कलेक्टर का आदेश बेअसर सिर्फ कागजो तक, खानापूर्ति में मशगूल अधिकारी

 कलेक्टर का आदेश बेअसर सिर्फ कागजो तक, खानापूर्ति में मशगूल अधिकारी

*गाड़ियां हो रही कबाड़, अधिकारी कुंभकर्णी नींद में, कब जागेगा नगर प्रशासन*


अनूपपुर  

आवारा जानवरो की समस्या पूरे देश नासूर बनती जा रही हैं सरकार गौ वंश के लिए अलग से बजट का एक हिस्सा खर्च करती है मगर यह खर्च ज्यादातर कागजो में दिख रहा हैं मैदानी स्तर पर हाल जस का तस बना हुआ है, जिनके दम पर ये कार्य का जिम्मा सौपे हैं वहाँ यह कार्य खानापूर्ति होकर रह गया हैं। जिला मुख्यालय समेत पूरे जिले के नगर पालिका, नगर परिषद, ग्राम पंचायत में नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे एवं अन्य समस्त पूरे सड़क मार्गो में आवारा जानवरो की धमा चौकड़ी मची रहती है जिससे आये दिन दुर्घटना होती रहती है लोग जिससे लोग घायल होते हैं और बहुत सारे लोग मौत की आगोश में चले जाते हैं। जिस मामले को खबरों से संज्ञान में लेते हुए जिला कलेक्टर महोदया ने तुरंत सड़को से इनको हटाने का आदेश दिया हैं मगर 5 दिन बीत जाने के बाद भी अधिकारियों के कान में जूं तक नही रेगी हैं। सभी अधिकारी अभी कुंभकर्णी नींद में सो रहे है अब इनकी नींद कब खुलेगी इसकी जानकारी ये खुद या कलेक्टर महोदया खुद दे सकती हैं। आदेश के बाद आम लोगो को एक उम्मीद जगी थी। वह उम्मीद भी धूमिल होती दिख रही हैं।

1. *शेपर्स स्कूल*


*टीम ने लिया जायजा*

दबंग पब्लिक प्रवक्ता की टीम ने जब जिला मुख्यालय में 05 अगस्त को रात 8 बजे से लेकर 10 बजे तक आवारा जानवरो का जायजा लिया तो शेपर्स स्कूल, अमरकंटक तिराहा, शंकर मंदिर, इंदिरा तिराहा, तहसील कार्यालय, साई मंदिर, कोतवाली, बस स्टैंड, सामतपुर तिराहा, विद्युत सब स्टेशन, जिला पंचायत, कलेक्टर कार्यालय, एच पी गैस एजेंसी, बीएसएनएल आफिस, पुलिस कॉलोनी होते हुए पुरानी बस्ती तक देखा गया तो कही पर ऐसी स्थिति नही दिखी जहाँ पर आवारा जानवरो की भरमार न रही हो, लगभग जो मेन रोड पर 500 की संख्या में जानवर दिखे, इसके अलावा पूरे जिले में अपने प्रतिनिधि के द्वारा सर्च कराया गया तो वहाँ की स्थिति भी ऐसी ही मिली। कलेक्टर के आदेश के 5 दिन बाद भी हालात जस के तस है। अधिकारी केवल खानापूर्ति के नाम पर 5 से 10 जानवरो को पकड़कर फ़ोटो खींचकर अपना कोरम पूरी कर ली गयी जब कि जिला मुख्यालय में आवारा जानवरो की गिनती हजारों से ऊपर हैं। नगर पालिका अधिकारी बताये की अगर जानवर को पकड़े गए तो इतनी संख्या में मवेशी कहा से आ गए।

2. *अमरकंटक तिराहा*

*कलेक्टर का आदेश रद्दी टोकरी में*

सभी नगर परिषद, नगर पालिका, ग्राम पंचायत को कलेक्टर अनूपपुर ने तत्काल आवारा जानवरो को सड़को से हटाने का आदेश का जिले  में कोई असर नही हुआ 5 दिन पूरे हो गए हैं मगर सभी अधिकारी केवल कागजी खानापूर्ति पर विश्वास करते हैं मुख्यालय समेत  पूरे जिले में वही पुरानी स्थिति बनी हुई हैं। कोई भी अधिकारी इस आदेश को मानने को तैयार नही है जिले के मुखिया का आदेश का न मानना लोगो को समझ मे नही आ रहा है क्या कलेक्टर के आदेश में वो दम नही है जिससे जिले वासियों को आवारा जानवर से निजात मिल सके, कितने कलेक्टर आये और चले गए बस खानापूर्ति बस रह गयी हैं ग्राम, नगर पंचायत के अधिकारी कलेक्टर के आदेश को ठेंगा दिखा दिए कि जैसा चल रहा था वैसा ही चलता रहेगा ये नही मानने वाले आदेश कितने आदेश आकर चले गए मगर किसी के ऊपर कोई कार्यवाही नही हुई आज तक।

