आज प्रधानमंत्री करेंगे चंपा से बात, महिला सशक्तिकरण की पर्याय है कृषि सखी चंपा


आज प्रधानमंत्री करेंगे चंपा से बात, महिला सशक्तिकरण की पर्याय है कृषि सखी चंपा


अनूपपुर 

प्रधानमंत्री महिला नारी सशक्तिकरण के संबंध में बेहतरीन कार्य करने वाले स्वसहायता समूह के सदस्यों से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को संवाद करेंगे। जिसमें अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ निवासी कृष्णा स्वसहायता समूह की चम्पा सिंह को प्रधानमंत्री से बात करने का अवसर प्राप्त होगा। प्रधानमंत्री जी से संवाद का यह कार्यक्रम गुरुवार को 12ः30 बजे से होगा। प्रधानमंत्री जी से संवाद हेतु चयनित सुश्री चम्पा सिंह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वसहायता समूह में कार्य कर रही हैं। सुश्री चम्पा सिंह का जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के ग्राम सोनियामार में हुआ। मात्र 12 वर्ष की उम्र में ही इनके पिता का देहान्त हो गया। तब आपको अपनी मां के साथ घर के कार्य में हाथ बंटाना पड़ता था। इसी के चलते चम्पा को अपनी पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी। जिससे वह मात्र 8 वीं तक ही पढ़ सकीं। घर में मां और दो छोटे भाई है। घर में भाईयों के बड़े होने के कारण उनकी शादी हो गई, जिससे वह अलग जीवन निर्वाह करने लगी। भाईयों ने चम्पा एवं उनकी मां को परिवार से अलग कर दिया। इस कारण चम्पा की जिम्मेदारियां और भी अधिक बढ़ गईं। समय गुजरता गया और चम्पा की शादी पास के गांव में हो गई। कुछ समय पष्चात अचानक ही एक दिन चम्पा के पति का देहान्त हो गया। इस उतार-चढ़ाव के बीच चम्पा अपने घर पर अपनी मां के साथ आकर रहने लगी। जीवन में आए दुःख से बाहर निकल चम्पा ने हार ना मानते हुए पुनः पूरे मनोयोग के साथ जीवन में संघर्ष करते हुए आगे बढ़ चली और आजीविका मिषन से जुड़कर उन्होंने गांव की अन्य महिलाओं को जोड़कर समूह का गठन किया और धीरे-धीरे अपनी बचत कर समूह को आगे बढ़ाया। समूह निर्माण के पश्चात चम्पा ने बुक कीपर का कार्य शुरु कर दिया जिससे उसको कुछ आमदनी हो जाया करती थी, परन्तु अभी भी अपने व परिवार के सदस्यों की छोटी-छोटी जरूरतें पूरी नहीं कर पा रही थी। उन्होंने और आगे बढ़कर आय के साधन जुटाने के लिए समूह के माध्यम से सिलाई का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। कृषि सखी के रूप में भी प्रशिक्षण प्राप्त किया। चम्पा को हरियाणा राज्य के झज्जर विकासखण्ड में कार्य करने को मौका मिला जिसमें उन्होंने 15 कार्य दिवस पूर्ण किए। इसके एवज में मानदेय के रूप में 11600 रुपये प्राप्त हुए जो चम्पा के जीवन की सबसे बड़ी कमाई थी। इसके अलावा अन्य राज्यों उत्तरप्रदेश में 3 बार, हमीरपुर एवं जालौन जिलों में रहकर कार्य करने का मौका मिला। चम्पा ने कृषि सखी के रूप में 6 बार अलग-अलग स्थानों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया तथा लगभग 5500 परिवारों को कम लागत, कृषि तकनीक एवं जैविक कृषि का प्रशिक्षण प्रदान कर चुकी हैं। वर्तमान में आजीविका मिशन अंतर्गत मास्टर कृषि के साथ-साथ समूह सदस्यों की आजीविका में जैविक कृषि एवं भूमि सुधार कार्यक्रमों के माध्यम से अभिवृद्धि हेतु कार्यरत स्वयंसेवी संस्था सृजन के साथ भी कार्य कर रही हैं। जहां से उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है। अब तक उन्होंने समूह से 50 हजार रुपये ले रखा है। जिससे आपने भाई की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं मकान मरम्मत आदि पर खर्च किया। चम्पा अपनी भूमि पर खेती एवं सब्जी उत्पादन से 2 लाख 70 हजार रुपये आय अर्जित कर रही हैं। चम्पा को आजीविका और कौशल विकास दिवस 5 मई 2018 के अवसर पर राज्य स्तर पर उत्कृष्ट कार्य हेतु पुरुस्कृत किया जा चुका है। चम्पा कहती हैं कि जबसे मैं आजीविका मिशन से जुड़ी हूं तबसे मैंने अपने जीवन को बदलते व सपने को साकार होते देखा है। मुझे गर्व है कि मेरी मां आज मुझे बेटी नहीं बल्कि बेटा कहकर बुलाती है।

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget