भ्रष्टाचार, घोटाले की शिकायत पहुँची प्रधानमंत्री तक क्या होगी जांच और कार्यवाही ?
*मामले की निष्पक्ष जांचकर कार्यवाही करे नही तो होगा बहिष्कार*
अनूपपुर
तीनो नवगठित नगर परिषद वनगंवा, डोला और डूमर कछार में जितनी भी भर्तियां हुई है उन भर्तियों में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार, घोटाले के आरोप शुरू से लगते चले आ रहे हैं। वह मामला शांत होता नही दिख रहा है। लगातार आंदोलन, और शिकायतें हो रही है मगर भ्रष्टाचारियो के अभी तक कोई भी कार्यवाही नही हो पा रही हैं लोगो को जांच का झुनझुना पकड़ा कर मामले को शांत करने की कोशिश किया गया हैं मगर जांच कब तक पूरी होगी यह कोई नही बता पा रहा है। इस फर्जी भर्ती भ्रष्टाचार घोटाले में बड़ी बड़ी मछलियों के नाम होने से लीपापोती की बहुत ही गुंजाइश दिख रही हैं। इस मामले का एक ही मास्टर माइंड हैं जो अनूपपुर जिला में रहकर उधर राजनगर तक इधर शहडोल, भोपाल तक मामले को रफा दफा करने एवं सेटिंग करने करवाने में सक्षम है इस मामले में 25% पहले से ही संलग्न थे 50% डरा, धमकाकर, रुपये देकर, नौकरी देकर आवाज को इनके गले मे ही दफन कर दिया, और जो 25% बचे हैं वो कब मैनेज हो जाये पता नही है मगर अभी तो इनके खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे हैं। डूमर कछार के निवासियों ने फर्जी भर्ती के खिलाफ प्रधानमंत्री शिकायत भेजकर निष्पक्ष जांच करवा कर कार्यवाही करने की प्रार्थना की है।
*दिया ज्ञापन*
डूमर कछार के समस्त नगर वासी नवगठित नगर परिषद डूमरकछार में कर्मचारियों की नियुक्ति संबंध में समस्त नगर वासियों द्वारा रोक लगाए जाने व निरस्त किए जाने की मांग व आपत्ति पत्र जिला के कलेक्टर महोदया सोनिया मीणा अनूपपुर को सौपा है। इसके अलावा नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली, मनीष रस्तोगी प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री भोपाल, निकुंज कुमार श्रीवास्तव आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय भोपाल, एन के गुप्ता लोकायुक्त भोपाल, श्रीकर केशव परदेशी बेब सूचना प्रबंधक संयुक्त सचिव प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली और संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन शहडोल को शिकायत की कॉपी मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही के भेजी गई हैं।
*भर्ती संदेहास्पद*
चुनाव पूर्व किए गए भर्ती संदेह उपरोक्त विषयांतर्गत यह है कि अनूपपुर जिले के नवगठित नगर परिषद इमरकछार में संविलियन कर्मचारियों की भर्ती फर्जी मास्टर रोल तैयार कर अधिकारियो सांठगाठ कर चोरी छुपे कर ली गई है जिसमें सफाई कर्मी तथा अन्य सहायक कर्मी शामिल है इसके व्यापक भ्रष्टाचार करते हुए स्थानीय लोगों के साथ छलावा किया गया है अधिकारियों के द्वारा इसके लिए ना तो स्थानीय अखबारों में कोई विज्ञापन जारी किया नाही नगर परिषद के सूचना बोर्ड में भर्ती संबंधित कोई भी नोटिस चस्पा किया गया जिस वजह से इसमें स्थानीय लोगों को अवसर नहीं मिल पाया है अधिकारियों के द्वारा अपने परिचय के लोगों की भर्ती की गई है जबकि वास्तविकता मास्टर रोल के एक भी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की गई है।
*बाहरी लोगों को मिली नौकरी*
हमारा अनूपपुर बहुत ही शांतप्रिय जिला हैं नवगठित नगर परिषद डूमरकछार में स्थानीय लोगों को नौकरी में पहली प्राथमिकता ना देते हुए बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी गई है नगर परिषद की घोषणा प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री मामा माननीय शिवराज सिंह चौहान ने की थी और कहा था कि सबसे पहले यहां के युवाओं को नौकरी दी जाएगी लेकिन उनकी साख पर बट्टा लगाते हुए अधिकारियों ने यहां अपनी मनमानी जारी करते हुए बाहरी युवाओं को नौकरी दे दिया है।
