करोड़ों रूपये के नियम विरुद्ध दवा खरीदी का मामला होगा जल्द होगा उजागर

करोड़ों रूपये के नियम विरुद्ध दवा खरीदी का मामला होगा जल्द होगा उजागर

*दवा खरीदी में शासन, प्रशासन, जिम्मेदारों की भूमिका संदेहास्पद, ई-टेंडर मामले में ईओडब्ल्यू की जांच में छुपाए जा रहे तथ्य*



अनूपपुर

सीएमएचओ कार्यालय अनूपपुर के द्वारा ई टेंडर का प्रकाशन कर निविदा के माध्यम से लगभग 1500 दवाओं उपकरणों एवं सामग्री का दर अनुसंध कर उक्त वस्तु को स्थानीय स्तर पर क्रय की जानी थी । जबकि उपरोक्त टेंडर को सीएमएचओ कार्यालय के अधिकारी कर्मचारियों ने मिली भगत कर कुछ दवा कंपनियों के निविदा की पाइनेशियन विट के मूल पारूप में पड्यंत्र पूर्व तरीके से तकनीकी सिस्टम में हेराफेरी कर निविदा प्रकाशित करा दी गई । फर्जीवाड़ा कर प्रकाशित कराए गए इस टैंडर में क्रय समिति द्वारा अवैधानिक रूप से ना सिर्फ अपनी चहेती दवा कंपनियों को फर्जी अन्नलिगल रूप से स्वीकार कर ली गई ।

इनके द्वारा सारे नियमों को ताक पर रखते हुए ऑनलाइन भ्रामक निविदा भी जारी कर दिया गया साथ ही ऑनलाइन निविदा में तकनीकी हेराफेरी की गई थी । उक्त पूरे मामले में शिकायतकर्ता ने बताया कि निविदा की फाइनेशियल इवेलुएशन लिस्ट की इस गड़बड़ी की बिड लिस्ट में जो 11.12.1314,15 का क्रम है वह पूर्णतः गलत एवं विसंगति पूर्ण है ( फाइनेंशियल इवेलुएशन लिस्ट की इस गडबड़ी को एमपीईटेडर मी साइट पर स्पष्ट देखा जा सकता है।इनके द्वारा फर्जीवाडा कर संपन्न कराए गए इस टेंडर की समयावधि सिर्फ 90 दिवस होने के बाद भी इस टेंडर के माध्यम से पूरे साल भर से करोड़ों रुपए के स्वास्थ्य बजट एवं माइनिंग बजट का दुरुपयोग कर खरीदी की गई है । इस टेंडर में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा करते हुए सरकारी बजट में बंदर बांट कर नियमों को दरकिनार करते हुए 11 के अलावा, बाकी 4 फर्मों से निरंतर खरीदारी की जा रही है । स्पष्ट  है कि सीएम एच.ओ. कार्यालय के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा कुछ निजी दवा कंपनियों के साथ मिलीभगत कर करोडो रूपए का अष्टाचार किया गया है।

*मामला पकड़ा तूल*

जिले के दवा खरीदी मामले ने तूल फिर तूल पकड़ा है । इस मामले में गड़बड़ी को लेकर तीन वाडियो वायरल हुए हैं । शिकायतकर्ता योगेंद्र तोमर ने आरोप लगाया है कि चहेती कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए लगभग 29 करोड़ रुपए की दवाइयां खरीद ली गई हैं । इस पूरे प्रकरण की जांच अभी चल रही है । ज्ञात हो कि वर्ष 2019 में सीएमएचओ कार्यालय द्वारा स्थानीय स्तर पर दवा खरीदी को लेकर प्रकाशित कराई गई निविदा के बाद दवा कंपनियों के द्वारा भरे गए आवेदन में नियमों को दरकिनार करते हुए निविदा में छेड़छाड़ कर चहेती कंपनियों को लाभ पहुंचाने की शिकायत जिला प्रशासन समेत स्वास्थ्य मंत्रालय में भी की गई थी । 28 नवंबर 2020 को दैनिक भास्कर ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। 4 अगस्त को आर्थिक अपराध शाखा रीवा के उपनिरीक्षक आशीष मिश्रा इस पूरे मामले की जांच के लिए सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे थे । जहां उन्होंने निविदा संबंधी दस्तावेजों की पड़ताल करते हुए दस्तावेज को अपने साथ ले गए थे । 25 अगस्त को सोशल मीडिया में इसी मामले से जुड़े 4 वीडियो वायरल हुए जिसमें निविदा खोलने के दौरान सक्षम अधिकारियों की अनुपस्थिति के आरोप भी लगाए गए थे । वहीं एक अन्य वीडियो में एसडीएम अनूपपुर कमलेश पूरी भी पंचनामा और आपत्तिकर्ता की शिकायत दर्ज करते दिख रहे हैं । इस वीडियो के वायरल होने के बाद अब दवा खरीदी मामला फिर से तूल पकड़ने लगा है ।

