आदिवासी की भूमि का दर्जनों सामान्य लोगों के नाम रजिस्ट्री और नामांतरण..?

आदिवासी की भूमि का दर्जनों सामान्य लोगों के नाम रजिस्ट्री और नामांतरण..?

*अधिकारियों और पूंजीपतियों की सांठ गांठ से फल फूल रहा है जमीन का खेल*


*इंट्रो - पटवारी हल्का कोतमा स्थित इस्लाम गंज पर स्थित भूमि आराजी खसरा नंबर 528  एंव 498 रकवे की भूमि गैर आदिवासी व्यक्तियों के नाम हुई रजिस्ट्री एवं नामांतरण, फर्जी आदिवासी बनकर हुआ क्रय विक्रय का पूरा खेल!*

अनूपपुर/कोतमा

जिला मुख्यालय अनूपपुर तहसील कोतमा कार्यालय क्षेत्र में आदिवासियों की भूमि पर गैर आदिवासी व्यक्ति फर्जी तरीके से आदिवासी बनकर जमीन की रजिस्ट्री नामांतरण व क्रय विक्रय का खेल राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों की सह पर  किया जाता है। पटवारी हल्का कोतमा इस्लाम गंज स्थित भूमि आराजी खसरा नंबर 528  एंव 498  रकवे की भूमि आदिवासी परिवार की पुश्तैनी भूमि 1958- 59 की खतौनी में खोसल वल्द शिवनाथ भरिया आदिवासी व्यक्ति के नाम से राजस्व अभिलेख में दर्ज रहता है। 13 अक्टूबर 1982 से  आदिवासी की पुश्तैनी भूमि का क्रय विक्रय षड्यंत्र कारी खेल की  इस्लाम गंज के ही कुछ मठाधीश पूंजीपति व्यक्तियों द्वारा इसकी शुरुआत किया जाता है। आदिवासी मोहन पिता देविया भरिया निवासी इस्लाम गंज कोतमा द्वारा 13 अक्टूबर 1982 को अपनी पुश्तैनी भूमि खसरा नंबर 498  की भूमि से 75 डिसमिल एवं खसरा नंबर 528 से 1 एकड़ 61 डिसमिल, दोनों खसरे से मोहन भरिया ने अपनी पुश्तैनी भूमि जैकी बाई कुम्हार पति सम्हारु लाल कुम्हार निवासी इस्लाम गंज द्वारा फर्जी भरिया आदिवासी बन कर कुल दोनों खसरे के रकवे से 2 एकड़ 36 डिसमिल भूमि का क्रय विक्रय किया गया,उक्त आदिवासी की पुश्तैनी भूमि का रजिस्ट्री  नामांतरण के वक्त राजस्व पंजीयन अधिकारी द्वारा वर्ष 1958- 59 की खतौनी दरकिनार कर गुपचुप चोरी-छिपे रजिस्ट्री नामांतरण जैकी बाई कुम्हार के नाम पर दर्ज हो गई जबकि जैकी बाई चक्रधारी पति सम्हारु चक्रधारी निवासी इस्लाम गंज द्वारा फर्जी आदिवासी बन कर आदिवासी की पुश्तैनी भूमि का क्रय विक्रय किया गया। 

 *नाम बदलकर कराई रजिस्ट्री*

 जैकी बाई चक्रधारी ने मोहन भरिया की पुश्तैनी भूमि को क्रय करने के लिए फार्जी  जैकी बाई भरिया आदिवासी बनकर भूमिका क्रय विक्रय किया जाता है। वर्ष 1993 में जैकी बाई  चक्रधारी बनकर (1) रामकृपाल गुप्ता को आराजी खसरा नंबर 528 रकवा 1.61/ 0.652 हेक्टेयर का शेष रखवा 0.28 डिसमिल को बेचा गया। (2) वर्ष 1994 में गोकूल प्रसाद चौधरी  को खसरा नंबर 528 के शेष भाग से 0.04 को विक्रय किया गया, (3) मोहम्मद अलीम को खसरा नंबर 528 के शेष भाग से 83 डिसमिल भूमि का क्रय विक्रय करते हुए  (4) मोहम्मद शमी  को वर्ष 2008 में खसरा नंबर 528 के शेष भाग 0.28 हेक्टेयर भूमि  का क्रय विक्रय सभी निवासी इस्लाम गंज कोतमा को कर दिया गया। 

