काटे गए मानदेय एवं सेवा निवृति राशि की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कर्मी सड़क पर

काटे गए मानदेय एवं सेवा निवृति राशि की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कर्मी सड़क पर

*मुख्यमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन*


अनूपपुर/पुष्पराजगढ़

पुष्पराजगढ़ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन मध्य प्रदेश के तत्वाधान में महिला एवं बाल विकास विभाग में जमीनी स्तर पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाऐ जो पिछले 45 वर्षों से महिला एवं बाल विकास विभाग में सेवाएं दे रही हैं आंगनबाड़ी कर्मी अपने कार्य क्षेत्र में शासन के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रही हैं वे अन्य शासकीय कर्मचारी के बराबर या उससे बढ़कर काम कर रही हैं इसके बावजूद आंगनबाड़ी कर्मियों को कर्मचारी का दर्जा एवं न्यूनतम वेतनमान से वंचित रखा गया है ।

*13 महीने बीत जाने के बाद भी नही मिला मानदेय की बढ़ी हुई राशि*

काफी संघर्षों के बाद राज्य सरकार द्वारा आदेश क्रमांक 1164/212 दिनांक28/05/ 2018 के माध्यम से मानदेय में वृद्धि कर कार्यकर्ताओं के मानदेय में राज्य का हिस्सा 7000 एवं उप कार्यकर्ताओं को मानदेय 3500 एवं सहायिकाओं के मानदेय में राज्य का हिस्सा बढ़ाकर 3500 रु कर इसे एक जून 2018 से लागू किया गया परंतु 13 महीना बीत जाने के बाद भी राज सरकार द्वारा 27/06/2019 को एक अन्य आदेश जारी कर कार्यकर्ताओं के मानदेय से 1500 रु उप कार्यकर्ताओं के मानदेय से 1250 रु एवं सहायिकाओं के मानदेय से 750 रु की राशि कटौती कर ली गई जो कि अन्याय पूर्ण एवं अवैधानिक है।

*आंगनबाड़ी कर्मियों को कर्मचारी का दर्जा दिये जाने की मांग*

आंगनबाड़ी कर्मियों को कर्मचारी श्रमिक का दर्जा दिए जाने की मांग लंबे अरसे से की जा रही है मध्यप्रदेश न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड ने आंगनबाड़ी कर्मियों को न्यूनतम वेतन की अधिसूचित श्रेणी में शामिल कर परिषद बोर्ड की 26 जनवरी 2016 की बैठक में न्यूनतम वेतन का सर्वसम्मति से निर्धारण राज्य शासन के पास अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया है जिसे अभी तक लागू नहीं किया गया है इसी तरह प्रदेश सरकार ने 8 अप्रैल 2018 को सरकार द्वारा सेवानिवृत्त पर कार्यकर्ताओं को 10000 एवं सहित सहायिकाओं को 7500 रु देने की घोषणा की लेकिन उसे भी लागू नहीं किया गया

*कोविड -19 करोना योद्धा के रूप में किये काम*

 कोविड-19 महामारी में संक्रमण के दौरान आंगनबाड़ी कर्मी स्वास्थ्य विभाग के अमले के साथ कंधे से कंधा मिलाकर करोना योद्धा के रूप में काम किये लेकिन उन्हें करोना योद्धा के लिए घोषित अतिरिक्त राशि से वंचित रखा गया एवं कोविड-19 ड्यूटी के दौरान मृत आंगनवाड़ी कर्मियों को परिवार को बीमा राशि तक नहीं दी गई। 

*12 सूत्रीय मांग को लेकर किया प्रदर्शन*

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन मध्य प्रदेश द्वारा आज 12 जुलाई 2021 को राष्ट्रव्यापी मांग दिवस के दौरान आयोजित प्रदर्शन के माध्यम से यह मांग करते हुये 08 सूत्रीय मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा अपनी आवाज बुलंद करते हुऐ अपनी मांग रखी जिसमें मुख्य रूप से  (1) राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कर्मियों के मानदेय से अवैधानिक कटौती का आदेश निरस्त कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय से काटी गई 15 सो रुपए उप केंद्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 1250 रुपए एवं सहायिकाओं के मानदेय से काटी गई राशि 750 की मासिक राशि एरियर सहित भुगतान किया जाए इस राशि का बजट आने वाले बजट सत्र में पास किया जाए

(2) प्रदेश सरकार की ओर से सेवानिवृत्ति पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 100000 रु एवं सहायिकाओं को 75000 रु देने की घोषणा को घोषणा दिनांक से लागू कर घोषणा के बाद सेवानिवृत्त सभी कर्मियों को यह राशि दिया जाए तथा इसी बजट में शामिल किया जाए

(3) आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को कर्मचारी के रूप में नियमित किया जाए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 30000 और सहायिकाओं को 21000 न्यूनतम वेतन दिया जाए उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पूर्ण केंद्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बराबर मानदेय एवं सुविधाएं दिया जाए तथा इसी राशि का बजट इसी वित्त वर्ष के बजट में पारित किया जाए

(4) जिला प्रशासन के अंकित निर्देशों पर आंगनबाड़ी कर्मियों की अंकित एवं अवैधानिक सेवा समाप्ति को रोका जाए इसी तरह सेवा समाप्त किए गए सभी आंगनबाड़ी कर्मियों को देश सेवा समाप्ति का आदेश निरस्त कर उन्हें तत्काल बहाल कराया जाए

(5) आईसीडीएस के किसी भी तरह के निजीकरण पर रोक लगाई जाए (6)मध्य प्रदेश श्रम सलाहकार परिषद बोर्ड के 22 जनवरी 2016 के सर्वसम्मत अनुमोदन को लागू कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के लिए न्यूनतम वेतन लागू किया जाए

(7) कोविड-19 की ड्यूटी के दौरान मृत सभी आंगनबाड़ी कर्मियों के परिवार को जिन्हें अब तक बीमा राशि नहीं दी गई है उन्हें 50 लाख रुपये की बीमा राशि तुरंत मुहैया कराया जाए एवं मृत कार्यकर्ता के एक आश्रित को शासकीय सेवा प्रदान किया जाए

(8) आंगनबाड़ी कर्मियों एवं यूनियनों के प्रतिनिधियों से परामर्श किए बिना विभाग द्वारा मनमाना तरीके से यूनिफार्म का डिजाइन व कलर दोनों के निर्धारण को रोका जाए वर्तमान में आंगनबाड़ी कर्मियों द्वारा विरोध के चलते पूर्व का गाजरी कलर की नीली बॉर्डर वाली साड़ी को यथावत रखा जाए।

*शीघ्र ही मांग पूरी नहीं हुई तो होगा उग्र आंदोलन*

फूल नही चिंगारी हैं हम भारत की नारी है की तर्ज पर आंदोलन करते हुऐ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन के बैनर तले आंदोलन कर रही ब्लॉक की अध्यक्ष ज्ञानकली बनावल एवं महासचिव सरिता रजक द्वारा शासन से अपनी जायज मांगो को लेकर अपने अधिकार की लड़ाई लड़ते हुये आगाह किया की हमारी मांगे अगर सीघ्र ही पूरी नही की जाती तो उग्र आंदोलन कर अपनी मांग मनवाने के लिये हमें विवस होना पड़ेगा।

Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget