आदेश के 28 दिन बाद भी कार्यवाही नही, सड़के खून से हो रही है लाल, जिम्मेदार मौन

आदेश के 28 दिन बाद भी कार्यवाही नही, सड़के खून से हो रही है लाल, जिम्मेदार मौन

कलेक्टर का आदेश में क्या वो दम नही जो सोये हुए प्रशासन को जगा सके ?

(आनंद पाण्डेय की खास रिपोर्ट)


अनूपपुर/

कलेक्टर अनूपपुर सोनिया मीणा के आदेश को पूरे 28 दिन  बीत गए हैं उसके बाद भी कलक्टर के आदेश को नही मान रहे हैं और सड़के खून से लगातार लाल हो रही हैं। जिले के मुखिया कलेक्टर के आदेश को न मानना एक बड़ा सवाल आम जनता के बीच जा रहा है अगर कलेक्टर की सुनवाई नही हो रही है तो असम जनता की सुनवाई कैसे होगी। नगर पालिका, ग्राम पंचायत प्रशासन गहरी नींद में सो रहा है भी लापरवाही एवं शक्ति से कदम ना उठाए जाने के कारण आज फिर मासूम बेजुबान गाय ट्रक के नीचे कुचली जा रही है। 28 अगस्त को इंदिरा तिराहा आईडीबीआई बैंक के पास अज्ञात वाहन ने एक गाय के पैर में गाड़ी चढ़ा दिया जिससे गाय का पैर का खुर अलग होकर बाहर निकल गया कुछ लोगों की सहायता से इसकी सूचना डॉक्टर वी.पी.एस. चौहान उप सचालक पशुपालन विभाग अनूपपुर को दी जिनके द्वारा फ़ोन के मध्यम से डॉक्टर रूपसिंग धुर्वे एवं डॉक्टर विजय कुमार धूलिया को सूचना देकर तत्काल मौके पर पहुचने के लिए कहा गया दोनो ने गाय की तकलीफ को देखते हुए दोनो डॉक्टर भरी बरसात में आधी रात  को करीब 11 बजे आकर गाय को मरहम पट्टी एवं दर्द और इन्फेक्शन की इंजेक्शन लगा कर नगर पालिका अनूपपुर के कर्मचारियों को सूचित किया गया। और सुबह होते ही यह बात जिले के आला अधिकारी आसन जनता और पत्रकारों के पास तक बात ना पहुंचे इससे पहले गाय को बकेली गौशाला में शिफ्ट कर दिया गया 29 अगस्त को फिर तहसील अनूपपुर के पास एक गाय को अज्ञात वाहन ने ठोकर मार दी जिससे गाय काफी चोट आई आखिर ऐसी लापरवाही कलेक्टर सोनिया मीणा के आदेश के बाद कैसे हो सकता है।और कितने तक गायों की खून से सड़कों को लाल होते देखते रहेंगे आज वो लोग कहां गए जो गाय हमारी माता है ऐसा कहकर वोट मांगते हैं वाले एवं गौ रक्षक के नाम पर सरकारी राशि लेते हैं।

*ये था कलेक्टर का आदेश*


आवारा पशुओं को मार्गों से हटाने कलेक्टर ने दिए निर्देशअनूपपुर 02 अगस्त 2021/ कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में समय सीमा बैठक में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के सड़कों तथा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मार्गों में पशुओं के सड़क में बैठने से हो रही दुर्घटनाओं का संज्ञान लेते हुए जिले के सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों तथा ग्रामीण स्तर पर जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को ऐसे मार्गों को चिन्हित कर पशुओ को मार्ग से हटाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को आगाह करने के लिए मुनादी कराई जाये। आवारा पशुओं को गौशाला भेजने की कार्रवाई हो।

*कलेक्टर का आदेश को बना रहे मजाक*

जिले के समस्त नगरपालिका, नगर परिषद, ग्राम पंचायत कलेक्टर के आदेश को बिल्कुल भी मानने के लिए तैयार नही है हालात जस के तस बना हुआ है आदेश के बाद कुछ नगर प्रशासन जरूर 2 से 4 दिन मोर्चा संभालते दिखा और शहरों से सैकड़ो मवेशी के बीच 10 मवेशी को सड़को से उठाकर गौशाला भेजकर अपना कोरम पूरा कर ली और बाकी लोग कर्मचारी न होना का रोना, तो कुछ मवेशी पकड़ने वाली गाडी का न होने का रोना रोकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। नगर प्रशासन के सैकड़ो कर्मचारी आफिस में बैठकर कुर्सी तोड़ते रहते हैं जब आफिस ने बैठकर पगार मिल रही है तो काम क्यू करें।

*क्यू नही होती पशु मालिक पर कार्यवाही*

सड़कों पर बैठे अवारा पशुओं से जानवर मौत के मुह में चले जाते है और सड़कों पर चलने वाले लोग भी दुर्घटना के कारण जान माल दोनो का नुकसान होता हैं सारे मवेशी का कानो पर रजिस्ट्रेशन का एक बैच लगा होता हैं उससे मवेशी मालिक का पता लगाकर अब मामला दर्ज होने लगे तो बहुत ही आसानी से सड़को से अवारा जानवरो से निजात मिल सकती है। मगर प्रशासन कुछ करना ही नही चाहती बस बहानेबाजी करके अपना पल्ला झाड़ लेती हैं। ज्यादा काम करके तमगा थोड़े मिलने वाला है।

*कब मिलेगी निजात*

देखने वाली बात यह होगी कि कलेक्टर का आदेश कितने माह में पूरा हो पायेगा, आवारा पशुओं से जिले वासियों को कब निजात मिलेगी यह कह पाना तो बड़ा मुश्किल है मगर फिर भी लोग यही आशा लगाए बैठे ही कलेक्टर साहिबा की नजर इन आवारा जानवरो पर पड़ जाए या खबरों से संज्ञान लेकर शायद आदेश का कड़ाई से पालन करवा दे या नगरीय प्रशासन अपने आप जाग जाए तभी कुछ करिश्मा हो सकता है बाकी कुछ होने की उम्मीद तो कही नजर आती नही दिख रही है। इस मामले को लेकर अपर कलेक्टर अनूपपुर, सीईओ जैतहरी, सीईओ कोतमा, सीएमओ अनूपपुर, कोतमा को मोबाइल कॉल किया गया तो कुछ लोगो का कॉल रिसीव नही हुआ कुछ लोगो का मोबाइल बन्द आ रहा था।


*खबरों के बाद भी संज्ञान नही*

लगातार सोशल मीडिया में अखबारों में खबरे प्रकाशित होने के बाद भी नसगरीय प्रशासन, ग्राम पंचायत, जिला प्रशासन संज्ञान नही ले रहा है जब कि आम जनता पत्रकार एवं अन्य लोग प्रशासन को मौखिक रूप से बताते रहते हैं मगर कोई सुनने का कार्यवाही करने को तैयार ही नही है जब कोई सुनेगा ही नही तो कारवाही कैसे होगी।


*इनका कहना है*

लगातार मुहिम जारी है आवारा पशुओं कों पकडकर गौशाला भेजा जा रहा है

*बी एम मिश्रा सीईओ जनपद अनूपपुर*

पशुओं को पकड़ने का सिलसिला जारी है बम्हनी, बकेली गौशाला पूरी तरह भर चुका है सब नए गौशाला पता करके वहां भेजने का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।

*डी एन मिश्रा हांका गैंग प्रभारी नगर पालिका अनूपपुर*



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