तालाब घाट तोड़ने की सचिव ने गांव वालों के खिलाफ थाने में की फर्जी शिकायत
*दोनो सचिव की जुगल जोड़ी सब पर भारी, घोटाला ही घोटाला, शिकायत करके खुद फंस गया सचिव*
अनूपपुर
जिला अनूपपुर के देवगवा ग्राम पंचायत में एक कहावत उल्टा चोर कोतवाल को डांटे चरितार्थ हो रही हैं देवगवा बर्खास्त सचिव राजकुमार शुक्ला एवं वर्तमान सचिव रमेश केवट की जुगल जोड़ी गांव में घटिया निर्माण के काफी चर्चा में है। बर्खास्त सचिव पद पर न रहते हुए भी पूरा शासकीय ग्राम पंचायत का कार्य का जिम्मा संभाल कर रखा हुआ है जितने भी पंचायत में कार्य होते है सारे कार्य बर्खास्त सचिव ही कराता है वर्तमान सचिव पुराने सचिव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बखूबी अंजाम दे रहा है दोनो सचिव नियमो की अनदेखी करके दबंगई से निर्माण कार्य मे लगातार भ्रष्टाचार कर रहा है जिस पर गांव वासी आपत्ति करते हैं तो वर्तमान सचिव उल्टा गांव वालो के खिलाफ थाना में निर्माण को तोड़ने का जबरदस्ती रिपोर्ट लिखा दिया गया हैं। जिससे गांव वाले डरे हुए है कि कही हमारा शिकायत करना उल्टा न पड़ जाए क्यू कि ये दोनो सचिव मिलकर कुछ भी करवा सकते हैं।
*थाना में हुई शिकायत*
ग्राम पंचायत के सचिव की ग्रामवासी लगातार शिकायत कर रहे है जिससे सचिव परेशान होकर गांव वालों को उल्टा फंसाने की तरकीब निकाल लिया है पंचायत द्वारा दुलहरा तालाब में घाट निर्माण किया गया था जो 2 माह में ही निर्माण टूटने लगा था जब उस घटिया निर्माण के लिए ग्रामवासी ने आवाज उठाई तो सचिव साहब आग बबूला हो गये और अपने लैटर पैड में लिखित शिकायत भालूमाड़ा थाना में दर्ज करा दी सचिव का कहना है कि गांव वालो ने सचिव को बदनाम करने के लिए तालाब में हुए घाट निर्माण को सब्बल, गैंती, फावड़े से तोड़ दिया गया है। जब मौके पर ऐसा कुछ भी नही हुआ है सचिव का कहना है कि गांव वालों ने निर्माण तोड़कर शासन की हानि की है इनके खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए।
*रातो रात हो गया रिपेरिंग*
उधर सचिव थाने में रिपोर्ट करता हैं गांव वालों के खिलाफ और फिर जांच से पहले ही समझ गया कि मेरी शिकायत जो घटिया निर्माण की जांच में पोल न खुल जाएगी और जांच टीम आएगी तो कुछ भी तोड़ फोड़ नही हुआ है तो घटिया निर्माण की रिपेरिंग करवा के बता दूंगा की तोड़े हुए घाट की रिपेरिंग करवा दिया।
*झूठी रिपोर्ट की पोल खुलेगी*
गांव वासी द्वारा तोड़े गए तालाब घाट की जांच करने जब देवगवा पंचायत थाने की पुलिस जाएगी तो उसे कोई भी तोड़ फोड़ तालाब में नजर न आने पर सचिव की झूठी रिपोर्ट की पोल खुल जाएगी और सचिव के ऊपर झूठी शिकायत पर कार्यवाही की गाज भी गिर सकती है। सचिव को अपने आपको सही बताने के लिए मजदूर लगाकर तालाब के घाट को तुड़वाना पड़ेगा मगर गांव वालों ने रिपेरिंग के पहले की और रिपेरिंग के बाद कि वीडियो बना कर रख लिए है। घटिया निर्माण की रिपेरिंग करवाकर सचिव खुद अपने जाल में फस गया।
*सचिव की पहुँच ऊपर तक*
