9 करोड़ पानी में आत्मनिर्भर का सपना अधूरा, मजदूर पलायन को मजबूर

 9 करोड़ पानी में आत्मनिर्भर का सपना अधूरा, मजदूर पलायन को मजबूर

सीएम ने रखी थी आधार शिला, मंत्री जी का क्षेत्र फिर भी  नौ दिन चले अढ़ाई कोष


मंत्री जी का इलाका है. 5 वर्ष पहले पूरे ताम झाम के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करोड़ों की लागत से बनने वाले औद्योगिक विकास क्षेत्र की आधारशिला रखी. युवाओं ने आत्मनिर्भर बनने का सपना भी बुन लिया. लेकिन सपना फिलवक्त तक सपना ही रहा. सब्जबाग के भंवर जाल में अब नहीं फंसना चाहते सो जिन्दगी जीने के लिए पलायन को चुन रहें हैं।

अनूपपुर। सोच अच्छी थी लेकिन शायद बहुतों की नीयत सही नहीं थी. तभी तो करोड़ों की लागत से जिन उद्योगों को स्थापित कराने का सब्जबाग दिखाया गया था वो अब तक बाट खोज रहा है।

प्रशासनिक उदासीनता ने लोगों की उम्मीदों को इस कदर तोड़ा कि आज की तारीख में युवा रोजगार के लिए पलायन को मजबूर हो गया है. कहानी मध्य प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह के विधानसभा क्षेत्र अनूपपूर अंतर्गत जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर कदम टोला की है.तो मामला कुछ ये है कि नेशनल हाईवे 43 के बगल की ही भूमि उद्योग स्थापित करने के लिए आवंटित की गई. इसे औद्योगिक क्षेत्र का नाम दिया गया. 2016 में भाजपा सरकार के तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगभग 9 करोड़ की लागत से औद्योगिक विकास क्षेत्र के विकास की आधार शिला कदम टोला पर रखी. इस परियोजना को हरी झंडी दिखाने का मुख्य उद्देश्य अनूपपुर जिले के युवाओं की औद्योगिक विकास में भागीदारी सुनिश्चित करना था. उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था. लेकिन मजाल है जो एक कदम भी आगे बढ़कर जिम्मेदारों ने अपनी कही पूरी की हो. 5 वर्ष बीत गए हैं लेकिन नतीजा अब तक सिफर ही है।

5 वर्ष बीतने के बाद भी नहीं हुई शुरुआत बिजली उत्पादन से इसने अपनी एक खास जगह बनाई है. सपना था प्रदेश का ये छोटा सा जिला औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर अपनी पुख्ता पहचान बना सके. परंतु 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक यहां पर स्थित 22 हेक्टेयर भूमि पर उद्योग के लिए कुछ खास नहीं हुआ. स्ट्रक्चर तैयार है जिसमें बिजली की भी व्यवस्था हो चुकी है, लेकिन परियोजना को संवारने के लिए उद्योग विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. जिसके कारण सडक़, बिजली सहित अन्य संसाधनों की उपलब्धता के बाद भी औद्योगिक एरिया से किसी प्रकार की ईकाइयां स्थापित नहीं हो सकी है।

सत्ता बदलाव के बाद भी रहा अछूतामध्यप्रदेश में 2018 चुनाव के बाद उम्मीद कांग्रेस नीत सरकार से थी. उम्मीद थी कि अब जिले का विकास होगा. लेकिन वो हो न सका. सत्ता परिवर्तन के बाद वर्तमान समय में भाजपा सरकार सत्ता पर काबिज है, ये परियोजना अब भी सिस्टम की खूंटी पर लटकी हुई है।

पूर्व में हुई थी नीलामीजिले के कदम टोला स्थित पर 22 हेक्टेयर में प्रस्तावित 110 भूखंड है. सूत्र बताते हैं कि 44 भूखंड की नीलामी कराई गई थी. कार्य में लेट लतीफी इतनी हुई कि नीलामी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी उद्यमियों को औद्योगिक केंद्र के विकास का इंतजार करना पड़ा. सो, औद्योगिक क्षेत्र में कंपनियां नहीं आ पाई लिहाजा नए सिरे से अब पुनः नीलामी की प्रक्रिया कहने की बात की जा रही है। 

रोजगार के लिए जिले के युवा हो रहे पलायनअनूपपुर में औद्योगिक विकास की गति इतनी सुस्त रही है कि पहले भी पलायन होता रहा है लेकिन अब इसमें गति आ गई है. जिले में बेरोजगारी के आंकड़े की बात करें तो- वर्तमान समय में (जिला रोजगार कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार) , 30 जून 2021 तक बेरोजगार की संख्या डराने वाली है. जो कुछ यूं हैं-कुल संख्या- 27024 पुरुष -15901 महिला -11123

क्या कहते हैं बेरोजगार जिले के कदम टोला स्थित औद्योगिक क्षेत्र के युवा सूरज कपूर बताते हैं कि बीजेपी सरकार में औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण कराया गया और कहा गया था कि यहां के युवा वर्ग को रोजगार दिया जाएगा. काम अधूरा रहा और बंद भी हो गया. युवाओं का कहना है कि पैसे का बंदरबांट कर दिया गया. युवाओं के पास सुझावों की भी कमी नहीं है. कहते हैं- उस समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नहीं इसकी घोषणा की थी आज भी प्रदेश के मुख्यमंत्री वही हैं और जिले में मध्य प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह भी इसी क्षेत्र से आते हैं. अगर वह चाहे तो जैविक क्षेत्र चालू हो सकता है.वर्तमान समय में जिले के बेरोजगार युवा इंदौर, भोपाल, गुजरात, छत्तीसगढ़ जैसी जगहों पर रोजगार के लिए पलायन करते हैं।

जिले में रोजगार के साधनअनूपपुर जिले में वर्तमान समय में एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 14 कोल माइंस संचालित हैं. इनमें हसदेव क्षेत्र भी आता है. परंतु 90 के दशक से कोल माइंस में मजदूरों की भर्ती बंद हो चुकी है. मोजर बेयर, सोडा फैक्ट्री -अमलाई इत्यादि जिले में संचालित है. परंतु स्थानीय युवाओं को यहां भी प्राथमिकता नहीं दी जाती।

कह कहते हैं अधिकारीअनूपपुर जिले के उद्योग विभाग के जिला अधिकारी रतन सिंह धावर ने बातचीत में कहा कि मुख्यालय व प्रदेश स्तर पर जितने भी औद्योगिक क्षेत्र प्रतिक्षित हैं सभी को एक साथ निविदा के माध्यम से प्रस्तावित किया जाएगा. आगामी जुलाई-अगस्त तक विज्ञापन निकलने की पूरी संभावना है. पूर्व में स्ट्रक्चर अविकसित होने के कारण जो ऑनलाइन फॉर्म भरे थे उन्हें पुनः भरना पड़ेगा. जो भी पात्र होंगे प्रक्रिया के आधार पर जल्द ही भूखंड आवंटित किया जाएगा. जिले में औद्योगिक क्षेत्र खुलने के कारण स्थानीय युवाओं को यहां पर रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

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