*यह रहा मामला*

स्थानीय स्तर पर दवा खरीदी के लिए जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा कार्यालय अनूपपुर द्वारा वर्ष 2019 में निविदा प्रकाशित की गई थी जिसका टेंडर क्रमांक सीएमएचओ / 2019-20 / 3032 जिसका टेंडर आईडी - 2019 - डीएचएस - 59621-1 है । 29 नवंबर को 2019 को स्थानीय खरीदी के लिए निविदा की गई थी । उक्त निविदा के माध्यम से लगभग 1500 दवाओं उपकरणों एवं सामग्री का दर अनुबंध कर उक्त वस्तुएं स्थानीय स्तर पर क्रय की जानी थी । इसी निविदा के पश्चात स्वास्थ्य महकमे द्वारा नियमों का पालन न करते हुए खरीदी की गई । इसकी शिकायत योगेंद्र सिंह तोमर द्वारा कलेक्टर अनूपपुर , लोकायुक्त भोपाल तथा स्वास्थ्य मेनालय से की गई थी ।

*बयां कर रही वीडियो*

सोशल मीडिया में वायरल हुए वीडियो में पूर्व सीएमएचओ डॉ .आरपी श्रीवास्तव एवं विभाग के चालक महेश कुमार दिक्षित दिखलाई दे रहे हैं । शिकायतकर्ता द्वारा वीडियो में अभी पूछा जा रहा है कि आप यहां पर क्यों हैतथा जब सक्षम अधिकारी मौजूद नहीं हैं तो फिर निविदा कैसे खोल दी गई । इसका जवाब डॉ . आरपी श्रीवास्तव नहीं दे पा रहे हैं वहीं एक अन्य वीडियो में एसडीएम कमलेश पुरी आपत्तिकर्ता की शिकायत और पंचनामा तैयार करते दिख रहे हैं । शिकायतकर्ता योगेंद्र तोमर ने विभिास्थानों पर शिकायत की है कि पात्र नहीं होने के बावजूद भी चहेती कंपनियों से लगभग 29 करोड़ रुपए की दवाइयां खरीद ली गई हैं । इस पूरे प्रकरण की जांच अभी चल रही है ।

*ईओडब्ल्यू ने क्षेत्रीय शाखा से मांगी थी जांच रिपोर्ट*

शिकायत को मद्देनजर रखते हुए आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल के द्वारा पत्र कमाक 2986/20 से शिकायत कमांक 14/21 दिनांक 10-03-2001 को दर्ज की जाकर सत्यापन में लेने के लिये । आवेदनकर्ता योगेन्द्र सिंह तोमर के दिये गए शिकायत आवेदन पत्र में सीएमएचओ अनूपपुर कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारियों के विरुद्ध निविदओ में अनियमितता कर फायदा पहुंचाने के आरोपों के संबंध में एक शिकायत पत्र प्रकाष्ट को प्रेषित करते हुए , शिकायत की छायाप्रति सलग्न कर उक्त शिकायत के सत्यापन हेतु प्रकोष्ट में शिकायत कमाक 44/2 : दिनाक 10-03-2021 को पजीबद्ध कर सत्यापन में ली जाकर आपकी ओर प्रेषित है । शिकायत का प्रकोष्ठं मैन्युअल में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार सत्यापन कर प्रतिवेदन नियत समय के अंदर मुख्यालय भेजा जाना सुनिश्चित करें ।

*क्षेत्रीय संचालक रीवा के ऊपर लग रहा आरोप*

पूरे मामले की शिकाय की जांच को लेकर मध्यप्रदेश शासन के स्वास्थ्य मंत्री एवं आयुक्त के द्वारा शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप की विधिवत जांच कर कर प्रतिवेदन भेजे जाने के लिए क्षेत्रीय,स्वास्थ्य सेवायें रीवा संभाग रीवा , मध्यप्रदेश पत्र प्रेषित किया गया था जिसमें शिकायतकर्ता की आवेदन के अनुसार जिले में पदस्थ विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा जिला अनूपपुर में स्वास्थ्य संबंधी औषधियों / उपकरणों एवं अन्य सामग्री.के कय मे हुए भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत की जांच कराये जाने को कहा गया था साथ ही पूरे प्रकरण की जांच कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया था लेकिन क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य संभाग रीवा के द्वारा आज दिनांक तक पूरे मामले की ना तो जांच की गई ना कार्यवाही प्रतिवेदन भेजा गया जिससे क्षेत्रीय संचालक रीवा का भी पूरे मामले में मिलीभगत होना स्पष्ट होता दिख रहा है।

