सेवा, समर्पण, कर्तव्य की भावना से ही डॉक्टर को भगवान का दर्जा प्राप्त है

सेवा, समर्पण, कर्तव्य की भावना से ही डॉक्टर को भगवान का दर्जा प्राप्त है


*डॉक्टर दिवस की सभी डॉक्टरों को बहुत बहुत शुभकामनाएं डॉक्टर दिवस पर एक खास रिपोर्ट- (आनंद पाण्डेय की कलम से)*

अनूपपुर

 इस वक्त जब पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है। तब डॉक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका और उनकी कड़ी मेहनत को अनदेखा नहीं किया जा सकता। डॉक्टरों को समाज में भगवान का दर्जा प्राप्त है। अब जो लोग समाज और देश की सेवा में अपनी जान की चिंता किए बगैर दिन रात लग रहते हैं। उनके लिए साल का एक दिन तो समर्पित होना ही चाहिए। अनूपपुर जिले के मुख्यालय में निवासरत कई डॉक्टर सेवा लगन और कर्तव्यों खरे उतरते हैं।

1.   डॉक्टर एस आर पी द्विवेदी एमड़ी की डिग्री ग्वालियर से 1983 में प्राप्त की और 1983 में ही अनूपपुर जब एक छोटा सा कस्बा  था उस समय इनकी पदस्थापना अनूपपुर स्वास्थ्य केंद्र में पहली बार हुई उसी समय से ये बिना रुके लगातार चिकित्सा की क्षेत्र में अपनी सेवाएं देते चले आ रहे हैं अनूपपुर से इनका स्थानांतरण भी एक बार 2 वर्ष के लिए फुनगा और वेंकटनगर में हुआ वो अपनी सेवाएं यहाँ भी अच्छे से देते रहे फिर इनका अनूपपुर फिर वापसी हो गई तब से 65 वर्ष की उम्र तक लोगो की सेवा करते ये ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर एवं सिविल सर्जन के पद पर कार्य करते हुए कई जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया।


 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होने के बाद भी इनके चिकित्सा के क्षेत्र में अच्छी लगन होने के कारण इन्होंने फिर से जिला चिकित्सालय में सेवा देने के लिए आवेदन दिया और विगत 3 वर्षों से लगातार सेवा देते चले आ रहे है 2 वर्ष से कोरोना कॉल में भी बिना भय के इन्होंने पूरे लगन कर्तव्य से लोगो की सेवा में हमेशा खड़े रहे। डॉ. द्विवेदी को अनूपपुर जिले, नगर के अलावा ग्राम के लोग भी बहुत ही अच्छे से जानते ये चिकित्सालय के अलावा बचे हुए समय मे सुबह और शाम को घर पर भी लोगो को चिकित्सीय परामर्श और इलाज करते है।डॉक्टर एस आर पी द्विवेदी ने अपने सभी चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य करने वाले डॉक्टरों को डॉक्टर दिवस पर शुभकामनाएं देता हूँ।

2.   डॉक्टर एस सी राय एमबीबीएस की डिग्री 1988 में गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल से प्राप्त की इनकी पहली पदस्थापना 8 जुलाई 1996 को शहडोल जिला चिकित्सालय में हुई इनके पास डीएमसीएच की डिग्री भी प्राप्त की है इनकी दूसरी पदस्थापना 14 जुलाई 1996 में अनूपपुर स्वास्थ्य केंद्र में तब अभी तक ये अनूपपुर जिले में अपनी सेवाए लोगो को देते चले आ रहे हैं। 


ये अपनी सेवाएं फुनगा में 1 वर्ष 6 माह, चोलना में 2 वर्ष एवं जैतहरी में 1 वर्ष देते रहे इनकी लगन कार्यकुशलता के कारण 19 अगस्त को इनको सिविल सर्जन का पद दिया गया मार्च में कोरोना महामारी आने के बाद भी ये अपने कर्तव्यों भली भांति सेवा का निर्वहन करते हुए पिछले वर्ष 30 अगस्त 2020 को   कोरोना की चपेट में आकर पॉजिटिव निकल गए और इनकी ज्यादा तबियत खराब होने पर भोपाल चिरायु अस्पताल रेफर किया गया जहाँ पर इनका लगभग 1 माह 15 दिन इलाज चलता रहा जब वापस स्वस्थ्य होकर लौटे तो इन्होंने फिर से अपनी सेवा देना शुरू कर दिए इनको 12 मार्च 2021 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद का प्रभार दिया गया डॉक्टर एस सी रॉय का कहना है कि कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मौत के मुँह से बचाने वाले चिरायु अस्पताल के सभी डॉक्टरों को डॉक्टर दिवस पर बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूँ।

