गौ शालाओं ही हालात बदतर, बीमार गाय बिना इलाज के भूख प्यास से तड़प रही
*गौ शालाओं की लापरवाही और अनदेखी नहीं होगा बर्दाश्त- बजरंग दल*
अनूपपुर/कोतमा
हमारे देश मे गाय को गौ माता का दर्जा प्राप्त है मगर उनकी हालात दिन प्रतिदिन बहुत ही खराब होते जा रही भाजपा सरकार आने के बाद से गांव गांव में लाखों की लागत से गौशाला का निर्माण कराया गया वही आवारा पशु और सड़कों पर विचरण करने वाले गाय भैंस एवं अन्य पशुओं के लिए प्रशासनिक व्यवस्था के तौर पर लाखों के निर्माण से गौशाला बनवाई गई और उसका देखरेख का जिम्मा ग्राम पंचायत को दिया गया। पर ग्राम पंचायत गौशाला के प्रति अनदेखी और लापरवाही के कारण कई गायों की मृत्यु पूरे अनूपपुर जिले में हो रही है। ठीक ऐसा ही हाल कोतमा जनपद के ग्राम पंचायत सारंगढ़ का है जहां दो दिवस पूर्व 3 गाय खत्म हुए थे। जिसके बाद भी ग्राम पंचायत द्वारा लापरवाही बरती गई बीमार गाय का सही समय पर इलाज नही कराया जाता और पशुओं को भोजन पानी की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पशुओं की स्थिति दयनीय होती जा रही हैं।
*लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त*
ग्राम पंचायत सारंगढ़ अंतर्गत गौशाला के निरीक्षण करने गए बजरंग दल के प्रखंड संयोजक अनुज गौतम ग्राम पंचायत स्थित गौशाला की स्थिति का जायजा लिया। जहां उन्होंने पाया कि भोजन और पानी की उचित व्यवस्था ना होने के कारण गौमाता है दम तोड़ रही हैं वही कई गायों की स्थिति बहुत ही दयनीय थी जिसकी जानकारी फोन पर ग्राम पंचायत सचिव एवं कोतमा एसडीएम साथ ही पशु विभाग के डॉ श्री चौहान से बात कर गौशाला की दयनीय स्थिति के बारे में बताया और साथ ही जल्द से जल्द पशुओं को पशु चिकित्सा देकर स्वस्थ करवाने की बात कही। अनुज ने बताया कि जब इस संदर्भ में सचिव से बात की गई तो उन्होंने आजीविका समूह के तहत पशुओं के देखरेख की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया। वही दो गाय बीमारी के हालत में सारंगढ़ गौशाला के गेट में भूख प्यास से दम तोड़ने के करीब पहुंच चुकी हैं जिसकी देखरेख के लिए ना तो कोई पंचायत का व्यक्ति वहां स्थित था और ना ही कोई आजीविका समूह के व्यक्ति उपरोक्त स्थान पर देखरेख कर रहा था साफ तौर पर जाहिर है कि गौशाला के नाम पर आने वाले फंड को पंचायत द्वारा राशि का आहरण कर डकार लिया जा रहा है ना तो पशुओं को खाने को भोजन मिल पा रहा है और ना ही साफ-सुथरा पानी की व्यवस्था की जा रही है अगर जल्द ही ऐसी व्यवस्था पशुओं को नहीं की जाती है तो विवश होकर प्रशासन के विरुद्ध आंदोलन किया जाएगा।
*पंचायत देखती है व्यवस्थाएं*
गौशाला की सारी व्यवस्थाएं ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी में होती हैं लेकिन यहां तो मामला उल्टा हैं वही गौशाला के जिम्मेवार ना तो गौशाला में दिखाई दे रहे हैं और ना ही आसपास के कहीं समाजसेवी उक्त गौशाला की देखरेख में नजर आ रहे हैं। गौ माता के नाम पर वोट लेने वाली भाजपा सरकार के नुमाइंदे भी आसपास की गौशाला की देखरेख में ना तो कभी जाते हैं और ना ही गौशाला में बंद गौ माता की सेवा के लिए किसी प्रकार के सामाजिक कार्य करते हैं यही हालत जिले की अन्य गौशाला की भी है जहां बिना खाना पानी बीमारी से गौ माता और पशु दम तोड़ रहे हैं जिसे देखने वाला कोई नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आजीविका समूह द्वारा गायों की देखरेख का जिम्मा लिया गया है लेकिन या तो सिर्फ कागज मात्र में गायों की देखरेख की जाती है बाकी प्रशासन से देखरेख में और भोजन में आने वाला बजट पंचायत और आजीविका का समूह के लोगों द्वारा मिल बांट कर खा लिया जाता है। गौशाला की अव्यवस्थाएं फोटो में साफ साफ नजर आ रही हैं किसी से छुपी नही हैं।
*सड़को पर जानवर*
ग्राम पंचायतों में गौशाला बनने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रो में जानवर सड़को पर सैकड़ो की तादात में दिख रहे हैं उनकी व्यवस्था केवल कागजो पर हो रहा है और खर्च होने वाली राशि भी कागजो पर सिमट कर रह गयी हैं। गौ माता के नाम पर भी लोग रुपए का बंदरबांट करते हैं। सरकार के द्वारा भारी भरकम राशि खर्च होने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई हैं।
*सीईओ का नही उठता फोन*
जनपद पंचायत कोतमा के मुख्य मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर पी त्रिपाठी जब से कोतमा में पदस्थ हुए है तब से ग्राम पंचायतों में और भी भ्रष्टाचार बढ़ गया है सचिवों की दादागिरी और भी बढ़ गया इनके आशीर्वाद से सचिव लोगो की बल्ले बल्ले हो गयी हैं। सैकड़ो शिकायते इनके पास होती हैं मगर कोई भी जांच कार्यवाही नही करते पूरी छूट देकर रखे हैं जब भी किसी भी मामले को लेकर सीईओ साहब को कॉल करो तो इनका मोबाइल कभी नही उठता, अगर इनको दूसरी या तीसरी बार कॉल कर दे तो कॉल काट देगे और वापस कॉल भी नही करेंगे कॉल करते ही समझ जाते है किसी गड़बड़ मामले का वर्जन देना पड़ेगा जब जिले में बैठे इनसे बड़े अधिकारियों का कॉल रिसीव हो जाता हैं मतलब आर पी त्रिपाठी सबसे बड़े अधिकारी बन गए, बस पगार लेकर कुर्सी तोड़ते बैठे रहते हैं।
*इनका कहना है*
1. गौशाला में पानी भूसा की सारी व्यवस्था हैं कोई भी जानवर को भूखा प्यासा नही रखा जाता है गाय बीमार थी उसका इलाज कराया जा रहा हैं।
*बलराम पाठक सचिव सारंगढ़*
2. *इस मामले को लेकर जनपद सीईओ आर पी त्रिपाठी को 3 बार कॉल किया गया तो 3 बार कॉल नही उठा और चौथी बार कॉल काट दिया गया*
३. यह खबर गलत हैं गौशाला में सारी व्यवस्थाएं हैं बीमार गाय का इलाज करवाया जा रहा है गाय पहले से बेहतर है
*मिलिंद नागदेवे सीईओ जिला पंचायत अनूपपुर*