3. *एस पी निवास, जिला पंचायत*


*क्या होगी कार्यवाही*

जिला कलेक्टर के आदेश दिए 5 दिन बीत गया है मगर कही पर भी आवारा जानवरो के विरुद्ध कोई भी बड़ी कार्यवाही पूरे जिले में देखने अभी तक नही मिली हैं बस कुछ नगर पालिका में जानवर पकड़ने वाली गाडीई लेकर कुछ कर्मचारी कुछ जानवरो को पकड़कर खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं जो अधिकारी इनके आदेश की पूरी तरह पालन नही कर रहे है क्या कलेक्टर महोदय इन पर कोई कार्यवाही करेगी, या सभी को अभयदान देकर केवल वह आदेश दिखावा केवल कागजो तक ही सीमित तो नही रह जायेगा। आम लोगों की निगाह कलेक्टर महोदया पर लगी हुई है।

4. *कलेक्टर कार्यालय*


*कलेक्टर का ये है आदेश*

2 अगस्त को अनूपपुर कलेक्टर सोनिया मीणा ने कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में समय सीमा बैठक में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के सड़कों तथा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मार्गों में पशुओं के सड़क में बैठने से हो रही दुर्घटनाओं का संज्ञान लेते हुए जिले के सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों तथा ग्रामीण स्तर पर जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को ऐसे मार्गों को चिन्हित कर पशुओ को मार्ग से हटाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को आगाह करने के लिए मुनादी कराई जाये। आवारा पशुओं को गौशाला भेजने की कार्रवाई हो। 

5. *सामतपुर तालाब*


*आवारा जानवरो की भरमार*

जिला मुख्यालय समेत पूरे जिले में आवारा जानवरो की सड़कों पर भरमार रहती है जिससे रहवासी हमेशा परेशान रहते हैं हमेशा इन जानवरो के कारण दुर्घटना होती रहती है हर नगर में हजारों की संख्या में जानवर पूरे शहर में घूमते रहते हैं और रात होते ही सैकड़ो की संख्या में सड़क पर बैठ जाते है। जिला मुख्यालय में शंकर मंदिर से लेकर जेल बिल्डिंग तक, इंदिरा तिराहा से साई मंदिर तक, विद्युत मंडल कार्यालय, सामतपुर से सोन नदी, पुरानी बस्ती के हर सड़क पर हर जगह सैकड़ो की संख्या में आवारा जानवर की भरमार रहती हैं यहां तक कि जिला संयुक्त कार्यालय, जिला पंचायत के सामने जहाँ पर पूरे जिले के आला अधिकारी कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीईओ, अपर कलेक्टर के निवास होने के बाद वहाँ पर भी सैकड़ो की संख्या में जानवरों की भरमार रहती हैं जब वहां का हालात ऐसे हैं तो बाकी जगह भगवान भरोसे होगी।

6. *इंदिरा चौक*


 

*हादसे का शिकार हो रहे मवेशी*

बीच सड़को पर रात्रि के समय बैठे हुए जानवरो के कारण प्रतिदिन दुर्घटना होती रहती हैं जिससें लोगो की जान माल के नुकसान के साथ मवेशियों की भी मौत हो जाती है कुछ मवेशी जो बच जाते हैं वो हमेशा के लिए अपंग हो जाते है। रात के समय जब तेज रफ्तार से आमने सामने के गाड़ियों की हेड लाइट की रोशनी आंखों पर पड़ती हैं तो कुछ देर के लिए वाहन चालक के आंखों में कुछ भी दिखना बन्द हो जाता है और सड़क पर बैठे हुए जानवरो से गाडी टकरा जाती हैं।

7. *तहसील कार्यालय*


*गौशाला कागजो पर*

मध्यप्रदेश सरकार गौ वंश के लिए ग्राम पंचायतों में गौशाला का निर्माण करवाकर लाखो रुपये एक गौशाला खर्च कर रही हैं लेकिन उसके बाद भी गौशाला की हालत बद से बदतर है गौशाला होने के बाद भी सड़को पर गौ वंश घूमते रहती हैं। जिनके जिम्मे गौशाला की देखरेख करवाया जा रहा है वो लोग केवल गौशाला के नाम पर खानापूर्ति करते रहते हैं और अपनी जेब गरम करते हैं। गौशाला में जो गौवंश रहते है उनको अच्छे से खाना पानी भी नसीब नही होता हैं एक बार बीमार पड़ जाए तो उनको देखने वाला कोई नही हैं न डॉक्टर न दवाई और बीमार मवेशी बिना इलाज खाना पानी के दम तोड़ देते हैं।

