अपर कलेक्टर ने मंत्री के छुए पैर, जनता कैसे करेगी निष्पक्ष न्याय की उम्मीद ?
*अच्छे पदों पर रहना है तो करना पड़ेगा चरण वंदना, कब तक चलता रहेगा यह खेल ?*
अनूपपुर
चरण वंदना वाली खबर सोशल मीडिया में वायरल हो रही वीडियो और फ़ोटो के आधार पर बनाई गई है दबंग पब्लिक प्रवक्ता इस फोटो वीडियो की पुष्टि नहीं करता इस बात पर तो कोई हंगामा नहीं होना चाहिए कि कोई अपर कलेक्टर किसी मंत्री या विधायक के पैर क्यूँ छुए.? और आज के शिष्टाचारी परिवेश में तो ऐसी बातों को तूल नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन यह बात सही है कि सत्ता चरण वन्दना करवाती आई है और यह सदियों पुरानी रीत है कि बिना चरणवंदना के कहाँ मलाईदार मौके मिलते हैं। फिर भी चरणवंदना कहीं बन्द कमरों में तो कहीं खुले आसमान में होती है। इस तरह के वाकिये तो अक्सर होते रहते हैं, कई कलमकारों ने भी इसे कहीं-कहीं मक्खन पॉलिसी का नाम भी दिया है। बहरहाल, सार्वजनिक रूप से तो ऐसा नहीं होना चाहिए, लेकिन आज की चाटूकारिता के इस दौर में लोग सत्ताधीशों की चरण पादुकाएँ उठाने में भी पीछे नहीं रहते। समय समय पर इस तरह की चरण वंदना की खबरे आती रहती है। आपको अगर अपने हिसाब से रहना है तो आपको ये सब करना ही पड़ेगा चाहे जगह जो हो बस फर्क इतना है कि खुले जगह में ये वाक्या कैमरे में कैद हो जाता है। और बन्द कमरे का वाक्या वही तक सीमित रह जाता है।
*जी हुजूरी लगती है अच्छी*
आज के दौर में चरण वंदना करके ही सही रूप से सफल बन सकते हैं राजनीतिक बलशालियों के साथ संबंध बेहतर करना चाहते हैं, ये सब जरूरी है तो उन राजनीतिक बलशालियों की जी हुजूरी बहुत अच्छी लगती है। कुछ ऐसा ही मिश्रण देखने को मिला जब बीते दिनों मध्यप्रदेश शासन के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री व अनूपपुर विधानसभा के विधायक बिसाहू लाल सिंह का जन्मदिवस मनाया गया। जहाँ जिले के तमाम नेता, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों का जमावड़ा था। इसी दौरान जिले के अपर कलेक्टर सरोधन सिंह भी मंत्री जी को शुभकामनाएं देने पहुचे पर उनका अंदाज थोड़ा निराला था, जहाँ वो मंत्री बिसाहुलाल सिंह के पैर छूते नजर आए। अब जब जिले के जिम्मेदार अधिकारी ही मंत्री जी की चरण वंदना करते दिखाई दे रहे हैं तो यह सवाल उठना लाज़मी है कि जनता कैसे इन अधिकारियों से निष्पक्षता की उम्मीद रख सकती है जो किसी एक पार्टी के नेता मंत्रियों के पैर छू रहे हैं, वह जनता के साथ निष्पक्षता कैसे करेंगे.?
*मंत्रियो का दबदबा*
सरकार चाहे भाजपा की हो या कांग्रेस की मंत्रियों का अधिकारियों के ऊपर दबदबा हमेशा से चलते आ रहा है। और यह हमेशा चलता रहेगा क्यू की अधिकारियों को मंत्री की जरूरत हमेशा पड़ती रहती हैं ऐसे में मंत्रियों के आगे न झुकना उनके सम्मान के साथ खिलवाड़ माना जाता है और जिसकी भरपाई अधिकारियों को कही न कही से करनी पड़ती है मंत्री अपने आप को राजा समझते हैं और बाकी सारे लोग प्रजा है।