3.  डॉ बृजनंदन शुक्ला ने अपनी बी ए एम एस की डिग्री बैंगलोर के राजीव गांधी यूनिवर्सिटी से सन 2009 में पूरी की जिसके बाद सी एस डी( त्वचा रोग)  पुणे से की तथा 2011 से अनूपपुर सहर में अपनी सेवाएं अपनी क्लिनिक में दे रहे है जो कि शंकर मंदिर चौक बस्ती रोड अनूपपुर में है अब तक आयुर्वेद पद्दति से कई रोगों का सफल इलाज किया।


 वर्तमान में इस महामारी में इन्होंने अपनी सेवाएं जिला चिकितसालये अनूपपुर में दी वर्तमान में ये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फुनगा में अपनी सेवाएं दे रहे है और समाज मे अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। आयुर्वेद चिकितसा द्वारा इन्होंने वात रोग,त्वचा(चर्म रोग), पथरी, थाइरोइड, कोलेस्ट्रॉल,पाचन संस्थान पेट विकार महिलाओं से सभी जटिल बीमारियों का सफल इलाज कर रहे है कई पुरानी और गंभीर बीमारी जिसका इलाज मॉडर्न चिकित्सा में मरीज परेशान होता है उसमें सफल आयुर्वेद का इलाज अब तक सफलता पूर्वक किया ह। अनूपपुर में जो लोग आयुर्वेद चिकित्सा को भूल चुके थे पुनः लोगो को आयुर्वेद के बारे में समझाकर इस चिकित्सा से हजारों लोगो को कई बीमारियों से ठीक किया है। कोरोना कॉल में भी ये अपनी सेवा और कर्त्तव्य भावना से पीछे नही हटे और लगातार अपनी सेवाएं देते चले आ रहे है। डॉक्टर बृजनंदन शुक्ला जिन गरीबो के पास फीस देने के रुपये नही होते उन्हें निःशुल्क परामर्श देते हैं। 

3.  डॉक्टर असीम मुखर्जी 1992 में भोपाल से होम्योपैथी, इलेक्ट्रो होम्योपैथी एमडी एवं आयुर्वेद रत्न की डिग्री हासिल करके 1993 से अनूपपुर के ग्राम कांसा से अपनी सेवा की शुरुआत करते हुए कई ग्राम पंचायतों में अपनी सेवाएं देने के बाद अब वार्ड़. न. 11 के सिद्ध बाबा के पास अपने आवासीय परिसर पर ही क्लीनिक खोलकर आज तक अपनी सेवाएं देते चले आ रहे है। इनकी पत्नी चंद्रकांता मुखर्जी होम्योपैथी बीई महिला स्पेशलिस्ट इनके साथ कदम से कदम मिलाकर अपनी सेवाएं बखूबी निभा रही हैं, डॉ. मुखर्जी के द्वारा पथरी, चर्मरोग का इलाज 100% मरीजी पूरी तरह ठीक हुए है इसके अलावा भी सभी प्रकार के छोटे और गम्भीर बीमारियों का इलाज करते हैं।


 इनका कहना है कि जब कोरोना कॉल में बहुत से प्राइवेट क्लीनिक वाले अपनी क्लीनिक को बंद कर लापता हों गये थे तब भी पहली और दूसरी लहर में लगातार एक भी दिन क्लीनिक बन्द न करके अपनी जान की परवाह न करते हुए लगातार लोगो की सेवा देते रहे। कोरोना जैसे लक्षण वाले जो मरीज इनके पास आते थे उन लोगो का इलाज शत प्रतिशत करते हुए सभी को ठीक किये है। जो गरीब मरीज इनके पास आते हैं उन लोगों के पास फीस देने और दवाई लेने के रुपये नही होते उनका इलाज ये पूरी तरह निःशुल्क करते है आज डॉक्टर दिवस पर ये समस्त डॉक्टरों को शुभकामनाएं देते हैं।


आज 1 जुलाई के दिन को देश भर मे डॉक्टर्स डे के रुप में मनाया जाता है। वैसे तो दुनियाभर में डॉक्टर्स डे अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है। ब्राजील से लेकर अमेरिका तक ये किस दिन सेलिब्रेट किया जाता है, वो भी जान लीजिए। ब्राजील - 18 अगस्त, ईरान - 23 अगस्त, अमेरिका - 30 मार्च

1 जुलाई को क्यों मनाते हैं डॉक्टर्स डे?

