अवैध नियुक्तियां, भ्रष्टाचार को दबाने में संलग्न लोग लगा रहे एड़ी चोटी का जोर ?

 अवैध नियुक्तियां, भ्रष्टाचार को दबाने में संलग्न लोग लगा रहे एड़ी चोटी का जोर ?

*लक्ष्मी के आगे सब बिक गए दब गए सारे आवाज, दलालो ने सबसे बना ली सेटिंग*?

*मामले का सूत्रधार अदना सा कर्मचारी दलाल नचा रहा है सबको अपनी उंगलियों पर*?


अनूपपुर 

जिले में नेता-अधिकारी और कुछ पत्रकार मिलकर डेढ़ सौ कर्मचारियों का भर्ती घोटाला किया है। नवगठित 3 नगरीय निकायों में हुये इस घोटाले को दबाने के लिए अब यही नेता और अधिकारी जी जान लगा रहे हैं। 

*ये है मामला*

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनूपपुर जिले में 3 नए नगर परिषद बंनगवां, डोला, डुमर-कछार बनाने की घोषणा की थी। मध्यप्रदेश शासन ने जनवरी 2021 से विधिवत नगर परिषद के गठन की सूचना जारी की तथा प्रशासक नियुक्त किए। नियुक्त प्रशासक एवम पुराने ग्राम पंचायत के सचिव ने मिलकर तीनो नगरी निकायों में 50-50 कर्मचारियों का नाम दिया और चुपके से उन सबका संविलियन नगरी निकाय के कर्मचारियों के रूप में करवा लिया। इसके लिए न किसी समाचार पत्र में विज्ञापन निकला और न ही कोई साक्षात्कार लिया गया। बीजेपी और कांग्रेस नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों व कुछ पत्रकारों के पुत्र-पुत्रियों को संविलियन के नाम पर नगरी निकाय में परमानेंट नियुक्ति दे दी गयी।

*भर्ती में नामी लोग शामिल*

मार्च 2021 में इसकी जानकारी तीनो नगरी निकाय के युवाओं को हुई  तो उन्होंने आंदोलन करना शुरू किया। आंदोलन के दौरान एवं RTI कार्यकर्ताओं के द्वारा मांगी गई जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि प्रशासक एवं सचिव ने मिलकर कूट रचेत दस्तावेजों के आधार पर तीनों नगर परिषद में पैसे एवं पहुंच वालो को फ़र्ज़ी प्रस्ताव बनाकर सबको नियमित कर्मचारी बना दिया। इस पूरे फर्ज़ीवाड़े में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और प्रशासनिक अधिकारियो ने अहम भूमिका अदा की। इसमे JD कार्यालय शहडोल में पदस्त अधिकारी-कर्मचारी भी सम्मलित हैं। जिसका एक उदाहरण प्रशासक/SDM  विजय कुमार डेहरिया ने अपने रिश्तेदार सुरेंद्र कुमार डेहरिया, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष की पुत्री कुमारी प्रियंका वैश्य, सांसद प्रतिनिधि के भांजे मनोज यादव, भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान एवं पूर्व मंडल अध्यक्ष के पुत्र जय कलसा, शिखा त्रिपाठी, कांग्रेस के मंडल अध्यक्ष के पुत्र अदित्य श्रीवास्तव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की पुत्री शालिनी गौतम, माननीय विधायक कोतमा के खास व्यक्ति आकाश गुप्ता, सचिव बंनगवां के अज़ीज़ मित्र दीपक सिंह, इत्यादि सम्मिलित हैं।

*क्या है नियम*

मजे की बात यह है कि मध्यप्रदेश के किसी भी पंचायत में पंचायतीराज अधिनियम के अनुसार केवल 2 कर्मचारी सरकारी होते है जिनका उनकी सहमति से संविलयन किया जा सकता है  ज़्यादा लोग कार्य नहीं करते किन्तु संविलियन के नाम पर 50-50 लोगों का संविलियन करवा लिया गया भर्ष्टाचार का आलम यह है कि वर्तमान नगरी निकाय के अधिकारी को यह नहीं पता है कि उनके पास कितने नियमित कर्मचारी हैं। आंदोलनकारियों को बैंक से वेतन सूची प्राप्त हुई है, उसी सूची के आधार पर यह खुलासा हुआ है।

*जांच की कमान भ्रष्टाचारी के हाथ*

मध्यप्रदेश शासन ने इस पर संज्ञान लेते हुए जांच करवाने का एक आदेश जारी किया था, दुर्भाग्य यह है कि वह जांच भी नगरी निकाय के जॉइंट-डायरेक्टर कार्यालय शहडोल को सौंपा गया जोकि खुद इस पूरे भर्ष्टाचार में शामिल है। भ्रष्टाचार को संरक्षण देने एवं लोक सेवक का कार्य सुचारू रूप से न करने के कारण  आंदोलनकारियों ने वर्तमान CMO के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग है।