8.  *बीएसएनएल आफिस*


*पशुपालक लापरवाह*

दूध, दही, घी, छांछ सबको चाहिए मगर गाय की घर पर रहकर सेवा कोई नही करना चाहता जब तक गाय दूध देती है तब तक घर लाकर दूध निकाल लिया जाता है जब तक गाय दूध देती हैं तब तक लोग लालच में सेवा करते है और जब दूध देना बन्द कर देती है तब उसे सड़कों पर आवारा रूप से मरने के लिए छोड़ दिया जाता है।


*पशुमालिक पर हो कार्यवाही*

सड़को पर आवारा पशुओं के कान पर सरकार द्वारा पंजीयन करवाकर एक नंबर पंच किया गया हैं जिससे उसका जानवर का मालिक कौन हैं पता चल जाता है ऐसे आवारा घूमने वाले जानवरो के मालिक का नाम पता करके जुर्माना करे और उसके बाद भी अगर न माने तो ऐसे पशुमालिक के ऊपर मामला दर्ज करवाया जाए तभी इस मामले में कुछ सुधार हो सकता हैं इसके लिए सरकार एवं प्रशासन को कठोर नियम बनाने पड़ेंगे।


*सरकार लाये योजना*

सरकार गौशाला के नाम पर जितनी राशि खर्च करती है वह राशि बन्द करके कोई नई योजना लाकर कुछ सुधार हो सकता है सरकार लोगो से रुपये देकर गोबर खरीदने लगे तो लोग अपने अपने मवेशी घर पर ही पाल कर रखेंगे और पशुमालिक को वर्ष में एक बार मवेशियों के हिसाब से कुछ प्रोत्साहन राशि तय कर दे जिससे आवारा जानवरो से लोगो को निजात मिल सकती हैं।सरकार खरीदे हुए गोबर गैस प्लांट बैठाए, गोबर से खाद बनाकर लोगो को बेच सकती हैं। इस तरह गोबर खरीदने की योजना छत्तीसगढ़ सरकार चला रही हैं। यहां भी ऐसी ही योजना सरकार शुरू दे तो इसका फायदा भी लोगो को मिलने लगेगा।

*लाखो की गाड़ी हो रही कबाड़*

ज्यादातर  नगरपालिका में आवारा जानवर पकड़ने वाली गाड़ी लाखो खर्च करके खरीदी गई हैं मगर उस गाड़ी का उपयोग बिलकुल नही हो रहा है जिससे लाखो का वाहन कबाड़ होते जा रहा है अगर इस गाड़ी का उपयोग माह में 5 दिन कर दिया जाए तो शहर के अंदर से आवारा जानवरो का नामो निशान मिट जायेगा लेकिन नगरपालिका की लापरवाही के कारण कुछ भी नही हो पा रहा है। अधिकारी कर्मचारी कुर्सी तोड़ते बैठे रहते हैं काम कोई भी नही करना चाहता।

*इनका कहना है*

आवारा जानवरो को पकड़ने का काम जारी है दिन में जानवर सड़को से उठकर चारा की तलाश में खेतों में चली जाती है शाम सुबह ही सड़को पर बैठते हैं कोशिश करेंगे कि सुबह शाम मुहिम चलाया जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा मवेशी पकड़ में आये।

*सरोधन सिंह अपर कलेक्टर अनूपपुर*

आवारा जानवरो की धर पकड़ जारी है अभी तक 16 आवारा जानवरो को गौशाला भेजा जा चुका है अभी सड़कों पर एक भी जानवर नही दिख रहे है।

*रामसेवक हलवाई सीएमओ नगरपालिका पसान*

बहुत सार जानवरो को पकड़ पर गौशाला भेजा जा चुका है यह कार्यवाही अभी जारी रहेगी।

*शशी तिवारी प्रभारी सीएमओ नगरपालिका अनूपपुर*

नगर परिषद जैतहरी में गाड़ी न होने के कारण आवारा जानवरो को बाहर नही भेज पा रहे हैं सुबह शाम हांका गैंग के द्वारा इनको शहर से बाहर कर दिया जाता है मगर फिर से वापस आ जाते हैं कुछ दिनों बाद अनूपपुर से गाड़ी मंगवाकर जानवरो को गौशाला भेजने व्यवस्था किया जाएगा।

*भूपेंद्र सिंह सीएमओ नगर परिषद जैतहरी*

जानवरो को पकड़ने की मुहिम चालू है अभी तक 6 मवेशी को पकड़ा जा चुका है

*डी एन मिश्रा प्रभारी हांका गैंग नगरपालिका अनूपपुर*

*इस मामले को लेकर कोतमा नगरपालिका सीएमओ विकास चंद्र मिश्रा के मोबाइल नं पर कॉल किया गया तो उनका मोबाईल रिसीव नही हुआ*

*इस मामले को लेकर नगर परिषद डोला, डूमर कछार, वनगवां के सीएमओ राजेन्द्र कुशवाहा के मोबाइल नं पर 2 बार कॉल किया गया तो उनका मोबाइल रिसीव नही हुआ*




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