50 वर्ष बाद 4 महायोग में, हर्षोल्लास के साथ मनाया गया रक्षा बंधन का त्यौहार

50 वर्ष बाद 4 महायोग में, हर्षोल्लास के साथ मनाया गया रक्षा बंधन का त्यौहार

*बहनों ने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर लिया रक्षा करने का वचन*



(आनंद पाण्डेय की रिपोर्ट)

अनूपपुर

अनूपपुर मुख्यालय सहित पूरे जिले में रक्षाबंधन का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ बड़ी धूमधाम से मनाया गया सूर्योदय होते ही बहनों का अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने का सिलसिला शुरू हो गया  बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर आरती उतारकर मिठाई खिलाई और बहनों की रक्षा करने का वचन लिया राखी बांधने का सिलसिला लगातार शाम तक चलता रहा 2 वर्ष से कोरोना के कारण रक्षाबन्धन का त्यौहार थोड़ा फीका रहा मगर बहनों से बड़ी उत्साह के साथ त्यौहार को मनाया आज रक्षाबंधन का त्योहार 50 साल बाद यह महासंयोग बन रहा था उसी महासंयोग में रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया गया राखी त्योहार के 1 दिन पूर्व शनिवार को सुबह से लेकर देर शाम तक बाजारों में खरीददारों की भीड़ लगी रही बहने अपने भाइयों के लिए राखी मिठाई एवं फल फूल की खरीददारी करती नजर आई वही भाई भी कहां पीछे रहने वाले भाइयों ने भी अपनी बहनों के लिए उपहार देने के लिए दुकानों में खरीददारी करते नजर आए जिला मुख्यालय सहित कोतमा, बिजुरी, राजनगर, रामनगर, राजेंद्रग्राम, अमरकंटक, जैतहरी, वेंकटनगर, भालूमाड़ा, चचाई, सहित  सहित कोयलांचल क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी राखी पर्व के त्यौहार को लेकर खासा उत्साह देखा गया इस बार कोरोना कॉल के बाद राखी त्यौहार में बाजारों में रौनक लौट आई मगर पहले जैसे रौनक नही दिखी वही ट्रेनों एवं बसों में भी भीड़ देखी गई इस बार त्यौहार में महंगाई का असर भी देखा गया। राखी बांधने का सबसे उत्तम मुहूर्त : 22 अगस्त  को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट दोपहर से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक, राखी बांधना सबसे शुभ रहा बहनों ने भगवान से प्राार्थना की पूरे देश को इस कोरोना महामारी से निजात मिल जाये।

*राखी में बना 4 महासंजोग*

साल 2021 का रक्षाबंधन चार विशिष्ट योगों से परिपूर्ण है. यह महा योग पूरे 50 साल बाद बन रहा है. 50 साल बाद रक्षा बंधन के पर्व पर सर्वार्थसिद्धि, कल्याणक, महामंगल और प्रीति योग एक साथ बन रहें हैं. इसके पहले यह संयोग 1981 में एक साथ बने थे. इन चारों महा योगों से इस साल के रक्षाबंधन का महात्म्य बहुत अधिक बढ़ गया है. इस अद्भुत योग के मध्य भाई और बहन के लिए रक्षा बंधन की रस्म अति विशेष कल्याणकारी होगी। हिंदी पंचांग के अनुसार 22 अगस्त को सावन मास की पूर्णिमा तिथि है. सावन पूर्णिमा की तिथि हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. इस तिथि को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन का त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है. बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं. पूरे 50 साल बाद इस बार के रक्षा बंधन पर यह चार विशिष्ट योग बन रहें हैं. ऐसे में इस रक्षा बंधन का माहात्म्य अतुलनीय है।

*राखी पहले भगवान को अर्पित*

इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया नहीं रहने के कारण बहनें सूर्योदय के बाद कभी भी अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं. जिससे सुबह से ही राखी बांधने का दौर शुरू हो गया। बहनों ने पहले राखी को भगवान को अर्पित किया क्यू कि हिंदू धर्म शास्त्र के मुताबिक, सबसे पहले देवताओं को राखी बांधकर उनको भोग लगाना चाहिए. तत्पश्चात भाइयों को राखी बांधें. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और बहनों को मनवांछित वरदान देते हैं, भाइयों का घर धन-दौलत से भर जाता हैं। सबसे पहले राखी भगवान श्री गणेश जी को बांधना चाहिए. उसके बाद  देवताओं को जैसे भगवान विष्णु, भगवान शिव,भगवान श्री कृष्ण, भगवान श्री राम, भगवान हनुमान और अपने ईष्ट देव को राखी अर्पित करें के बाद ही भाइयों को राखी बांधें।

*नही दिखा कोरोना गाइड लाइन*

रक्षाबंधन त्यौहार होने के कारण 2 दिन पहले से ही बाजार में भीड़ भाड़ दिखने लगी थी राखी की तैयारी में सभी लोग बाजार से जरूरत का सामान खरीदते दिखे। त्यौहार के कारण बाजार में काफी भीड़ देखने को मिली अभी कोरोना महामारी के केश बहुत ही कम आ रहे हैं जिसके कारण कोरोना नियमो का पालन करते लोग नही दिखे लगभग 40% लोग ही मास्क में दिखे लोग भीड़ से परहेज करते नही दिखे। केश कम होने के कारण प्रशासन भी ज्यादा कड़ाई करते नही दिखी।



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