भारत में 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस यानी नेशनल डॉक्टर्स डे के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के पुर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की याद में मनाया जाता है। उनका जन्म 1 जुलाई 82 में हुआ था और इसी दिन साल 1962 में 80 वर्ष की उम्र उनका निधन हो गया था। बिधान चंद्र रॉय की गिनती देश के महान चिकित्सकों में की जाती है। इतना ही नहीं विश्वभर में चिकित्सा के क्षेत्र में उनका अहम योगदान रहा है।

डॉक्टरों को समाज के सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक माना जाता है। घर की तलाश करते समय देखे जाने वाली पहली चीजों में से सबसे पहले एक अस्पताल, नर्सिंग होम या डॉक्टर का क्लिनिक है। इसका कारण यह है कि पास में चिकित्सा संबंधी सहायता सुरक्षा की भावना प्रदान करती है। रोगियों के लिए विशिष्ट उपचार प्रदान करने के लिए डॉक्टर विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ हैं। इसमें से कुछ में एनेस्थिसियोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, एलर्जिस्ट, स्त्री रोग विशेषज्ञ, इम्मुनोलॉजिस्ट, निओनाटोलॉजिस्ट, ऑन्कोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, प्रसूति, फिजियोलॉजिस्ट और बाल रोग विशेषज्ञ शामिल हैं। किसी भी मेडिकल समस्या का सामना करते समय अधिकांश लोग सामान्यत: डॉक्टरों के पास जाते हैं। ये डॉक्टर मरीजों की जांच करते हैं और उन्हें दवा लिखते हैं और यदि उन्हें ज़रूरत पड़े तो उसे विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास भी भेज देते हैं। लोगों को जिंदगी को लेकर डॉक्टरों पर भरोसा करना चाहिए पर बहुत से अविश्वासों का भी प्रसार किया जा रहा है। डॉक्टर इन दिनों मरीजों का इलाज करने के उद्देश्य से अभ्यास नहीं करते हैं बल्कि पैसा कमाने के लिए करते हैं। लोगों को एक सरल चिकित्सा संबंधी समस्या का इलाज करने के लिए भी कई परीक्षण कराने का सुझाव दिया जाता है। सरकारी अस्पताल और क्लीनिक चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने का दावा करते हैं लेकिन इन जगहों पर बहुत भ्रष्टाचार है। हालांकि भारत में कई प्रतिभाशाली डॉक्टर हैं पर यहां स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र अच्छा नहीं है। कई योग्य डॉक्टर इन दिनों विदेशों में बेहतर अवसर तलाशने जा रहे हैं। इच्छुक चिकित्सक भी दवा के अध्ययन के लिए विदेशों में जा रहे हैं और वहां बस जाते हैं। 

 प्रस्तावना डॉक्टरों को हमारे समाज में एक उच्च दर्जा दिया गया है। चिकित्सा पेशे को सबसे अच्छे व्यवसायों में से एक माना जाता है। यह एक व्यवसाय भी है जो अच्छी आय कमाने में मदद करता है। डॉक्टर जीवन उद्धारकर्ता हैं किसी भी समाज के लिए डॉक्टर आवश्यक हैं I उन्हें जीवन उद्धारकर्ता माना जाता है हमारे दैनिक जीवन में हम अक्सर उन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं जो हमारी समझ से बाहर हैं। हमें इन समस्याओं को समझने और इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर से मदद की ज़रूरत है। मेडिकल हस्तक्षेप के बिना स्थिति खराब हो सकती है। इस प्रकार डॉक्टरों को जीवन सौहार्य माना जाता है। वे चिकित्सा विज्ञान के अध्ययन में अपने जीवन के कई साल लगाते हैं। एक बार जब वे इस क्षेत्र के बारे में सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं तो उन्हें इस पेशे को संभालने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षण दिया जाता है जो उनका लक्ष्य है। चिकित्सा व्यवसाय सदियों से विकसित हुआ है और अभी भी विकसित हो रहा है। विभिन्न बीमारियों की दवाएं तथा उपचार जो पहले उपलब्ध नहीं थे अब विकसित हुए हैं। चिकित्सा प्रौद्योगिकी ने भी समय गुजरने के साथ प्रगति की है। अगर हमारे पास अच्छे डॉक्टर हैं और हमारे आसपास के क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाएं हैं तो यह राहत की भावना देता है क्योंकि हमें पता है कि हमारे पास तत्काल सहायता का साधन है।

Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget