकड़े गए तो उस रुपये को पारिश्रमिक के रूप में प्राथमिक मानदेय भुगतान का बहाना बता दिया गया। 

*सख्त कार्यवाही की मांग*

जिले की छवि धूमिल करने वाले तत्कालीन प्राचार्य परमानंद के विरुद्ध छात्र संघठन ने जिला प्रशासन से सख्त कार्यवाही के प्रतिवेदन उच्च शिक्षा विभाग व मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजने की मांग की गई है ताकि इस तरीके से बच्चों से अवैध वसूली करके जिले की छवि धूमिल दोबारा ना हो।

*कलेक्टर जारी किया नोटिस*

लोक सेवा आयोग की परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियो से रुपये लिए गए उसकी एसडीएम के जांच उपरांत सत्य पाई गई उसके बाद कलेक्टर अनूपपुर सोनिया मीणा ने तत्कालीन प्राचार्य परमानंद तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है अब देखना यह है कि जबाब में प्राचार्य कौन सा गोल मोल जबाब देते हैं।

*अभी भी समझते हैं खुद को प्राचार्य*

तुलसी महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य की लगातार शिकायतो के बाद इनका स्थानांतरण 1 हजार किमी दूर खंडवा जिले में कर दिया गया था मगर इनके सेवानिवृत्त होने में कुछ माह बचे होने के कारण इसको आधार बनाकर कोर्ट से स्थानांतरण पर रोक लगवा के फिर उसी कॉलेज में पदस्थ हो गए हैं और कॉलेज में प्राचार्य पद पर विक्रम सिंह पदभार ग्रहण कर चुके हैं। इस कारण इनको प्राचार्य पद खोना पड़ गया उसका सदमा इनको अभी तक बर्दास्त नही हो पा रहा हैं। इसलिए अभी भी अपने आप को प्राचार्य ही समझ रहे हैं कॉलेज में घूम घूम कर छात्रों और प्रोफेसर को बताते फिरते हैं कि मैं ही असली प्राचार्य हूँ। इस कारण ये अब हंसी का पात्र बनते जा रहे हैं।

*इनका कहना है*

शिकायत के बाद कलेक्टर मैडम ने मुझे कॉलेज जांच के भेजी थी मैं वहाँ गया था जहां पर प्राचार्य द्वारा बताया गया कि बैंग रखवाने के नाम पर पैसे लिए गए हैं मैंने प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर महोदया को दे दी है

*विजय डहेरिया डिप्टी कलेक्टर अनुपपुर*

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