सचिव को 4 वर्ष की सजा, फिर भी मलाईदार पद पर, आला अफसर मेहरबान..?

सचिव को 4 वर्ष की सजा, फिर भी मलाईदार पद पर, आला अफसर मेहरबान..? 


कोतमा - अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत मुख्यालय बदरा ग्राम पंचायतों में कुछ ऐसे ऐसे भ्रष्टाचारी सचिव पदस्थ हो गए जो माननीय न्यायालय ने जिन्हे 04 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई हो वह अपराधी सचिव मलाईदार पद पर बैठ कर ग्राम पंचायत की शोभा बढ़ा रहे हैं।ग्राम पंचायत दारसागर के तत्कालीन एवम वर्तमान चोड़ी ग्राम पंचायत सचिव महेश केवट की गुंडा गर्दी पर उतारू हो कर अपने पद की गरिमा को हो कलंकित किया जाता रहा।ग्राम पंचायत दारसागर में पूर्व में किए गए कार्यों कांजी हाउस शिवलहरा घाट में मेला की बैठकी वसूली की जानकारी मांगने पर महेश केवट आग बबूला हो कर लोगो के साथ सचिव ने जमकर मारपीट की गई।

*अपराधिक मामले दर्ज, फिर भी अधिकारी मेहरबान*

ग्राम पंचायत चोड़ी के सचिव महेश केवट पिता सुग्रीव केवट निवासी दारसागर द्वारा ग्राम पंचायत दारसागर में ग्राम सभा  की बैठक के दौरान अपने सहयोगी साथी कुंदनलाल केवट,रमेश केवट,जगत पाल प्रजापति,ओमप्रकाश उर्फ दाऊ,प्रेमलाल केवट,शारदा केवट,राजू उर्फ राजकुमार प्रजापति के साथ मिलकर 02 मार्च 2013 को बृजभान सिंह,जयपाल सिंह व रामसुजान शुक्ला के साथ जमकर मारपीट कर दी गई।जिससे तीनों व्यक्तियों को गंभीर चोटे आई और भालूमाड़ा पुलिस द्वारा फरियादी की शिकायत पर अपराध क्र.286/2013 धारा 147,148,149,325,307,323 व 3(2)(5) एससी एसटी एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया और आरोपित व्यक्ति तत्कालीन सचिव दारसागर एवम वर्तमान सचिव महेश केवट को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल का रास्ता दिखा दिया गया।

*न्यायालय ने सचिव को उपरोक्त मामले में पाया दोषी*

ग्राम पंचायत चोड़ी सचिव महेश केवट द्वारा पूर्व में ग्राम पंचायत दारसागर में ग्राम सभा की बैठक में 3 व्यक्तियों के साथ की गई मारपीट पर माननीय विशेष न्यायाधीश एससी एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के न्यायलय से विशेष प्र०क्र० - 14/2014 में पारित निर्णय दिनांक 25.10.2017 के मध्यम से उक्त सभी अभियिक्तगण को विशेष न्यायलय द्वारा उपरोक्त धाराओं में दोषी पाते हुए महेश केवट सहित दो अन्य अभियुक्तगण को तीन वर्ष एवम दो वर्ष की सजा तथा 7500/- व 4500/- रुपए के अर्थदंड देते हुए दंडित किया गया।एवम अपराध धारा 325/149 भा०द०वि० में दो वर्ष की सजा व 2000 रुपए का अर्थदंड,धारा 147 भा०द०वि० के अपराध में 01 वर्ष का कारावास व 500 रुपए का अर्थदंड,धारा 323/149 भा०द०वि० के अपराध में 06 माह का कारावास व 1000 रुपए जुर्माना तथा धारा 323/149 के अपराध में 06 माह का कारावास व 1000 रुपए जुर्माना के दंड से दंडित किया गया।कुल 4 वर्ष की माननीय न्यायालय ने सचिव महेश केवट को उपरोक्त धाराओं में व 4500 रूपए का अर्थदंड के दंड से दंडित किया फिर भी जिले के उच्च अधिकारी अपराधी सचिव महेश केवट पर मेहरबान हैं।

*4 वर्ष  की सजा उपरांत सचिव मलाईदार पद पर*

म०प्र० पंचायत एवम ग्राम स्वराज्य अधिनियम 1993 में वर्णित प्रावधान धारा - 36(1)(ए)(2) के अनुरूप कोई भी व्यक्ति पंचायत में किसी भी प्रकार का पद धारण नही कर सकता है,यदि उसे किसी भी अपराध में 06 माह से अधिक की सजा सुनाई गई हुई हो तो उसे पद से पृथक करने का प्रावधान है।किंतु 25 जनवरी 2017 को माननीय न्यायालय ने सचिव महेश केवट को 4 वर्ष की सजा सुनाने के बाद भी अनूपपुर जिले के जिला कलेक्टर,जिला पंचायत सीईओ,जनपद सीईओ अपराधी सचिव महेश केवट पर मेहरबान है जबकि सचिव महेश केवट 25 अक्टूबर 2017 से सचिव पद के लिए अयोग्य हो गया था। लेकिन जिले के अफसर एक अपराधी सचिव को मलाईदार ग्राम पंचायतों में भेजकर माननीय न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं।

*इनका कहना है*

सचिव महेश केवट के उपरोक्त सभी मामलों में उच्च न्यायालय ने स्टे दे रखा है,स्टे हटने के बाद ही उस पर हम कुछ कह और कर सकते हैं।

*व्ही एम मिश्रा सीईओ,जनपद बदरा*

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