भाजपा नेता के उठाए सवाल को गंभीरता से लेने से बच सकती थी , दो मासूमों की जान
पेंड्रा/गौरेला
एक परिवार जो प्रशासन के उदासीनता भरे हाथी जैसी चाल की वजह से आपने परिवार के दो मासूमों को खो चुका है। जिसके बारे में राजेन्द्र कुमार गोंड तथा परिजनों द्वारा आपने परिवार के साथ हुए घटना के संबंध में कलेक्टर महोदया को दी गई शिकायत से लगाया जा सकता है घटना जिले के निजी अस्पताल ओंकार शोभा हॉस्पिटल की की लापारवाही से जुड़ा तथा प्रशाशन कि तरफ से उदासीनता सा प्रतीत होता है, पेंड्रा गौरेला जिला मंत्री नीरज जैन द्वारा प्रशासन को दिनांक 10/8/2021 को पत्र द्वारा अवगत कराया गया था, की निजी हॉस्पिटल नियम विरूद्ध कार्य कर रहा है, जिसमे ओंकार शोभा हॉस्पिटल ,के डॉक्टर के बारे में ये बताया था,की कार्य के दरमियान नारकोटिक उपयोग करते तथा आपने कार्य के दौरान कई बार नसे की हालत में रहने की वजह से बेहोश हो कर गिर पड़े है।
कलेक्टर महोदया को ज्ञापन देते हुए, समाजसेवी का समाज के हित में कदम उठाना सराहनीय था, परन्तु प्रशासन ने अगर समय रहते उचित कदम उठाया होता तो मासूमों को बचाया जा सकता था, शिकायत कर्ता राजेन्द्र कुमार गोंड के शिकायत पत्र के अनुसार उनकी पत्नी को प्रसव के दर्द में सरकारी अस्पताल ले गया, वहां से कुछ घंटे बाद यह कहते हुए की प्रसव ऑपरेशन द्वारा जो पाएगा तथा सरकारी अस्पताल में यह सुविधा नहीं है, निजी अस्पताल। ओमकार शोभा हॉस्पिटल की एम्बुलेंस को बुला कर मरीज को भेज दिया गया।रात्रि जब मरीज को ओमकार शोभा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया तब वहा प्रसव कराने के लिए महिला रोग स्पेशलिस्ट नहीं थे तो सिर्फ एक डॉक्टर जो हिलते डुलते डॉक्टर के नाम से चर्चित भी है जी हां वही जिनके बारे में कलेक्टर महोदया को पूर्व में नीरज जैन भाजपा नेता द्वारा उनकी नशे के आदत के बारे में सूचना दी गई थी। ओमकार शोभा हॉस्पिटल में मरीज लल्लीबाई पति राजेन्द्र को एडमिट करने के बाद से ले के कर 2 बजे तक नॉर्मल प्रसव के लिए प्रसव कक्छ में रखा गया, वहा की आपबीती मरीज ने परिजन को मृत्य होने से पहले बयान कि थी, अमानवीय घटना में यह आप बीती इतनी दर्दनाक है, आप के रोंगटे खड़े हो जाएंगे बाद में मरीज का रात्रि 2 बजे हॉस्पिटल के बाहर से डॉक्टर आ कर ऑपरेशन करके मरीज की जान बचाने की कोशिश की , उन्होंने मरीज की हालत सम्भाल ली परन्तु ओमकार शोभा हॉस्पिटल के द्वारा ब्लड चढ़ाने से मरीज की मृत्यु हो गई प्रशासन ने अगर समय रहते नसे के आदी हो चुके डॉक्टर पर कार्यवाही की होती तो शायद दर्दनाक तकलीफ से बचाया जा सकता था।