पंचायत देवगवा घटिया काम जोरो पर किया गया है पंचायत सचिव के पास ग्रामवासी घटिया निर्माण की शिकायत करने जाते हैं तो कहता है मुझे काम करना कैसे करना है मुझे ।मत समझाओ मेरा जैसा मन करेगा वैसा काम करूंगा मेरी पहुँच ऊपर तक है तुम लोगो को जो करना हो कर दो मेरा कुछ नही होगा। शिकायत के बाद भी कुछ होने वाला नही हैं जब कि सचिव के घटिया निर्माण की कहानी खुद ब खुद बयान कर रहा हैं जो देखने से ही समझ आ जा रहा हैं। ग्राम पंचायत में जितने कार्य हुए हैं सारे कार्य नियमो को ताक रखकर किये है जिनकी ग्राम में चलती हैं कुछ ग्रामवासियों और बर्खास्त सचिव को अपने साथ मिलाकर लगातार घटिया निर्माण करवाता जा रहा है सचिव से गांव के लोग परेशान हो चुके हैं।
*ग्रामीणों ने की शिकायत*
घटिया निर्माण नियमो को ताक में रखकर कराए गए निर्माण कार्य की शिकायत की लगातार ग्रामीणों ने सीईओ, एसडीएम, कलेक्टर से की जा चुकी हैं। मगर सचिव पर कोई भी कार्यवाही नही हुई। सचिव जैसा कह रहा है कि मेरा कुछ नही हो सकता शिकायत के बाद वही सब हो रहा है ऐसे में लगता हैं कि सचिव की पहचान ऊपर तक है और ऐसे में उसको लगातार बढ़ावा मिल रहा है कार्यवाही न होने के कारण।
*अधूरा सड़क निर्माण*
पंचायत में 335 मीटर सी सी सड़क बनना था जिसकी लागत 9 लाख 62 हजार थी जो 150 मीटर ही बना लेकिन रुपये पूरे निकल गये इसी तरह कई मामलों में गोल माल होने की शिकायत ग्रामवासी लगातार करते आ रहे है। जिससे दोनों सचिव ग्रामवासी से खफा रहते है और वर्तमान सचिव से उल्टी पुल्टी शिकायत करते रहते है।
*बर्खास्त सचिव का गोलमाल*
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बर्खास्त सचिव राजकुमार शुक्ला लगभग 10 वर्षो से बर्खास्त हैं इनके ऊपर कई मामलों पर बिना पूरा निर्माण करवाये बिना ही ज्यादा रुपये निकालने का मामला आ चुका है जिसकी वसूली के लिए कई बार पत्र दिया जा चुका है वसूली जमा न करने एव सचिव का प्रभार न देने पर इन्हें बर्खास्त किया गया था। बर्खास्त होने के बाद भी ये अपने आप को पंचायत का सचिव समझते है। इनके घर का कोई जनपद में जन प्रतिनिधि होने के कारण इनकी धाक सभी जगह बनी हुई हैं। और उसी कारणों से अपनी हरकतों से बाज नही आ रहे है। उल्टे पुल्टे काम करते और करवाते रहते हैं।
*सचिव करता हैं आना कानी*
जब सचिव से ग्रामवासी किसी भी निर्माण की जानकारी के लिए जब भी पंचायत जाते हैं सचिव हमेशा नदारद रहता हैं मोबाइल पर कॉल करने पर कॉल नही उठाता कभी कही पर मुलाकात हो जाती है तो बोलता हैं कि अभी मेरे पास समय नही हैं बाद में बात करूंगा, और अगर दुबारा बोल दे कि 2 मिनट में जबाब देकर चले जाएं तो आग बबूला हो जाता हैं कि मैं तुम्हारा नौकर नही हूँ कि सारे सवालों का जबाब देता रहूँ।
*इनका कहना है*
1. देवगवा में तालाब घाट तोड़ने के मामले में जो थाने में सचिव के द्वारा शिकायत हुई है उसकी जानकारी मुझे नही है मैं मामले की जांच करवाता हूँ।
*बी एन मिश्रा सीईओ जनपद पंचायत अनूपपुर*
2. *इस मामले की जानकारी के लिए देवगवा सचिव रमेश केवट को उनके मोबाइल न. पर 3 बार कॉल किया गया तो कॉल नही उठा उसके बाद लगाए से मोबाइल स्विच ऑफ हो गया।*
3. ग्राम पंचायत देवगंवा में सचिव के द्वारा लगातार भ्रष्टाचार किया जा रहा है उसकी शिकायत ग्रामीण जन करते हैं उससे वो नाराज होकर गांव वालों के खिलाफ झूठी शिकायत थाने में कर दिया है थाने वाले आकर स्वयं जांच कर ले कोई तालाब के घाट पर कोई तोड़फोड़ नही हुई है।
*लक्ष्मीकांत शुक्ला ग्रामवासी देवगवा*