*करीबियों को मिली जगह*
हमारे नगर परिषद डूमरकछार में सी.एस.सी सेंटर एवं प्राइवेट क्लीनिक के संचालक, निजी संस्था के कर्मचारी, चिकित्सक एम.आर. प्रतिनिधी, सचिव के वाहन चालक, सचिव के निज सहायक, हैदराबाद के नानकराम गुडा में यू आर फैसेलिटी सर्विस संस्था के सुरक्षा प्रहरी, एस.ई.सी.एल. ठेकेदार वर्कर, पूर्व सरपंच के दामाद तथा नेता व अधिकारी के रिश्तेदारों को सविलियन कर्मचारी बना दिया गया है व बाहरी मे कोतमा अनूपपुर और अन्य जगह लोगो भी शामिल किया गया है।
*संविलियन में हुआ खेल*
डूमरकछार में मास्टर कर्मचारी या कोई भी प्रकार के कर्मचारी नहीं थे फिर भी इन सभी 57 लोगों को जगह के नियुक्ति करवाकर छः सात लोगों को कार्यालय नगर परिषद डूमरकछार में रखा गया है और बाकि लोगों को अन्य नगर परिषद/पालिकाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है महोदया नगर परिषद डूमरकछार में जितने भी संविलियन कर्मचारियों की भर्ती की गई है सचिव, रोजगार सहायक को छोड़कर शायद ही कोई ग्राम पंचायत का मूल व नियमित कर्मचारी होता होगा फिर भी अधिकारी द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए और 57 लोगों के नाम संविलियन कर्मचारियो सूची में शामिल कर नियुक्ति करवा दिया गया है।
*नियमित का होना था संविलियन*
नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय भोपाल के आयुक्त निकुज कुमार श्रीवास्तव जी के पत्र क्र /शा-2 / परि सं 169/2020/20 भोपाल दिनांक 02-01-2021 में स्पष्ट कहा गया था कि नगर पालिका सेवा (वेतन एवं भत्तो) 1967 नियम के प्रावधानुसार ग्राम पंचायत के मूल एवं नियमित कर्मचारियों का संविलियन की सूचारू रूप से पूर्ण किया जाय फिर भी इन नियमो प्रावधानों का पालन नहीं किया गया।
*बेरोजगारों को जगी थी उम्मीद*
कहा गया था कि केन्द्र में मा० नरेन्द्र मोदी जी की (भाजपा) सरकार आएगी तो अच्छे दिन आएंगे क्या यही अच्छे दिन है जहां आज हमारा नगर परिषद डूमरकछार भ्रष्टाचार भर्ती से लिप्त हो गया है जब नवगठित नगर परिषद का गठन हुआ तो नगर के सभी पढ़े लिखे युवा-युवतियों को एक उम्मीद था कि रिक्त पदों पर नगर परिषद में भर्ती किए जाएंगे जिनमे रोजगार के अवसर प्रदान होंगे पर ऐसा हो ना सका लिप्त भ्रष्टाचार अधिकारियों द्वारा फर्जी तरीके से कर्मचारियों की भर्ती कर नवगठित नगर परिषद डूमरकछार का नाम खराब हो गया।
*जनप्रतिनिधि मौन*
म०प्र० मे हुए व्यापम घोटाले के बाद का कर्मचारी भर्ती घोटाला होगा नवगठित नगर परिषद सरकार में किए जा रहे चुनाव पूर्व कर्मचारी नियुक्ति संदेहप्रद है जो अपने आप मे प्रमाणित हमारे नगर परिषद डूमरकछार क्षेत्र में उच्च कोटी के प्रतिनिधी व पूर्व जन प्रतिनिधी भी है जो जनता के समस्याओं को निराकरण करने व आवाज उठाने के लिए बनाए जाते है व चुनकर आते है पर यह प्रतिनिधि कोई कार्य के नहीं है जो ऐसे समय में स्थानीय लोगों को उनका हक ना दिला सके यह प्रतिनिधि सिर्फ अपना नाम बनाने के लिए और दिखाने के लिए अपनी नियुक्ति करवाकर व चुनकर आए है जिसका जवाब जनता समय आने पर जरूर देगी।
*कार्यवाही नही तो चुनाव बहिष्कार*
फर्जी रूप से भर्ती हुए संविलियन कर्मचारियों की नियुक्ति को पद से पृथक कर नियम अनुरूप नियुक्ति कराई जाए साथ ही उन सभी लिप्त भ्रष्टाचार अधिकारियों के उपर कार्यवाही की जाए जिनके द्वारा एवं सहयोग से यह नियम विरुद्ध कर्मचारियों की नियुक्ति करवाई गई है अन्यथा चुनाव पूर्व मनमाने तरीके से की जा रही भर्ती के विरुध्द नवगठित नगर परिषद डूमरकछार में होने वाले चुनाव का हम सभी मूल निवासियों द्वारा बहिष्कार किया जाएगा।