*शिकायतकर्ता का यह था आरोप*

पूरे मामले में शिकायत कर्ता योगेन्द्र सिंह तोमर पुत्र स्व.बी.एम.एस तोमर निवासी- म.न. ए -6 लोंक - ए पैलेस कोलार रोड भोपाल म.प्र ने कहा कि 25.10.2019 को mptender.in.com पर सी.एम.एच.ओ. कार्यालय जिला अनूपपुर द्वारा सपलाई कार्य हेतु दर अनुबंध करने के लिए एक निविदा क्र . सी.एम.एच.ओ / 2019-20 / 3032 प्रकाशित की गई थी जिसका टेन्डर आई.डी. - 2019- DHS - 59621-1 था । उक्त टेन्डर 02.11.2019 से डाउनलोड किया जाकर 18.11.2019 तक भरा जा सकता था । मेरी फर्म द्वारा निर्धारित शुल्क जमा करके 05.11.2019 को उक्त टेन्डर डाउनलोड किया गया था टेन्डर डाउनलोड करने पर हमने पाया की टेन्डर में फाईनेंसियल बिड ( BOQ ) को अपनी अधिकारिक वेबसाइड से अपने निर्धारित प्रारूप में डाउनलोड न करते हुए जानबूझकर अलग तरीके से बनाया गया था । चूंकि इस BOQ का प्रारूप ही अपने निर्धारित प्रारूप से भिन्न था इसलिए इस BOQ का कम्पाइल होकर सही परिणाम आना सम्भव ही नहीं था । दिनांक 29/11/2019 को प्रकाशित ऑनलाईन फाईनेंशियल बिड के परिणाम अनुसार L - 1 , L - 2 , L - 3 , L - 4 , L - 5 का जो क्रम प्रकाशित किया गया है । वह पूर्णतः गलत एवं विसंगतीपूर्ण है .एल -1 के निविदाकर्ता को एल -5 दर्शाया गया है , एल -2 को एल -1 दर्शाया गया है एवं एल -5 को एल -2 दर्शाया गया है..जो कि किसी भी रूप से संभव ही नहीं है । उक्त संदर्भ में यह भी स्पष्ट करना आवश्यक है कि टेंडर कुल लगभग 1500 दवाईयां एवं चिकित्सा उपयोगी उपकरणो का था ,परन्तु उपरोक्त परिणाम मात्र एक ही वस्तु का था ।शेष वस्तुओं का तुलनात्मक विशलेषण प्रकाशित ही नहीं किया गया । इस संदर्भ में भी परिवादी एवं अनादि इन्टरप्राईजेज के द्वारा आपत्ति व्यक्त की गयी , परन्तु आपत्ति को दर्ज ही नहीं किया गया । उक्त गडवडी के बारे में हमारे द्वारा तत्कालीन सी.एम.एच.ओ.डॉ. बीड़ी सोनवानी को जानकारी देने पर उनके द्वारा इसे शीघ्र ही संशोधित कराने का आश्वासन दिया गया । परन्तु अंतिम तिथि 18.11.2019 तक इंतजार करने के बाद भी जब टेन्डर में कोई संशोधन नहीं किया गया तब इस अंतिम तिथि को हमारी फर्म को भी इसी त्रुटिपूर्ण BOQ के अनुरूप टेन्डर भरना पड़ा । 22.11.2019 को टेन्डर खुलने के दिन के सुबह जब क्रय लिपिक के माध्यम से इस टेन्डर के संदर्भ में सर्पक किया गया तो उन्होंने ने बताया की टेन्डर तकनीकी कारणों से अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है । जिसकी आधिकारिक सूचना शीघ्र की जावेंगी । यह मानकार की त्रुटिपूर्ण BOQ देखकर सी.एम.एच.ओ. कार्यालय द्वारा निविदा स्थगित कर दी गई है । हम लोग सी.एम. एच.ओ.कार्यालय से वापस आ गयें । इसी दिन शाम 5 बजे मुझे व एक अन्य प्रतिभागी फर्म के प्रोपराइटर को उक्त टेन्डर खोले जाने एवं एक मिनिट बाद ही हमारी फर्मो को उक्त टेन्डर में रिजेक्ट होने का मेसेज प्राप्त हुआ करीब 5:15 बजे मैं व दूसरा प्रतिभागी l अनादि इंटरप्राइजेस के प्रोपराइटर श्री हिंमाशु मेहरा सीएमएचओ कार्यालय अनूपपुर पहुंच गये ,उस समय कार्यालय में तत्कालीन सी.एम.एच.ओ कय समिति का कोई भी अधिकारी / कर्मचारी  मौजूद नही थे पूर्व सीएमएचओ श्रीवास्तव के निर्देशन में क्रय लिपिक ,एकाउंटेड दीक्षित एक निजी तकनीकि सहायक एंव अन्य कुछ लोगों द्वारा  निविदा से संबंधित सारे लिफाफे खोले जा चुके थे इसमें आशय की बात तो यह भी थी की वहा हमारे अलावा किसी भी प्रतिभागी फर्म का कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था लेकिन वहा मोजूद रजिस्ट्रड में तीन प्रतिभागी संस्थाओं के व्यक्तियों के हस्ताक्षर मौजूद थे । टेन्डर खुलने के संबंध में मेसेज द्वारा सूचना प्राप्त हो जाने एवं तुरंत सी.एम.एच.ओ. कार्यालय पहुंचकर हमारे द्वारा इस अवैध तरीके से खोले जा रहे टेन्डर की विडियोग्राफी भी कर ली गई थी । जिसमें आरोपीगण फर्जीवाडा करते हुऐ स्पष्ट दिखाई दे रहे है।

