जिला जेल में जेलर के सामने लायंस क्लब ने कोरोना गाइडलाइन की उड़ाई धज्जियां

 जिला जेल में जेलर के सामने लायंस क्लब ने कोरोना गाइडलाइन की उड़ाई धज्जियां

*जेल के अंदर कार्यक्रम करने को मिली खुली छूट, कैदियो के परिवार को भगा दिया*

*जेलर जिला जेल में चलाते है 2 नियम एक अमीरों के एक गरीबो का, मास्क सोशल डिस्टेंस लापता*


अनूपपुर 

जिला जेल अनूपपुर में रक्षाबंधन के त्यौहार में जेल में बंद पुरूष और महिला कैदियो को यह आशा थी कि उनके परिवार के लोग आएंगे और मिलकर भाई अपने बहनों से, बहन अपने भाई को राखी बांध पाएंगे मुलाकात कर पाएंगे मगर ऐसा नही हो पाया बन्द कैदियों के परिवार वाले सुबह से ही जिला जेल पहुँच गए और जेलर के परमिशन का इंतजार करने लगे सुबह से शाम हो गयी मगर भाई बहनों और इनके परिवार वालो से मुलाकात नही हुई बाद में बिना मिले ही सबको अपने घर निराश होकर जाना पड़ा। जब कि सामाजिक संस्था लायंस क्लब जेल के अंदर जाकर कैदियो को राखी बांधी और भोजन की व्यवस्था की और कार्यक्रम भी किये। यह दोहरी नीति जेल प्रशासन कैसे निभा रहा है एक ही जेल में 2 नियम अमीरों के अलग और गरीबो के अलग ऐसा भेदभाव क्यू किया जा रहा है समझ से परे हैं। प्रशासन गरीबो के ऊपर इस तरह का चाबुक कब तक चलाता रहेगा।

*जेलर ने नही दी मिलने की परमिशन*

जिला जेल के जेलर राघवेश अग्निहोत्री कैदियों के परिवार वालो को मिलने की परमिशन नही दिए वहाँ पर सैकड़ो की संख्या में आये कैदियो के घर वालो को साफ साफ मना कर दिया गया कि रक्षाबंधन में कैदियो से मिलने की परमिशन ऊपर से नही है इसलिए किसी भी कैदी से मिलने नही दिया जाएगा। 22 अगस्त कैदियो के घर वाले सुबह से ही जिला जेल में मिलने और राखी बांधने के लिए पहुचने लगे मगर उनकी मुलाकात नही हो पाई जेल प्रशासन से मिन्नते की गई मगर कुछ नही हो सका परिवार वाले रोते बिलखते शाम तक जेल के बाहर इंतजार करते रहे और बाद में सारे लोग मायूस होकर अपने अपने घर वापस चले गए।


*जेल प्रशासन का दोहरा नियम*

इस मामले में जेल प्रशासन का दोहरा नियम साफ साफ दिख रहा है क्या कैदियो के घर वालो के लिए अलग और लायंस क्लब के लिए अलग अलग कानून है जेल में 2 कानून कैसे लागू हो सकते हैं कैदियो के घर वाले गरीब हैं तो उनको नही मिलने दिया जाएगा और लायंस क्लब वाले अमीर है तो उनके लिए नियम कों तोड़कर कानून बदल दिया गया क्या गरीब लोग इंसान नही होते क्या उनके अंदर मानवता नही होती अब जेल प्रशासन ही बता सकता हैं कि ऐसा क्यू हुआ।

*जेलर के सामने कोविड़ नियमो का खुलेआम उल्लंघन*

लायंस क्लब के 25 से 30 सदस्य जैसे ही जेल परिसर के अंदर गए तो वहाँ पर जो उनका पहले से तय कार्यक्रम था उसी आधार पर कार्यक्रम चालू हो गया सबको मालूम है कि कोरोना की तीसरी लहर आने की शंका जताई जा रही है और अभी कोरोना नियम पूरे जिले में लागू है। अभी पूरे जिले में मोहर्रम का त्यौहार कोरोना नियमो के तहत मनाया गया मगर लायंस क्लब वाले जेल को अपने घर जैसा माहौल बनाने में पूरे कोविड़ नियमो की धज्जियां उड़ाने में कोई कोर कसर नही छोड़ी जेल के अंदर न तो सोशल डिस्टेंस दिखी न पूरे लोग मास्क में दिखे अगर ऐसे में कोई एक कैदी कोरोना पॉजिटिव हो जाएगा तो पूरे जेल में वहुत ही आसानी से सारे कैदियो में वायरस पहुँच जाएगा जेल प्रशासन की लापरवाही कैदियो को भुगतनी पड़ सकती हैं जिसका जबाबदार जेल प्रशासन होगा।


