तानाशाह प्राचार्य परमानंद तिवारी महाविद्यालय से किये गए कार्य मुक्त
अनुपपुर
हमेशा विवादों में रहने वाले शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के हिंदी विषय के प्राध्यापक प्रभारी प्राचार्य डॉ परमानंद तिवारी को अतिरिक्त संचालक द्वारा आज तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर से कार्य मुक्त कर दिया गया ज्ञात हो कि गत 6 अगस्त को मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में पदस्थ हिंदी विषय के प्राध्यापक डॉ परमानंद तिवारी का स्थानांतरण शासकीय महाविद्यालय हरसूद जिला खंडवा प्रशासनिक स्तर पर किया गया था, जिस पर अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग रीवा ने कार्य मुक्त की कार्यवाही करते हुए उन्हें शासकीय महाविद्यालय हरसूद जिला खंडवा के लिए कार मुक्त कर दिया गया।
*हमेशा रहे विवादों में*
डॉ परमानंद तिवारी जब से तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में पदस्थ हुए तभी से लगातार विवादों में रहे, महाविद्यालय छात्र छात्राओं से अपशब्दों का इस्तेमाल करना छात्र छात्राओं के अभिभावक से बतमीजी करना, उनके दस्तावेजों को फेंक देना , प्राचार्य पद का अहंकार जबरदस्त भरा हुआ था , हर कर्मचारियों को नीचा दिखाना हर कार्य में अपनी मनमानी चलाना शासन प्रशासन से भी बड़ा करके अपने आप को मानना आदि बातों का जबरदस्त अहंकार भरा हुआ था।
*जनभागीदारी मद की लूट*
डॉ परमानंद ने महाविद्यालय के छात्र छात्राओं के पैसो कोजमकर लूट खसोट मचा रखी थी, क बच्चों की जनभागीदारी फीस में इस कदर फीस बढ़ोतरी की उनकी आंखों से आंसू निकल आए 300 रुपये की जनभागीदारी फीस को सीधे 800 रुपये कर दिया गया, इसके बाद छात्रों के विरोध पर यह फीस मामले मामूली घटाकर 600 कर दी गई यानी दोगुनी दुगुनी फीस बढ़ा कर जनभागीदारी के खजाने को निर्माण कार्य, विभिन्न सामग्री की खरीदी आदि विकास कार्यों के नाम पर खटिया सामग्री गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य करा कर जमकर बच्चों के पैसों की लूट खसोट मचाई गई।
*इनका कहना है*
शासन के आदेशों का पालन करते हुए डॉ परमानंद तिवारी को तुलसी महाविद्यालय से कार्य मुक्त कर दिया गया है
*पंकज श्रीवास्तव अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग रीवा*