*एसडीएम पहुंच कर मामले को लिया था संज्ञान*

पूरे मामले एवं फर्जी तरीके से टेन्डर खुलने की सूचना पर तत्कालीन एस.डी.एम. श्री पुरी  सी.एम.एच.ओं कार्यालय अनूपपुर पहुंच गयें । एस.डी.एम.श्री पुरी द्वारा वहां अवैधानिक तरीके से खुले टेन्डर को देखकर उक्त टेन्डर प्रक्रिया तुरंत रोकने के निर्देश दिये गये एवं श्री पुरी द्वारा हमारी आपत्तियों को लिखित लिपिबद्ध करते हुऐ सम्पूर्ण टेन्डर की नस्तियां जप्त करते हुए आगामी निर्णय के लिए कलेक्टर द्वारा 25.11.2019 को निर्णय किये जाने की जानकारी हमे दी गई । परन्तु तत्कालीन कलेक्टर चन्द्र मोहन ठाकुर द्वारा उक्त निविदा में किये जा रहे भ्रष्टाचार एवं हमारे द्वारा ली गई आपत्ति को नजर अंदाज करते हुऐ टेन्डर को रिवोक  करने का आदेश दे दिया । 

*लगाए गए आपत्ति को किया था दर किनार*

इस पूरे मामले एवं आदेश के परिपालन में 25.11.2019 को पुनः खोले गये टेन्डर में  कलेक्टर एवं क्रय समिति के सदस्यों द्वारा हमारे आपत्तियों को दरकिनार करते हुए पूर्व नियोजित षडयंत्र के तहत हमारी फर्मो को अयोग्य ठहराकर मनमानी तरीके से अपनी 5 चहेती फर्मो का चयन कर लिया गया एवं मनमानी तरीके से 29.11.2019 को बिना दरों को कम्पाइल किये बगैर बिना तुलनात्मक पत्र के भ्रमक निविदा परिणाम जारी कर दिये गये । दिनांक 29/11/2019 को सी.एम.एच.ओ. कार्यालय जिला अनूपपुर द्वारा स्थानीय खरीदी हेतु निविदा 2019_DHS_59621_1 Tender Referrence No. CMHC / 2019-2020 / 3032 सम्पन्न की गयी थी । उक्त निविदा के माध्यम से लगभग 1500 दवाईयां , चिकित्सकीय उपकरण एवं चिकित्सा उपयोगी अन्य सामग्री का दर अनुबंध कर उक्त वस्तुएँ स्थानीय स्तर पर क्रय की जाना थी।

