हिंदी है हम, ये हिंदुस्तान है हमारा शान हमारी हिंदी, अभिमान हमारी हिंदी- सुमन सोनी

 *हिंदी दिवस की आप सभी देशवासियों को शुभकामनाएं*

हिंदी है हम, ये हिंदुस्तान है हमारा शान हमारी हिंदी, अभिमान हमारी हिंदी- सुमन सोनी



विश्व हिंदी दिवस :--- "स्वरचित"

हिंदी है हम , ये हिंदुस्तान है हमारा

शान हमारी हिंदी,अभिमान हमारी हिंदी

माँ, मौसी ,काकी, दादी नाना,नानी है हिंदी

राष्ट हमारी हिंदी राष्ट्रीय भाषा हमारी हिंदी

प्यार हमे हिंदी से प्यारी पहचान हमारी हिंदी

मोम नही माँ लगे प्यारा डेड नही पिताजी शब्द है दुलारा

ये सृष्टि है हिंदी नीली चादर है इसकी हिंदी 

है गर्व हमें की हम है हिंदी और दिल है हिंदुस्तानी

 हिन्दी गौरव, गर्व और भारत की आत्मा है हिंदी

 हिंदी भाषा है हम भारतीय का आत्म सम्मान 

 अपनी हिन्दी को मान दीजिए, पूरे विश्व मे इसको सम्मान दीजिये

1975 के 10 जनवरी को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हिंदी को सम्मान दे विश्व हिंदी दिवस  मनाया

है सलाम आपको सलामत रहेगा हिंदी सदा हिदुस्तान में               हिंदी है हम वतन है हिंदुस्तान हमारा 


जय हिंद जय भारत 


(सुमन सोनी / ब्रांड एम्बेसडर एजुकेशनल यूथ इंडिया डेपलेपमेंट बोर्ड)


हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति : ----

    14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है और अभी हिन्दी भाषा की वर्तमान स्थिति एवम उसके भविष्य के विषय मे प्रायः हताशापूर्ण विचार सुनने,पढ़ने को मिलते है परंतु वस्तुस्थिति यह है कि आज हिंदी की स्थिति पूर्व से अधिक सुदृढ है एवम उसका भविष्य अधिक उज्ज्वल है।

      आज हिंदी भाषा प्रदेशो की समस्त शासकीय सेवाओं एवम आई.ए. एस. सहित समस्त केंद्रीय सेवाओ में हिंदी के माध्यम से प्रवेश संभव है। हिंदी प्रसार हेतु केंद्रीय शासन के विभागों में हिंदी अधिकारी नियुक्त है और हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु हिन्दी सप्ताह मनाया जाता है।माना जाता है वह दिन दूर नही जब बहुराष्ट्रीय कंपनियों में भी हिंदी जीविकोपार्जन का साधन बन जाएगी, देखा जाय तो देश मे उपलब्ध प्रसार माध्यम या सिनेमा,नाटक,कवि सम्मेलन, टी,वी आदि में हिंदी अथवा अन्य भारतीय भाषाओं का ही वर्चस्व रहा है और अब तो उनमें हिन्दी की आंचलिक भाषाओं यथा अवधी, भोजपुरी, ब्रज,हरियाणवी,राजस्थानी आदि का भी प्रवेश हो गया है। आज हिंदी के समाचार पत्रों एवम उनके पढ़ने वालों की संख्या में लगातार बृद्धि हो रही है।देश विदेश में हिंदी के कवि सम्मेलनों एवम साहित्यिक गोष्ठियों की तो धूम मची हुई है।

   भारत मे प्रकाशित ई -पत्रिका ,यथा अनहद, कृति, सृजनगाथा, आदि भी हिंदी की श्री बृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।इसप्रकार द्रुतगति चाहे परिवर्तितरूप में ही सही पर हिंदी का प्रसार द्रुतगति से हो रहा है।

  विगत 15-20 वर्षों से विदेशों के हिंदी का प्रसार तेजी से हुवा है।

    फिर भी राष्टीय एवम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है।हिंदी को राष्ट्रीयभाषा के समुचित व व्यवहारिक स्थान पर प्रतिष्ठित करना तथा हिंदी को कम्प्यूटर एवम जीविकोपार्जन की भाषा बनाना आदि।

     हिंदी प्रेमियों को हिंदी की स्वीकार्यता एवम उपयोगिता बढ़ाने के साथ साथ अन्य भारतीय भाषाओं की अभिबृद्धि के लिये भी सतत प्रयास करते रहना चाहिए।यह प्रयास ही देश की संस्कृति का अवलंब एवम संवाहक होगा।

   🙏🏼 जय जय हिंदी


सुमन सोनी /वाइस प्रिंसिपल एवम कवयित्री का हिंदी दिवस पर अपना मंतव्य

(भागलपुर बिहार)

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