*पहले भी लायंस क्लब ने बांटे थे कंबल*

लायंस क्लब वाले हमेशा सामाजिक कार्यक्रम करने में हमेशा आगे रहते हैं मगर हमेशा लायंस क्लब लोग किसी न किसी मामले में हमेशा सुर्खियों मे रहना पसन्द करते हैं दिखावे के साथ इनका चोली दामन का साथ है इसके पहले भी इसी जिला जेल परिसर में एक कार्यक्रम के तहत ठंडी के मौसम में कंबल बॉटने गए थे उस कार्यक्रम में महिला कैदियो को कंबल बांटे थे मगर पुरुष कैदियो को कंबल नही दिया गया क्या पुरुष कैदियो को ठंड नही लगती ऐसा भेदभाव क्यू इसका जबाब लायंस क्लब जैसी सामाजिक संस्था के पास ही हो सकता है।

*काम कम दिखावा ज्यादा*

हम मानते है कि लायंस क्लब एक सामाजिक संस्था है और समय समय पर लोगो के हित में काम करती रहती हैं अस्पताल में फल बांटने, बृक्षारोपण, गरीबो की मदद, अस्पताल में जरूरी सामान दान देना, बहुत सारे काम करती हैं मगर उससे ज्यादा दिखावा खरती है हर जगह अपनी दुकान लगाने में काफी माहिर हैं जो समय समय पर दिखाई देता रहता है जो कि एक सामाजिक संस्था को शोभा नही देता।

*जेल प्रशासन विवादों में*

जब से जिला शुरू हुआ है तब से जेल प्रशासन किसी न किसी विवाद में दिख जाता है सूत्र बताते हैं की जेल प्रशासन के के नाक के नीचे कैदियो से मिलने परिवार वालो से मोटी रकम लेकर मिलने दिया जाता हैं जो गरीब लोगों के पास रुपये नही होते उन लोगो वहाँ से भगा दिया जाता है जेल के अंदर भी खाना को लेकर सूत्रों से खबरे मिलती रहती हैं कि कैदियो को खाना बहुत घटिया दिया जाता है एक बार तो जेल परिसर में बोर बिगड़ जाने पर कई दिनों तक कैदियो को पानी बड़ी मुश्किल से नसीब होता था, यह भी समय समय पर आरोप लगता रहता हैं कि कैदियो के घर वालो से रुपया लेकर बाहर का सामान कैदियो को सप्लाई किया जाता है।

*इनका कहना है*

लायंस क्लब वाले ने रक्षाबन्धन के दिन जिला जेल में कैदियो के साथ मिलकर त्यौहार मनाए हैं। हम लोगो ने नियम के तहत परमिशन लेकर जिला जेल मे कार्यक्रम किये हैं।

*निरुपमा पटेल अध्यक्ष लायंस क्लब अनूपपुर*

जिला जेल में कार्यक्रम हुआ है मगर कोई भी सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन नही हुआ है कैदियो से उनके परिवार वालो को इसलिए मिलने नही दिया कि अवकाश के दिन मिलने की परमिशन नही रहती।

*राघवेश अग्निहोत्री जेलर जिला जेल अनूपपुर*

मुझे इस मामले की कोई जानकारी नही है हमारे यहाँ से कोई भी परमिशन नही दी गयी हैं

*सरोधन सिंह अपर कलेक्टर*

मुझे इस मामले की कोई भी जानकारी नही है कि जेल में कब किसने कार्यक्रम किया है

*कमलेश पुरी एसडीएम अनूपपुर*



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