*दस्तावेज में किया षडयंत्रपूर्वक धोखाधड़ी*

पूरे मामले में उक्त निविदा में आरोपीगण एवं उनके सहायक तथा हितबद्ध व्यक्तियों द्वारा षडयंत्रपूर्वक धोखाघडी एवं दस्तावेजो की कूटरचना कर निविदा की फाईनेंशियल बिड के मूल प्रारूप में तकनीकी हेरा - फेरी कर निविदा प्रकाशित करवा दी । इस प्रकार उक्त निविदा अपने प्रारंभ से ही अवैध स्वरूप होकर अमान्य निविदा थी , जिसमें किसी भी प्रकार की फाईनेंशियल बिड न तो खोली जा सकती थी और न ही वैधानिक रूप से उसे भरा जा सकता था । उक्त टेंडर में कारित भारी त्रुटियों की शिकायत जब परिवादी एवं अनादि इन्टरप्राईजेज के प्रोपराईटर श्री हिमांशु मेहरा द्वारा की गयी , तो तत्कालीन सी.एम.एच.ओ. डॉ .बी.डी. सोनवानी तथा पूर्व में पदस्थ सी.एम.एच.ओ. डॉ . आर.बी. श्रीवास्तव के द्वारा अनादि इन्टरप्राईजेज के प्रोपराईटर हिमांशु मेहरा को लालच दी जाकर आगामी टेंडर की सम्पूर्ण जानकारी पूर्व में ही सी.एम.एच.ओ.जिला अनूपपुर की आधिकारिक ई - मेल आई.डी. के माध्यम से प्रेषित की ,जिससे स्पष्ट है कि अपराध में डॉ . बी.डी. सोनवानी एवं डॉ.आर.पी. श्रीवास्तव भी संलिप्त है । आरोपीगण द्वारा निश्चित अवधि 75 दिवस उपरांत भी सम्पूर्ण वित्तीय वर्ष 2019-20 की अवधि व्यतीत होने के उपरांत भी उक्त टेंडर के माध्यम से करोड़ो रुपये की खरीददारी की जा रही है तथा टेंडर सप्लाई की समय - सीमा अवैधानिक रूप से 548 दिन कर दी गयी । जबकि उक्त टेंडर की निश्चित अवधि 75 दिवस के अंदर दिये जाने वाले ऑर्डर्स की ही सप्लाई हेतु निश्चित था । इस प्रकार उक्त टेंडर के माध्यम से अवधि व्यतीत होने तथा वित्तीय वर्ष समाप्त होने उपरांत भी कार्य अवधि को 24/02/2021 को संशोधित किया जाकर 548 दिवस किया जाकर स्वास्थ्य विभाग एवं माईनिंग विभाग के बजट का दुरूपयोग किया गया तथा भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा करते हुये राज्य शासन को अब तक लगभग 31 करोड़ रूपये की सदोष हानि दी गई है ।

*विसंगति पूर्ण रहा पूरा मामला*

पूरे मामले के निविदा की फाइनस्थित इवेनुएशन में जो 1212,13,14,15 का जो ब्रम है वह पूर्णतः गलत विसंगति पूर्ण है फाइनेंशियल इवेनुएशन लिस्ट की इस गडबडी को एन पी.ई - टेंडर की साइट पर स्पष्ट देखा जा सकता है फर्जीवाड़ा कर संपन्न कराए गए इस टेंडर की समयावधि 30 दिन होने के बाद भी इस टैडर के माध्यम से पूरे साल भर से करोड़ों रुपए के स्वास्थ्य बजट एवं माइनिग बजट का दुरुपयोग कर खरीदी की जा रही है । इस टैडर में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा करते हुए बजट मैं बन्दरबांट कर सारे नियम को दरकिनार करते हुए 1 के अलावा  बाकी की 4 फमो में भी निरंतर खरीदारी की जा रही है । अतः स्पष्ट है कि सीएमएचओ कार्यालय के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा कुछ निजी दवा कंपनियों के साथ मिलकर शासन के साथ करोड़ों रुपए का मष्टाचार किया गया।

*मामले के खलनायकों को जिले से बाहर कर जांच की उठ रही मांग*

दवाई खरीदी सहित जिले भर के अन्य खरीदी मामलों की विधिवत जांच कराए जाने को लेकर जिले के समाजसेवियों ,आमजन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ,स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी, खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ,प्रभारी मंत्री मीना सिंह, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल, कमिश्नर राजीव शर्मा ,कलेक्टर सोनिया मीणा, से मांग किए हैं कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करा कर कड़ी कानूनी कार्यवाही किए जाने के पहले पूरे मामले के नायक यह मैं तो बीवी सोनवानी सहित पूरे मामले को अंजाम देने वाले खलनायकों के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा टीम गठित कर सभी अंजाम कर्ताओं को जिले से बाहर कर निष्पक्ष रूप से जांच कराई जाए एवं कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए ।कारण की इनके द्वारा भ्रष्टाचार किए गए जगह पर रहकर निष्पक्ष जांच किए जाने में बाधा उत्पन्न किये जाने की शंका व्याप्त हो रही है।

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