*सभी ने साधी चुप्पी*

इस मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों की छुप्पी कई सवाल खड़े करते है और जिला  प्रशासन है कि पूरे मामले में कैमरे में कुछ भी कहने से इनकार कर रहा है।

*आवाज उठाने बिक गए*

इस मामले को लेकर जो जो आवाज उठा रहे थे उन सभी लोगो को रुपये के दम पर खरीद लिए गया हैं उसमें चाहे सभी पार्टी के नेताओ ने अपने पार्टी का नाम बेच डाला, सभी जनप्रतिनिधियो ने जनता का वोट बेच दिया, आम आदमी ने अपना अधिकार बेच दिया, सभी को लालच देकर मुँह बन्द करवा दिया गया है जो अभी नए नए लोग विरोध के मैदान में आ रहे हैं वो भी जल्द बिक जाएगा फिर न रहेंगी बांस न बजेगी बांसुरी, सारे लोग अपना जमीर बेचकर भ्रष्टाचार में खुद को शामिल कर लिए है। हमारे देश मे इसको चौथा स्तंभ का दर्जा प्राप्त है कुछ लोग भी पूरी तरह बिक चुके हैं। जो कि कलमकारों के नाम पर बदनुमा दाग हैं चंद रुपयों की लालच में अपनी कलम को कुछ लोगो ने बेंच दिया कुछ लोगो ने गिरवी रख दिया। कलम की ताकत से सच छापने वाले पत्रकार जब बिक जाएगा तो सच्चाई कौन लिखेगा।ऐसे लोग कहीं पर मुँह दिखाने के काबिल नही बचेंगे।

*कोर्ट का बजेगा चाबुक*

प्राप्त जानकारी से ये बात निकलकर सामने आ रही हैं कि कुछ लोगो ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है अब भ्रष्टाचार करने वालो की सारी हेकड़ी बहुत ही जल्द कोर्ट निकाल देगी लोगो ये मालूम है कि जो जांच शासन प्रशासन की चल रही है उससे कुछ नही होने वाला है अब कोर्ट की इस मामले का दूध।और पानी को अलग करेगा। लोगो को आशा नही पूर्ण विश्वास है कि गुनाहगारों जो जरूर सजा मिलेगी।

*इनका कहना है*

नवनिर्मित नगर परिषद के विवादित संविलयन में जिला प्रशासन कोई भूमिका नही हैं उसकी जांच हो रही है जांच में जो दोषी पाया जाएगा उस पर होगी कार्यवाही।

*बिसाहूलाल सिंह विधायक अनुपपूर एवम  मंत्री खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवम उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मध्यप्रदेश सरकार*

ग्राम पंचायत में केवल दो ही कर्मचारी रहते है रोजगार सहायक और सचिव जिनका संविलियन उनकी सहमति से नगर परिषद में किया जासकता है ।

*व्ही एम मिश्रा सीईओ जनपद पंचायत अनूपपुर*

सारे संविलियन पूर्व में प्रभार में रहे सी एम ओ द्वारा फरवरी किये गए थे मैं यहाँ मई से हु, पूर्व प्रभारी सी एम ओ द्वारा ऊपर संविलियन के लिए दस्तावेज भेजे गये है लेकिन अभी तक किसी का संविलियन हुआ नही है ।

*राजेन्द्र प्रसाद कुशवाहा सीएमओ नगर परिषद बनगवाँ*

तीनो नगर परिषदों में 50-50 लोगो का संविलियन कर दिया गया यहाँ के प्रशासक विजय डेहरिया के रिश्तेदार भाजपा नेताओं, कांग्रेस नेताओं के रिस्तेदार, पत्रकारों के परिवार के लोगो की अवैध भर्ती / संविलियन कर दिया गया है।

*जे पी श्रीवास्तव इंटक नेता*

स्थानीय योग्य लोगो को छोड़कर तीनो नगर परिषदों में भाजपा नेताओं के रिश्तेदारो, किसी सीएमओ के पुत्र व दूसरे राज्यो के लोगो का नियम विरुद्ध तरीके से संविलियन किया गया है और परे मामले को दबाने के लिए एक प्रभारी सी एमओकी नियुक्ति है। जिनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण कायम करने के लिए मैंने ज्ञापन दिया है।

*गुड्डु चौहान जिलाध्यक्ष युवक कांग्रेस अनूपपुर*

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