झोलाछाप डॉक्टरों ने जनता से इलाज के नाम पर मची रखी है लूट, जिम्मेदार मौन

झोलाछाप डॉक्टरों ने जनता से इलाज के नाम पर मची रखी है लूट, जिम्मेदार मौन

*स्वास्थ्य विभाग बंगाली पर मेहरबान दे रखा है खुली छूट हो रहा है हादसों का इंतजार*



अनूपपुर/कोतमा

अनूपपुर जिले के कोयलांचल क्षेत्र के अंतिम छोर में बसे बरतराई आमाडांड में झोलाछाप डॉक्टरों का व्यवसाय  बढ़ चढ़कर बोल रहा है।   बरतराई आमाडांड मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा से कई ग्राम पंचायत व गांव जैसे चुकान, मंलगा,मझौली फुलवारी टोला, कुहका सहित कई गांव सीमा से सटे हुए हैं,जहा शासकीय उप स्वास्थ्य केंद्र भवन तो बने हैं पर उप स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सुविधा दूर-दूर तक नजर नहीं आती ,स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर ,नर्स अन्य स्टाफ का कई भी अता पता नहीं होता।कई कई वर्षों व महीनों से उप स्वास्थ्य केंद्र में ताले ही लटके हुए नजर आते हैं। जब स्थानीय ग्रामीणों को शासन की स्वास्थ्य सुविधा समय पर ना मिले तो लोग मजबूर होकर अपना एवं अपने परिवार का इलाज कराने के लिए बरतराई आमाडांड के झोलाछाप डाक्टरो के शरण में जाना पड़ता है, जहां झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज करने के नाम पर लूट मचा रखी है। बरतराई आमाडांड में जगह-जगह झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक संचालित है कहीं डॉ ए .के .मलिक (बंगाली दादा ) जन स्वास्थ्य रक्षक बनकर हॉस्पिटल खोल रखी है तो कहीं कुछ दिनों पूर्व जेल से छूटे मिश्रा जी ने  बरतराई  में  क्लीनिक खोलने के साथ-साथ अपने रिश्तेदारों के नाम पर मेडिकल स्टोर खोलकर मरीजों का इलाज करने के नाम पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है मात्र अपनी अपनी जेब भरने के चक्कर में।

*रक्षक बन बैठा भक्षक*

स्वास्थ्य विभाग द्वारा बरतराई आमाडांड में जन स्वास्थ रक्षक के रूप में ए .के .मलिक (बंगाली) को स्थानीय लोगों के प्राथमिक उपचार हेतु उन्हें नियुक्त कर रखा था ,लेकिन उपरोक्त डॉक्टर जन स्वास्थ रक्षक के नाम पर अपनी स्वयं की हॉस्पिटल ही खोल डाली जहां डॉक्टर ए.के. मलिक बंगाली एमबीबीएस विशेषज्ञ जैसे डॉक्टर बनकर  सभी बीमारियों का लाइलाज व ऑपरेशन करते हुए नजर आते हैं इसके एवज में मरीजों से डॉक्टर चेकअप की फीस के नाम पर 200 रुपए प्रति व्यक्ति एंव ऑपरेशन  करने पर 15  से 20 हजार रुपए ऐठे जाते हैं ।डॉक्टर अपने  रिश्तेदार को वही पर मेडिकल स्टोर खुलवा कर भारी-भरकम महंगी दवाई लिखकर अच्छी खासी कमाई का अड्डा चला रखा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जन स्वास्थ रक्षक बंगाली द्वारा प्रत्येक कॉलरी कर्मचारियों का सीक मेडिकल बनाने के नाम पर प्रतिदिन के हिसाब से 20 से 25 रुपए लेकर अच्छी खासी कमाई की जा रही है, जन स्वास्थ्य रक्षक ही जब भक्षक बन जाए तो ऐसे में भला किसकी मजाल उसके अवैध क्लीनिक पर कार्यवाही करने की हिम्मत कर सके।

 *स्वास्थ्य विभाग बना मुकदर्शक*

बरतराई आमाडांड में जगह जगह झोलाछाप डॉक्टरों की अवैध क्लीनिक संचालित है जहां लोगों के सभी बीमारियों का इलाज होता है और साथ ही साथ झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक पर भारी भरकम सभी प्रकार की अंग्रेजी एवं आयुर्वेदिक दवाइयों भंडारण किया जाता है। झोलाछाप डॉक्टरों ए.के मलिक बंगाली,डॉक्टर मिश्रा की क्लिनिको पर भारी भरकम भीड़ देखते बनती है। यदि धोखे से भी कोई मरीज एक बार इनके झांसे में आ गया तो बीमारी तो दूर नहीं होती, लेकिन गरीब मरीजों की जिंदगी भर की जमा पूंजी और खाते पर जमा पैसा इलाज कराते कराते खत्म हो जाते हैं, लेकिन बीमारी ठीक होने का नाम नहीं लेती। ऐसा नहीं है कि झोलाछाप डॉक्टर ए .के. मलिक बंगाली  एंव  मिश्रा की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को नहीं है, स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी अपने चहेते झोलाछाप डॉक्टरों को अवैध क्लीनिक एंव हॉस्पिटल खोलने की गैर कानूनी तरीके से अनुमति बरतराई आमाडांड में दे रखी है, जिससे  निडर होकर झोलाछाप डॉक्टर अपनी-अपनी अवैध क्लीनिक संचालित कर रखी है और ए .के. मलिक बंगाली ,मिश्रा जैसे झोलाछाप डॉक्टर अच्छी खासी मोटी कमाई लोगों के  इलाज करने के नाम पर खून पसीने की कमाई  चूस रहे, और स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदार अधिकारी  कोयलांचल क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टरों के ऊपर कार्यवाही करने के बजाय धृतराष्ट्र बनकर मौन धारण कर बैठे।


*इनका कहना है*

जन स्वास्थ रक्षक द्वारा यदि अवैध तरीके से क्लीनिक पर इलाज कर मनमानी तरीके से लोगों से पैसे लिए जा रहे हैं वह गलत है, यदि क्लीनिक पर दवाइयों का भंडारण करके नाजायज तरीके से इलाज,  ऑपरेशन, सीक के नाम पर पैसे लिए जा रहे हैं तो निश्चित तौर पर मैं जांच कर कारवाही करूंगा।

*के .एल .दीवान खंड चिकित्सा अधिकारी कोतमा*
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