प्रबंधन की कुनीतियों का शिकार, कोयला उत्पादन छोड स्वहित के कामों मे ध्यान
*पद का कर रहे है दुरुपयोग, करोड़ो खर्च करने के बाद भी हालात जर्जर*
अनूपपुर/कोतमा
ज़मुना कोतमा क्षेत्र विगत कुछ माह से प्रबंधन की कुनीतियों का इस कदर शिकार है कि कोयला उत्पादन मे वृद्धि करने के प्रयास मे जोर देने की बजाय अपने निजी हित साधने मे पूरा ध्यान और प्रयास किया जा रहा है। अन्यथा ओसीएम मे 20 दिनो से एक शावेल मशीन बिना काम के खडा रखा गया है l ओ बी के उत्खनन कार्य मे कार्यरत निजी ठेका कंपनी द्वारा प्रतिदिन और मासिक ओबी उत्पादन लक्ष्य से कम ओबी हटाया जा रहा है। मुख्यालय से जारी आदेश मे उक्त ठेका कंपनी से पैनाल्टी काटे जाने के आदेश के बावजूद आज तक एक रूपये नही काटा गया l क्षेत्र कई सौ करोड के घाटे मे चल रहा है किंतु कोई भी उच्च अधिकारी इस बिषय मे कोई ठोस कदम नही उठा रहे हैं l सब केवल अपने कार्यकाल और भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से निजी लाभ पर केन्द्रित होकर कई लाख का मासिक वेतन और लाखों की सुविधाये कंपनी से लेकर अपने पद का दुरूपयोग कर रहे हैं। कंपनी के आवासों मे डीसेंट हाऊसिंग के द्वारा सिविल काम के बाद भी जर्जर हैं l करोडों रूपये पेय योग्य पानी के नाम पर खर्च होने के बाद भी शुद्ध पानी को तरसता हैँ समूचा क्षेत्र, प्रत्येक आवास मे बारिश के पानी से रिसाव हो रहा है। कई लाख रूपये गत वर्ष से बिटुमन छतों मे लगाने का टेंडर के माध्यम से आवांटित होते हुये भी ठेकेदार से काम नही लिया जा रहा है ऊपर से ठेकेदार का कुछ बिल भी पास कर भुगतान कर दिये गये। क्षेत्र के आज प्रत्येक आवास के छतों मे श्रमिक बरसाती पन्नी लगाकर रह रहा है। क्षेत्र की और प्रबंधन की इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति और क्या हो सकता हैँ। यह दूर्दशा महारत्न कंपनी के ज़मुना कोतमा क्षेत्र के श्रमिकों का है। आखिर वजह क्या है। हर श्रमिक जनता और कहता है सिर्फ़ प्रबंधन की भ्रष्ट नीतियां ज़िम्मेवार हैँ किंतु प्रबंधन के कान मे जू तक नही रेंग रहा है। भारी बारिश मे प्रबंधन डामर की सड़क गोविन्दा-लहसुई कॉलोनी मे बनाने मे श्रमिकों के विरोध के बाद भी अपने त्वरित निजी लाभ के लिये आमादा है।श्रमिक और प्रबंधन सब जानता समझता है कि बरसात मे बनने वाली सड़क साल भर नही चलने वाली है, फिर प्रबंधन मूलभूत ज़रूरी कार्य छत की मरम्मत की बजाय सड़क का काम पर ध्यान ज्यादा क्यो दे रही है। एक संघ के दो सदस्यों को साथ ले जाकर स्टाफ़ ऑफिसर सिविल फोटो खिचवा सड़क का सैंपल लेकर गुणवत्ता का प्रमाण दे रहे हैँ। जिस संघ के दो सदस्य साथ मे गये उस संघ का कहना है कि क्षेत्र मे सिविल का सभी काम अच्छा किया जा रहा है एवं निर्माणाधीन सड़क की गुणवत्ता का प्रमाण दिया जा रहा है कि सड़क की गुणवत्ता ठीक है जैसे कि वे कोई गुणवत्ता का प्रमाण-पत्र जारी करने वाले संस्थान हो य़ा सड़क विशेषग्य हों क्षेत्र के श्रमिकों के आवासों की जो हालात है वही श्रमिक उस संघ को आने वाले समय मे जबाव देंगे और पहचान गये हैँ कि कितने श्रमिक हितैषी हैँ। जिनकी नजर मे श्रमिक के लिये सिविल विभाग और प्रबंधन का कार्य अच्छा है। इस बिषय मे जब कोयला मजदूर सभा एचएमएस के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्रीकांत शुक्ला बात की गई तब उन्होने कहा कि मुझे अपने संघ और अपने काम से मतलब है एवं मैँ कोई टिप्पणी नही करना चाहूँगा सभी संघ कोयला खान के श्रमिक साथियों के प्रति सेवा का अपना तरीका हैँ। मैँ और मेरा संघ श्रमिकों की आवाज उठाने मे विश्वास रखते हैँ न कि प्रबंधन के पक्ष मे उनकी मनचाही भाषा का उनके प्रवक्ता के तौर पर उनका प्रचार -प्रसार का कार्य करने का। यदि प्रबंधन सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच करवाने को ज्यादा ही उत्सुक है, तब सभी श्रम संघ के पदाधिकारियों और प्रबंधन के अधिकारी- इंजीनियर को साथ लेकर सैंपल को कई जगह से एकत्र कर सील बंद कर सभी के दस्तखत के साथ किसी विश्वनीय सरकारी संस्था से करवाया जाय। सैंपल का एक सेट संघ को भी सील बंद दिया जाय ज़िससे संघ भी जांच करवा सके l श्री कांत शुक्ला ने आगे कहा कि श्रमसंघ की ज़िम्मेवारी होती है कि श्रमिको के हितों सुख- सुविधाओं के लिये प्रबंधन को निरंकुश नही होने दें न कि प्रबंधन की कुनीतियों को सहयोग देकर बढावा दें। प्रबंधन तो चाहता ही है कि संघ आपस मे ही वैचारिक मतभेद करे ज़िससे उनके मन मुताबिक नियम विरुद्ध कार्य आचरण मे सहुलियत होती रहे। इसलिये मैँ सभी संघों से अपील करूँगा कि आज श्रमिक आवास मे हो रहे पानी के रिसाव, शुद्ध पेय जल की पर्याप्त आपूर्ति, कॉलोनी मे व्याप्त गंदगी की सफाई और कोयला उत्पादन मे वृद्धि सबसे ज़रूरी मुद्दे हैं। ज़िन पर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही की मांग कर प्रबंधन से चर्चा कर श्रमिकों के हित मे कार्य करें न कि के व्यक्तिगत हित साधक बने l