*भूमि विक्रय के बाद बढ़ रही जमीन*

 वर्ष 1993 से वर्ष 2008 तक जैकी बाई चक्रधारी द्वारा 4 अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से खसरा नंबर 528 रकवा का कुल 1.43 एकड़ आदिवासी की पुश्तैनी भूमि की रजिस्ट्री व नामांतरण दूसरे व्यक्तियों के नाम पर कर दिया गया इसके बावजूद आज भी विक्रेता जैकी बाई  चक्रधारी  पति  सम्हारु लाल चक्रधारी के राजस्व खसरा में 83 डिसमिल दर्ज है, जबकि जैकी बाई चक्रधारी के राजस्व आराजी खसरा नंबर 528 पर शेष भूमि 18 डिसमिल मात्र शेष जमीन होनी चाहिए, परंतु कुछ राजस्व विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों एंव कर्मचारियों ने अपने पद व ओहदे का दुरुपयोग करते हुए कंप्यूटर पर बैठ कर कूट रचना रचित कर दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर जैकी बाई चक्रधारी की भूमि को घटने का बजाये बढाई जा रही है।

आदिवासी भूमि पर सामान्य लोगों की बस्ती*

आदिवासी मोहन पिता देविया भरिया निवासी इस्लाम गंज कोतमा द्वारा अपनी पुश्तैनी भूमि खसरा नंबर 498  की भूमि से 0.075 डिसमिल एवं खसरा नंबर 528 से 1 एकड़ 61 डिसमिल भूमि गैर आदिवासी महिला जैकी बाई चक्रधारी को फर्जी तरीके से क्रय विक्रय किया जाता है। जैकी बाई चक्रधारी ने खसरा क्रमांक 528 के शेष भाग रखवा 83 डिसमिल भूमि मोहम्मद हलीम पिता अब्दुल हक निवासी  इस्लाम गंज कोतमा को वर्ष 1994 में बेच दी गई इसके उपरांत मोहम्मद हलीम ने भी आदिवासी की क्रय की गई भूमि से कंटक छुड़ाने के हिसाब से  वर्ष 2012 से आदिवासी की पुश्तैनी उक्त भूमि का क्रय विक्रय करना शुरू कर दिया (1) सल्लो अंसारी पति मकीनुददीन अंसारी (2) सावरा बेगम पति मो. जमशेद (3) मदरसा (4) राबिया बेगम पति अब्दुल  हकीम सभी इस्लाम गंज कोतमा निवासियों द्वारा अपनी-अपनी पत्नियों के नाम पर आदिवासी की पुश्तैनी भूमि का क्रय विक्रय के इस षड्यंत्र  लिप्त होकर आदिवासियों की जमीन पर बारी बारी से सबने अपने अपने ताजमहल मकान खड़े कर लिए और जिम्मेदार अधिकारी मौन स्वीकृति प्रदान करते रहे। 

*बिना रजिस्ट्री के नाम खसरे में दर्ज*

फर्जी आदिवासी जैकी बाई चक्रधारी पति सम्हारु लाल चक्रधारी जो फर्जी भरिया आदिवासी बनकर आदिवासी की पुश्तैनी भूमि का क्रय विक्रय कर रहा था रजिस्ट्री नामांतरण  के समय से इस फर्जी षड्यंत्र में लिप्त गवाह चमरू नामक व्यक्ति ने भी मौके का फायदा उठाकर और जैकी बाई चक्रधारी से हल्का पटवारी कोतमा खसरा नंबर 498 रकबा 75 डिसमिल आदिवासी की भूमि अपने पुत्रों के नाम करा लिया। यदि यह जमीन मेरे दोनों पुत्रों के नाम नहीं कराई तो पूरा फर्जीवाडे का भंडा फोड़ दूंगा। आप सबको आदिवासी की जमीन खरीदने पर जेल जाना पड़ेगा।

डर भय के कारण जैकी बाई ने भी आनन-फानन में चमरू के दोनों पुत्रों के नाम पर बिना रजिस्ट्री शासन के  मापदंडों को ताक में रखकर राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों  की सांठगांठ से खसरे पर चमरू के दोनों पुत्रों का नाम भी दर्ज हो जाता।

*इनका कहना है*

आप ने मामले को मेरे संज्ञान में  लाया है उपरोक्त मामले की शिकायत मेरे व्हाट्साप पर भेज दीजिए जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

*ऋषि सिंघाई एसडीएम कोतमा*

Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget