शहड़ोल रेलवे का डिवीजन मंडल DRM कार्यालय क्यों नही बना ? - मनीष
शहड़ोल
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी और राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस(इंटक) के महामंत्री- मनीष श्रीवास्तव ने केंद्र की भाजपा सरकार और रेलवे प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि,
विगत 50 वर्षों से शहड़ोल रेलवे का उप मंडल(सब डिवीजन) है, रेलवे का प्रमुख कोल फील्ड एरिया है। पूरे जोन में सर्वाधिक लगभग 100 करोड़ का कोयला प्रतिदिन शहड़ोल CIC Area से ही ट्रांसपोर्ट होता है।
शहड़ोल उप मंडल(सब डिवीजन) पहले दक्षिण पूर्व रेलवे में था,जिसका जोन मुख्यालय पहले कोलकाता था पर अब बिलासपुर रेलवे जोन बनने के बाद भी अभी तक डिवीजन नही बन सका, जबकि रायपुर भी पहले सब डिवीजन था लेकिन बिलासपुर जोन बनने के तुरंत डिवीजन बना दिया गया।
बिलासपुर से रायपुर की रेलवे रूट की दूरी 115 km है जबकि बिलासपुर से शहड़ोल की दूरी 211 km है, जब जोन मुख्यालय के इतने समीप DRM ऑफिस बनाया जा सकता है तो शहड़ोल में क्यों नही?
मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि,मेरे अनुसार,जहां तक शहड़ोल रेलवे स्टेशन की भयंकर दुर्दशा, शहड़ोल से ब्यौहारी रेलवे लाइन का आज तक न बन पाना और आज तक रेलवे डिवीजन कार्यालय न बन पाने के कारण हैं:
1. क्षेत्रीय सांसदों की राजनीतिक अक्षमता।
2. रेलवे यूनियनों की अकर्मण्यता।
4. संभाग के चुने हुए जनप्रतिनिधियों की अनिच्छा और सीमित सोच।
5. शहर के विभिन्न व्यापारिक और कर्मचारी संगठनों ने भी कभी इस ओर मांग करना उचित नही समझा।
उपरोक्त प्रमुख कारण ही जिम्मेदार हैं,शहड़ोल रेलवे के विकास और उचित आधिकारिक मांगों को पूरा न कर पाने में? उन्होंने कहा कि,आज अगर शहडोल रेलवे का डिवीजन बन जाता है तो शहड़ोल संभाग अपने हक की एक बड़ी उपलब्धि पा सकेगा साथ ही क्षेत्र का और अधिक विकास हो सकेगा।
इसके लिए मै स्वयं जल्द ही संभाग के कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के साथ अपने नेता प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय कमलनाथजी के साथ प्रधानमंत्री और रेलमंत्री से मिलकर इस संबंध में कार्यवाही करवाएंगे।