गौशाला होने के बाद भी गौवंश सड़को पर रहने को मजबूर, सारी व्यवस्थाए असफल

गौशाला होने के बाद भी गौवंश सड़को पर रहने को मजबूर, सारी व्यवस्थाए असफल

*सड़क पर हजारों लोगों की जान जाती हैं आवारा जानवरो की वजह से* 


अनुपपुर/कोतमा

हमारे देश मे गाय को गौ माता का दर्जा हासिल है उसके बाबजूद गौवंश की हालत बहुत ही चिंताजनक हो गयी हैं। एक समय था जब लोगो दिन में मवेशियों को सुबह करने के लिए भेज देते थे और शाम को अपने घर पर बांध लेते थे अब वो दिन नही रहा लोग जब तक गाय दूध देती है घर पर रखते है और उसके बाद बाहर सड़क पर मरने के लिए छोड़ देते हैं एक तरफ सरकार गौवंश के लिए गौशाला का निर्माण गांव गांव करवाई हैं आवारा पशुओं के लिए खाना पानी का बजट अलग से उपलब्ध कराई हैं उसके बाद भी गांव से लेकर शहरों के सड़को पर सैकड़ो की संख्या में देखने को मिल जायेंगे। सरकार का प्रयास पूरी तरह विफल नजर आ रहा है। गौवंश और गौशाला के लिए सरकार का बजट पर्याप्त नही है या प्रशासन अपना कार्य अच्छे से नही कर पा रहा है। ग्राम पंचायत से लेकर शहर तक सारे एजेंसियां अपने हाथ खड़े कर दे रही हैं।

*सड़कों पर बेबस रहने को मजबूर गौवंश*

प्रदेश सरकार गौवंश के लिए जगह जगह गौशाला का निर्माण कार्य करा रही हैजिससे गौवंश आवारा न घूम सके समुचित व्यवस्था बनी रहे।कोतमा नगर के मुख्य मार्गों पर सैकड़ों की संख्या में अलग अलग.जगह गौवंश बैठे रहते हैं। वर्तमान समय में बारिश का मौसम जिसमें भी गौवंश खुले आसमान के नीचे भीगते हुए खड़े रहने को मजबूर रहते हैं।मुख्य मार्ग मयूर ढा़बा एल आई सी आफिस बस स्टैंड भालूमाड़ा रोड व रेस्ट हाउस रोड पर देखने को मिलता है।सैकड़ों की तादात में बेजुबान पानी में भीगते हुए जान जोखिम मे रखकर गौवंश रहने को मजबूर रहता है।

*आये दिन होती है दुर्घटना*

चंद दिनों पूर्व नगर से महज पांच किलोमीटर दूर केवई पुल पर दर्जनों गौवंश दुर्घटना में काल के गाल मे समा गए। पूर्व में अनेकों बार सडक़ पर बैठे हुए जानवरों के कारण वाहनों से निकलने वाले लोगों से चूक हो जाती है और घटना हो जाती है इसके अलावा हजारों लोग भी दुघर्टना के कारण जान से हाथ धो बैठते हैं।

*हांका गैंग निष्क्रिय*

नगरपालिका परिषद द्वारा आवारा मवेशियों को पकड़ने व गौशाला तक पंहुचाने के लिए हांका गैंग बनाया गया था लेकिन उसका भी कोई अता पता नहीं है।जनप्रतिनिधि पार्टियों के पदाधिकारियों की कमी नहीं है मुख्य मार्गों से लग्जरी कारों से निकल जाते हैं लेकिन लाचार बेबस बेजुबान को देख कर दिल नही पसीजता। नगर के प्रबुद्ध जनो मे भी काफी आक्रोश है नगर की ब्यवस्था को लेकर गौवंशों के लिए समुचित व्यवस्था की जाए।

*गौशाला की स्थिति दयनीय*

गौवंश को रखने के लिए जितने गौशाला बने हुए हैं उस गौशाला में कोई गौवंश को देखने वाला नही हैं हमेशा खबरे आती रहती हैं कि गौशाला में बिना खाना पानी बीमार होने पर गौवंश की मौत हो रही हैं जिसे देखकर लगता हैं कि गौशाला केवल कागजों में ही सीमित हैं।जिनके पास गौशाला की जिम्मेदारी हैं वो निभाने में सक्षम नज़र नही आ रहा है। सरकार को चाहिए कि गौवंश की देखभाल और रक्षा के लिए कठोर कानून बनाये जिससे हमारी गौमाता की रक्षा हो सके 

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